वित्त: ताज़ा खबरें, असर और आसान समझ
कभी लगता है बाजार की खबरें तेज़ी से बदल जाती हैं और समझना मुश्किल हो जाता है? यहाँ आप पायेंगे सीधे, साफ और काम की खबरें — टैक्स से लेकर ब्याज दर, IPO और ग्लोबल मार्केट तक। हर खबर का असर आप पर कैसा होगा, यह भी आसान भाषा में बताऊंगा।
आज की प्रमुख खबरें
सबसे बड़ा अपडेट: कैबिनेट ने 7 फरवरी 2025 को नया आयकर बिल 2025 मंजूर किया। इसका मतलब क्या है? टैक्स कानून संक्षिप्त और आसान भाषा में होंगे, डिजिटल संपत्ति पर निगरानी बढ़ेगी और सरकार को कुछ सीमा तय करने का अधिकार मिलेगा। यह नया नियम अप्रैल 2026 से लागू होगा — मतलब अब से तैयारी करने का समय है।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर, फेडरल रिजर्व ने दिसंबर 2024 में ब्याज दर में कटौती की घोषणा की। यह कदम वैश्विक बाजारों को प्रभावित कर सकता है — उधार सस्ता हो सकता है और कुछ निवेशों पर असर पड़ सकता है। इसी कारण Nasdaq और निक्केई जैसी इंडेक्सों में तेज़ी-या गिरावट देखने को मिल रही है।
भारत-रूस के आर्थिक संबंध भी चर्चा में हैं — दोनों देश व्यापार बढ़ाने की चाह रखते हैं, जिससे ऊर्जा और रक्षा सेक्टर में बड़े सौदे बन सकते हैं। घरेलू बाजार में IPO की उछाल भी जारी है; यूनिकॉमर्स eSolutions के आवंटन के बारे में निवेशक BSE/NSE और रजिस्ट्रार पोर्टल पर स्टेटस चेक कर सकते हैं।
आपके लिए क्या मायने रखता है
अगर आप आम टैक्सदाता हैं: आयकर बिल में भाषा और नियम सरल होंगे तो रिटर्न फाइलिंग आसान हो सकती है, पर डिजिटल संपत्ति की घोषणा पर ध्यान दें। कर योजना बनाते समय अगले साल अप्रैल को टारगेट रखें।
अगर आप निवेशक हैं: फेड की दरें और वैश्विक संकेतक सीधे बाजार की धारणा बदलते हैं। ऋण सस्ता होने पर कर्ज लेने के अवसर मिल सकते हैं, पर स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव की तैयारी रखें। निक्केई की भारी गिरावट और Nasdaq की अस्थिरता यह दिखाती है कि ग्लोबल जोखिम अभी भी रहेंगे।
यदि आप छोटे निवेशक हैं: SEBI के नियमों और F&O कंट्रोल पर नजर रखें — बदलाव से ट्रेडिंग की प्रकृति बदल सकती है। IPO में भाग लेने से पहले कंपनी के फंडामेंटल देख लें और आवंटन स्टेटस नियमित रूप से चेक करें।
हॉट टिप्स: (1) अपने आपातकालीन फंड को कम से कम 6 महीने के खर्च तक रखें। (2) टैक्स प्लानिंग शुरू कर दें — नया बिल लागू होने तक स्थिति साफ हो सकती है। (3) निवेश को डायवर्सिफाई करें — बैंक फिक्स्ड, इक्विटी और गोल्ड में संतुलन रखें।
यह पेज रोज़ाना अपडेट होता है ताकि आप ताज़ा वित्त खबरें और उनका असर समझ सकें। अगर कोई ख़ास मुद्दा जानना चाहते हैं — जैसे आयकर के किस हिस्से का असर आपको सबसे ज़्यादा लगेगा या किसी IPO की डीटेल — बताइए, हम उसे प्राथमिकता देंगे।
26 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार ने मजबूत उछाल किया। सेन्सेक्स 85,836.12 पर बंद हुआ जबकि निफ़्टी 26,216 तक पहुंचा, पहली बार 26,200 स्तर को पार करते हुए। इस बढ़त के पीछे ऑटो और मेटल सेक्टर की ताकत थी, जबकि आईटी व फार्मा ने दबाव दिखाया। मिड‑कैप व स्मॉल‑कैप में कमजोरी के बावजूद बड़े‑कैप ने भरोसा दिखाया। नई IPO भी निवेशकों की रुचि को झलकाती रही।
रुजिस्टर हाई कोर्ट ने CBDT को टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाने का निर्देश दिया। कर्नाटक और गुजरात हाई कोर्ट ने भी समान आदेश जारी किया। इस कारण कंपनियों, प्रोप्राइटरशिप और पार्टनरशिप फर्मों को अतिरिक्त समय मिलेगा। तकनीकी गड़बड़ियों से जूझ रहे टैक्सपेयर अब पेनल्टी के डर से मुक्त हैं।
आयकर विभाग ने AY 2025‑26 की ITR डेडलाइन को 16 सितंबर 2025 तक सीमित कर दिया, 30 सितंबर का कोई विस्तार नहीं। विभिन्न करदाता वर्गों की अलग‑अलग अंतिम तिथियाँ हैं, और देर से दाखिल करने पर सेक्शन 234F और 234A के तहत दंड व ब्याज लागू होते हैं। आधिकारिक घोषणा को फ़ेक न्यूज़ के खिलाफ स्पष्ट किया गया है।
