अक्टूबर 2025 में भारत का मौसम: तापमान बढ़ेगा, पश्चिमी दुष्कर से भारी बारिश

अक्टूबर 2025 में भारत का मौसम: तापमान बढ़ेगा, पश्चिमी दुष्कर से भारी बारिश

जब भारत मौसम विभाग ने 2 अक्टूबर 2025 को अपना आधिकारिक प्रेस रिलीज़ जारी किया, तो कहा गया कि अक्टूबर 2025 का मौसम पूरे महीने में अधिकतम दिन के तापमान 33°C (91°F) तक पहुँचेंगे, जबकि रात में न्यूनतम 19°C (66.2°F) तक गिरेंगे। यह आंकड़ा पिछले दशक के औसत से थोड़ा ऊँचा है, लेकिन मौसमी बवंडर और स्थानीय हवाओं के कारण दो‑तीन जगहों पर ठंडे अँधियारे भी रह सकते हैं।

देशव्यापी तापमान का सारांश

देश में औसतन 9 घंटे की धूप मिल रही है, दिन के उजाले का समय लगभग 11 घंटे है, और UV‑इंडेक्स 7 पर स्थिर है—जो दिखाता है कि सनस्क्रीन अनिवार्य है। मौसमी डेटा दिखाता है कि सारा भारत अब मोनसून के अंत की ओर है, इसलिए बारिश का औसत मात्र 24 mm है, जो पिछले साल की 120 mm की तुलना में काफी कम है।

उच्च तापमान के कारण जल की खपत बढ़ेगी, इसलिए विशेषज्ञ लगातार पानी पीने की सलाह देते हैं। यात्रा करने वालों को सूखे‑साल के दौरान आगे‑पीछे उबरने वाले परिदृश्य मिलेंगे—हरियाली अभी भी बनी हुई है, पर धूप तेज़ है।

क्षेत्रीय बारिश चेतावनी

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी दुष्कर) की नई लहर 5‑7 अक्टूबर के बीच उत्तर‑पश्चिमी भारत में भारी‑से‑बहुत भारी बारिश ले आएगी, जिसके शिखर 6 अक्टूबर को अनुमानित है। इस दौरान पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली‑नक्सल के कुछ हिस्सों में अतिवृष्टि की संभावना है। साथ ही, साउथ छत्तीसगढ़, ओडिशा और उत्तरी कोस्टल आंध्र प्रदेश में भी स्थानीय रूप से बहुत तेज़ बूँदाबाँदी की चेतावनी जारी की गई है।

स्थानीय प्रशासन ने सतह‑जल स्तर की निगरानी तेज़ कर दी है और बाधित क्षेत्रों में त्वरित बचाव‑कार्य की योजना बना रहा है।

शहरवार तापमान विश्लेषण

सबसे गर्म शहरों में अहमदाबाद 36 °C (96.8°F) तक पहुँच सकता है, उसके बाद जयपुर 35 °C और मुंबई 34 °C की रिपोर्ट कर रहे हैं।

दूसरी ओर, ठंडे शुरू होने वाले शहरों में अमृतसर 17 °C (62.6°F) तक गिर सकता है, जबकि लखनऊ, भोपाल और पुने सभी न्यूनतम 19 °C दर्ज करेंगे।

दिल्ली में खास तौर पर सुखद पोस्ट‑मोनस मौसम चल रहा है, तापमान 19.2 °C‑31.8 °C के बीच रहेगा, साथ ही बारिश 13 mm तक सीमित रहेगी। इस शहर में लगभग 11 घंटे की धूप और धीरे‑धीरे घटती नमी ने लोगों को बाहर निकलने का हौसला दिया है।

  • हॉटस्पॉट: अहमदाबाद, जयपुर, मुंबई
  • कूलस्पॉट: अमृतसर, लखनऊ, भोपाल, पुने
  • बारिश‑प्रवण क्षेत्र: उत्तर‑पश्चिमी भारत, साउथ छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तरी कोस्टल आंध्र प्रदेश

