कैबिनेट ने 7 फरवरी 2025 को नया आयकर बिल 2025 मंजूर किया, जिससे 1961 के पुराने नियमों की जगह अधिक साफ और सरल टैक्स व्यवस्था आएगी। बिल के तहत टेक्स्ट छोटा, भाषा आसान व डिजिटल संपत्ति पर भी निगरानी बढ़ेगी और कार्यपालिका को टैक्स लिमिट बदलने के अधिकार मिलेंगे। नया बिल अप्रैल 2026 से लागू होगा।
फेडरल रिजर्व ने 18 दिसंबर, 2024 को ब्याज दर में की गई एक और कटौती का ऐलान किया है। यह कटौती अमेरिकी आर्थिक नीति में एक प्रमुख कदम माना जा रहा है। यह कटौती फेड के आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को समीकरण में लाने की कोशिश की गई है। यह लगातार तीसरी बार है जब दर में कटौती की गई है।
भारतीय और रूसी आर्थिक संबंधों में एक नया मील का पत्थर स्थापित हो चुका है। रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने अपने भारत दौरे के दौरान कहा कि भारत अब रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक सहयोगी बन गया है। यह संकेत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ट्रेड सेशन में दोनों देशों के अधिकारियों ने पारस्परिक व्यापार को $100 बिलियन तक पहुंचाने की इच्छा जताई।
यूनिकॉमर्स eSolutions IPO ने सब्सक्रिप्शन के लिए 6 अगस्त को दरवाजे खोले और ₹276.57 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा। इसके अंतिम दिन 8 अगस्त को बोली बंद हुई। इस IPO को बेहद अधिक सब्सक्राइब किया गया, जिससे निवेशक अपनी आवंटन स्थिति जानने के लिए BSE, NSE और IPO रजिस्ट्रार पोर्टल्स पर जांच कर सकते हैं।
जापान का प्रमुख निक्केई 225 स्टॉक इंडेक्स सोमवार को लगभग 13% की गिरावट पर बंद हुआ। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताओं ने वैश्विक बाजारों को झटका दिया। निक्केई 225 पिछले सप्ताह से लगातार गिरावट पर है, जिससे निवेशक अस्थिरता में हैं।
Nasdaq में सुधार की दिशा में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि मंदी की आशंकाएं बढ़ रही हैं। प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों Amazon और Intel की निराशाजनक भविष्यवाणियों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंताओं को बढ़ाया है। Nasdaq Composite अपने जुलाई के उच्चतम बंद भाव से 10% से अधिक गिर गया है, जिससे यह पुष्टि होती है कि बाजार में सुधार हो रहा है।
फेडरल रिजर्व की जुलाई बैठक के लिए सबकी नजरें तैयार हैं, जहां अर्थशास्त्री और निवेशक भविष्य की मौद्रिक नीति पर संकेतों का इंतजार कर रहे हैं। ताजे आर्थिक डेटा से संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति फेड के लक्ष्य की ओर वापस लौट रही है, जो ब्याज दरों के फैसले को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में हम आर्थिक पूर्वानुमानों और वैश्विक व्यापार मुद्दों की चर्चा करेंगे।
बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने चिंता जताई है कि SEBI के F&O ट्रेडिंग पर नियंत्रण के उपाय बाजार को उथला बना सकते हैं और 'डब्बा' ट्रेडिंग की वापसी कर सकते हैं। उनका मानना है कि इससे सच्चे हेजिंग महंगे और जटिल हो जाएंगे, जिससे छोटे ट्रेडर कैश स्टॉक्स और पेनी स्टॉक्स की ओर रुख करेंगे। SEBI के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वे वर्तमान में इक्विटी कैश मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग को नियंत्रित करने की योजना नहीं बना रहे हैं।
बजट 2024 की घोषणाओं के बाद निफ्टी ने महत्वपूर्ण स्तर 24,500 के पास अपने पैर जमाए हैं। ये स्तर निफ्टी की आगामी दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होंगे, खासकर तब जब इसमें STT के परिवर्तन शामिल हैं। भारतीय स्टॉक मार्केट की प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर भी नजर रहेगी।