कैबिनेट ने 7 फरवरी 2025 को नया आयकर बिल 2025 मंजूर किया, जिससे 1961 के पुराने नियमों की जगह अधिक साफ और सरल टैक्स व्यवस्था आएगी। बिल के तहत टेक्स्ट छोटा, भाषा आसान व डिजिटल संपत्ति पर भी निगरानी बढ़ेगी और कार्यपालिका को टैक्स लिमिट बदलने के अधिकार मिलेंगे। नया बिल अप्रैल 2026 से लागू होगा।
फेडरल रिजर्व ने 18 दिसंबर, 2024 को ब्याज दर में की गई एक और कटौती का ऐलान किया है। यह कटौती अमेरिकी आर्थिक नीति में एक प्रमुख कदम माना जा रहा है। यह कटौती फेड के आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को समीकरण में लाने की कोशिश की गई है। यह लगातार तीसरी बार है जब दर में कटौती की गई है।
भारतीय और रूसी आर्थिक संबंधों में एक नया मील का पत्थर स्थापित हो चुका है। रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने अपने भारत दौरे के दौरान कहा कि भारत अब रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक सहयोगी बन गया है। यह संकेत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ट्रेड सेशन में दोनों देशों के अधिकारियों ने पारस्परिक व्यापार को $100 बिलियन तक पहुंचाने की इच्छा जताई।
यूनिकॉमर्स eSolutions IPO ने सब्सक्रिप्शन के लिए 6 अगस्त को दरवाजे खोले और ₹276.57 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा। इसके अंतिम दिन 8 अगस्त को बोली बंद हुई। इस IPO को बेहद अधिक सब्सक्राइब किया गया, जिससे निवेशक अपनी आवंटन स्थिति जानने के लिए BSE, NSE और IPO रजिस्ट्रार पोर्टल्स पर जांच कर सकते हैं।
जापान का प्रमुख निक्केई 225 स्टॉक इंडेक्स सोमवार को लगभग 13% की गिरावट पर बंद हुआ। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताओं ने वैश्विक बाजारों को झटका दिया। निक्केई 225 पिछले सप्ताह से लगातार गिरावट पर है, जिससे निवेशक अस्थिरता में हैं।
Nasdaq में सुधार की दिशा में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि मंदी की आशंकाएं बढ़ रही हैं। प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों Amazon और Intel की निराशाजनक भविष्यवाणियों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंताओं को बढ़ाया है। Nasdaq Composite अपने जुलाई के उच्चतम बंद भाव से 10% से अधिक गिर गया है, जिससे यह पुष्टि होती है कि बाजार में सुधार हो रहा है।
फेडरल रिजर्व की जुलाई बैठक के लिए सबकी नजरें तैयार हैं, जहां अर्थशास्त्री और निवेशक भविष्य की मौद्रिक नीति पर संकेतों का इंतजार कर रहे हैं। ताजे आर्थिक डेटा से संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति फेड के लक्ष्य की ओर वापस लौट रही है, जो ब्याज दरों के फैसले को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में हम आर्थिक पूर्वानुमानों और वैश्विक व्यापार मुद्दों की चर्चा करेंगे।
बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने चिंता जताई है कि SEBI के F&O ट्रेडिंग पर नियंत्रण के उपाय बाजार को उथला बना सकते हैं और 'डब्बा' ट्रेडिंग की वापसी कर सकते हैं। उनका मानना है कि इससे सच्चे हेजिंग महंगे और जटिल हो जाएंगे, जिससे छोटे ट्रेडर कैश स्टॉक्स और पेनी स्टॉक्स की ओर रुख करेंगे। SEBI के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वे वर्तमान में इक्विटी कैश मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग को नियंत्रित करने की योजना नहीं बना रहे हैं।
बजट 2024 की घोषणाओं के बाद निफ्टी ने महत्वपूर्ण स्तर 24,500 के पास अपने पैर जमाए हैं। ये स्तर निफ्टी की आगामी दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होंगे, खासकर तब जब इसमें STT के परिवर्तन शामिल हैं। भारतीय स्टॉक मार्केट की प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर भी नजर रहेगी।