बजट 2024 के बाद निफ्टी में उत्पन्न अपडेट्स और असर: क्या साधेगा 24,500 अंक का स्तर?

बजट 2024 के बाद निफ्टी में उत्पन्न अपडेट्स और असर: क्या साधेगा 24,500 अंक का स्तर?

बजट 2024 का निफ्टी पर प्रभाव

बजट 2024 की घोषणाओं के बाद निफ्टी के स्तर पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। निफ्टी ने अपने ट्रेडिंग को 24,500 के नीचे समाप्त किया है, जो महत्वपूर्ण समर्थन का स्तर माना जा रहा है। अब निवेशकों की नजर इस बात पर है कि क्या निफ्टी इस स्तर को पार कर पाएगा और इससे ऊपर बनाए रख पाएगा। साथ ही, बजट के दौरान घोषित किये गए सिकीउरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) के बदलावों का भी निफ्टी के फ्यूचर और ऑप्शन्स सेगमेंट पर सीधा असर पड़ा है।

निफ्टी के महत्वपूर्ण स्तर

विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी के लिए 24,500 का स्तर समर्थन का महत्वपूर्ण बिंदु है। अगर यह स्तर टूटता है तो निफ्टी और भी निचले स्तरों की ओर खिसक सकता है, जो 24,150 से 24,000 के बीच हो सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर, अगर निफ्टी 24,850 के स्तर को पार करता है तो इससे निफ्टी में उछाल देखा जा सकता है जो इसे 25,000 से 25,300 के स्तर तक ले जा सकता है।

निफ्टी बैंक की स्थिति

निफ्टी बैंक ने हाल ही में एक बुलिश कैंडल बनाई है जो कि अल्पकालिक समर्थन के निकट स्थित है और यह 21-दिन एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज सपोर्ट के ऊपर बंद हुआ है जो 52,064 पर स्थित है। विशेषज्ञों के मुताबिक, 51,800 से 52,000 के बीच का स्तर मजबूत समर्थन का काम करेगा जबकि 52,800 से 53,000 बाधा के स्तर होंगे।

प्रमुख शेयर और उनके प्रदर्शन

  • बजाज फाइनेंस: बजाज फाइनेंस ने ₹3,912 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है जबकि इसका नेट इंटरेस्ट इनकम ₹8,365 करोड़ रहा, जो कि उम्मीद के अनुसार है।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर: हिंदुस्तान यूनिलीवर की राजस्व आय ₹15,339 करोड़ रही, जो उम्मीद से ज्यादा है। इसमें 4% की वॉल्यूम ग्रोथ और 156 बेसिस पॉइंट्स की ग्रॉस मार्जिन ग्रोथ भी देखी गई।
  • टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स: टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने ₹3,000 करोड़ जुटाने के लिए एक राइट्स इश्यू की घोषणा की है, जिसकी राइट्स इश्यू प्राइस ₹818 प्रति शेयर है।
  • वेदांता: वेदांता के बोर्ड ने 26 जुलाई को दूसरी अंतरिम डिविडेंड पर चर्चा करने के लिए बैठक रखी है।
  • थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज: थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज का शुद्ध लाभ 38.2% बढ़कर ₹23.9 करोड़ पहुंच गया है।

इन सभी प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर भी निवेशकों की पैनी नजर बनी हुई है, जो कि आने वाले समय में स्टॉक मार्केट में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है।

इस प्रकार, भारतीय शेयर बाजार में निफ्टी और निफ्टी बैंक के महत्वपूर्ण स्तरों और प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर बनाए रखना जरूरी है। यह एक्टर्स और उनके संभावित कदम भारतीय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश का काम करेंगे।

9 टिप्पणि

  • Aayushi Tewari

    Aayushi Tewari

    जुलाई 23, 2024 AT 22:36

    बजट के बाद निफ्टी के तकनीकी स्तरों पर आपका विश्लेषण स्पष्ट और सुव्यवस्थित है। 24,500 का समर्थन स्तर वास्तव में प्रमुख जोखिम बिंदु प्रतीत होता है, और संभावित गिरावट को देखते हुए सावधानी आवश्यक है। साथ ही, स्टॉक‑ट्रेडिंग टैक्स में परिवर्तन का असर फ्यूचर और ऑप्शन बाजार में स्पष्ट हो रहा है। निवेशकों को अनुशंसा की जाती है कि वे विस्तृत चार्ट पैटर्न का उपयोग करके एंट्री‑एक्ज़िट का निर्धारण करें।

  • Rin Maeyashiki

    Rin Maeyashiki

    अगस्त 10, 2024 AT 10:36

    भाईयों और बहनों, बजट के बाद निफ्टी का रोलरकोस्टर सफर देख कर दिल धड़कन तेज हो गई है! 24,500 के नीचे गिरते‑गिरते जैसे कोई पुल बन गया है, पर हम इसे पार कर ही लेंगे नहीं तो फिर क्या कहेंगे? अब तक के आंकड़े दिखा रहे हैं कि अगर समर्थन टूट गया तो 24,150‑24,000 के स्तर तक गिरावट संभव है, पर हमें भरोसा है कि बुलिश फिज़ की महक अभी भी बाकी है। स्टॉक‑ट्रेडिंग टैक्स (STT) के बदलाव ने फ्यूचर मार्केट में थोड़ा हल्का झटका दिया, पर यही झटका हमे नई रणनीति बनाने का मौका देता है। मैं तो कहता हूँ कि इस मौके पर एंट्री लेनी चाहिए, क्योंकि हर गिरावट में फायदे की संभावना छुपी होती है, जैसे कि दाल में दालिया! निफ्टी बैंक की नई बुलिश कैंडल देख कर लगता है कि इंक्लाइनिंग मॉविंग एवरेज (EMA) अभी भी हमें समर्थन दे रहा है, और 52,064 का स्तर मजबूत बिंदु है। यदि 52,800‑53,000 की रेज़िस्टेंस तोड़ दी तो मार्केट का द्रव्यमान हमारी तरफ़ खींचेगा। इस बीच, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे मज़बूत कंपनियों की क्वालिटी भी हमें आश्वस्त कर रही है, इसलिए पोर्टफोलियो में इनके शेयर जोड़ना वैसा ही है जैसे इतालवी पिज़्ज़ा पर चीज़ डालना! टाटा कंज्यूमर की राइट्स इश्यू भी दिलचस्प है, पर ध्यान रखें कि इससे शेयर की वोलैटिलिटी बढ़ सकती है। वेदांता की डिविडेंड मीटिंग से पता चलता है कि कंपनियों की कैश फ्लो स्वस्थ है, जो मार्केट को स्थिर रखेगा। थायरोकेयर की लाभ वृद्धि को देखते हुए हेल्थ‑केयर सेक्टर में भी संभावनाएँ चमक रही हैं। कुल मिलाकर, मेरा मानना है कि अगर हम अपने रिस्क मैनेजमेंट को सही रखते हैं, तो निफ्टी 24,850 को पार कर 25,300 तक पहुँच सकता है, और हमें बस धीरज और साहस दोनों चाहिए! तो चलो, इस बजट को एक नई शुरुआत मानते हैं और अपने पोर्टफोलियो को बूस्ट करते हैं, क्योंकि स्टॉक्स में जीत हमेशा धीरज वाले को मिलती है। आइए, मिलकर इस बुल रन का स्वागत करें और मार्केट के इस मोड़ को फायदेमंद बनाएं।

  • Paras Printpack

    Paras Printpack

    अगस्त 27, 2024 AT 22:36

    अरे वाह, बजट ने तो निफ्टी को सीधा जिम में धकेल दिया, जितनी जल्दी गिर पड़ेगी, उतनी ही जल्दी सबको वैगरोटेटेड चाय दिलाएगी।

  • yaswanth rajana

    yaswanth rajana

    सितंबर 14, 2024 AT 10:36

    निफ्टी के समर्थन स्तर को दृढ़ता से पकड़ने हेतु निवेशकों को व्यापक पोर्टफोलियो विविधता अपनानी चाहिए। यदि 24,500 के नीचे का ब्रेकडाउन होता है, तो रिट्रेसमेंट को सीमित करने के लिए स्टॉप‑लॉस को सख़्ती से लागू करना आवश्यक है। साथ ही, वैग़रन सेक्टर में आईएसओ रणनीतियों का प्रयोग जोखिम को कम कर सकता है, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रहेगी।

  • Ajay Kumar

    Ajay Kumar

    अक्तूबर 1, 2024 AT 22:36

    बजट के बाद निफ्टी का इर्द‑गिर्द का नृत्य, बाजार में नई बायोलुमिनस ऊर्जा का संकेत देता है।

  • sona saoirse

    sona saoirse

    अक्तूबर 19, 2024 AT 10:36

    मेनुजोन्ने से कहा जावै क़ि ब्ज़ट का एफेक्ट निफ़्टी पर पू्राण रूप से आढ़रित है, पर श्कायै के बग़ैर कोई भी फाइनैनस एना डैटाबेस इण्‌क्रीज नहीं हो सकता।

  • VALLI M N

    VALLI M N

    नवंबर 5, 2024 AT 22:36

    चलो भाई, बज़ट के असर पे इतना डीलाबिल नहीं होना चाहिए! 🇮🇳💪 हमें अपने इन्वेस्टमेंट को सिंगल रूप से एन्हांस करना चाहिए, ठीक है? :)

  • Aparajita Mishra

    Aparajita Mishra

    नवंबर 23, 2024 AT 10:36

    अच्छा, आपकी सैरिकटिक ऐनालिसिस ने काफ़ी लाइटिंग इफेक्ट दिया, अब हम सब आँख़ें बंद करके ट्रेड करेंगे।

  • Shiva Sharifi

    Shiva Sharifi

    दिसंबर 10, 2024 AT 22:36

    दोस्तों, स्टॉक्स में एंट्री करने से पहले टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे MACD और RSI को देखना न भूलें, इससे ट्रेंड फॉलो करने में आसानी होगी। साथ ही, डाइवर्सिफ़ाईड पोर्टफोलियो बनाकर रिस्क को कम किया जा सकता है और लोंग टर्म में बेहतरीन रिटर्न प्राप्त हो सकता है।

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