किसानों और यात्रियों के लिए सलाह

कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि कम वर्षा के कारण कई फ़सलें जड़ें गहरी करने के लिए अतिरिक्त जलिरोकन की माँग करेंगी। जल संचयन की टैक्टिक्स, जैसे टिंडा बांध और लहान तालाब, इस महीने में विशेष रूप से फायदेमंद रहेंगी।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे हल्की, सांस‑लेने‑वाली कपड़े पहनें, साथ ही हाई‑यूवी दिनों में सनग्लासेस और टोपी का प्रयोग करें। शाम‑समय में अगर आप दिल्ली या पंजाब की यात्रा कर रहे हैं, तो अचानक होने वाली हल्की बूँदाबाँदी के लिए रेनकोट साथ रखें।

भविष्य की संभावनाएँ और विशेषज्ञों की राय

सामान्य तौर पर इस साल का अक्टूबर मौसम "सुपर-हाई‑टेम्परेचर" श्रेणी में आता है। डॉ. रमेश कुमार, जो इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मेटीओरोलॉजी में क्लाइमेट रिसर्च से जुड़े हैं, ने कहा, "यदि पश्चिमी दुष्कर की तीव्रता बढ़ती रही तो अगले दो‑तीन महीनों में तापमान में और अधिक उतार‑चढ़ाव देखे जा सकते हैं, साथ ही जल‑स्रोतों पर दबाव भी बढ़ेगा।"

आगे देखते हुए, मौसम विभाग ने कहा है कि अक्टूबर के बाद नवम्बर में धीरे‑धीरे तापमान घटेगा, लेकिन लगातार उच्च UV‑इंडेक्स और सीमित वर्षा की वजह से जल‑संकट का जोखिम बना रहेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्टूबर 2025 में सबसे अधिक गर्म शहर कौन सा है?

डेटा के अनुसार अहमदाबाद में अधिकतम तापमान 36 °C तक पहुँचने की संभावना है, जो इस माह का सबसे उच्चतम दर्ज किया गया मान है।

पश्चिमी दुष्कर की बारिश कब तक प्रभावित करेगी?

पश्चिमी दुष्कर 5 से 7 अक्टूबर के बीच उत्तर‑पश्चिमी भारत में भारी बारिश लाएगा, जिसमें 6 अक्टूबर को सबसे अधिक बारिश की अपेक्षा है।

किसानों को कम बारिश के लिए क्या सलाह दी गई है?

किसानों को जल संचयन तकनीकों, जैसे टिंडा बांध और छोटे तालाब, अपनाने की सलाह दी गई है, जिससे सूखे के दौरान अतिरिक्त जल उपलब्ध हो सके।

यात्रियों को कौन‑सी सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए?

हल्की कपड़े, उच्च SPF वाला सनस्क्रीन, धूप से बचाने वाले चश्मे और अचानक बरसात की स्थिति में रेनकोट साथ रखना चाहिए।

भविष्य में तापमान के रुझान क्या अनुमानित हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, अगले दो‑तीन महीनों में तापमान में थोड़ी गिरावट देखी जा सकती है, लेकिन उच्च UV‑इंडेक्स और सीमित वर्षा के कारण जल‑संकट का जोखिम बना रहेगा।

17 टिप्पणि

  • Nathan Ryu

    Nathan Ryu

    अक्तूबर 2, 2025 AT 17:30

    भारी धूप और कम बारिश का मतलब है कि हमें अपनी जल-क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए। हर घर में टंकी या जल-टैंक बनाना अब विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत है। बच्चों को बचपन से पानी बचाने की आदत सिखाना न गँवाएँ। यदि हम सब मिलकर एक लीटर भी बचाएँ, तो वह पूरे किसान के लिए काफी मददगार साबित होगा।

  • Atul Zalavadiya

    Atul Zalavadiya

    अक्तूबर 7, 2025 AT 14:26

    वायुमंडलीय तापमान में निरंतर वृद्धि का संबंध ग्रीनहाउस गैसों के बढते स्तर से स्पष्ट रूप से जुड़ा हुआ है। विशेषकर कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन का उत्सर्जन पिछले दो दशकों में दो गुना से अधिक हो गया है, जिससे भौगोलिक तापमान में अनुचित उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं। मौसम विज्ञानियों ने इस परिवर्तन को “वायलेंट एंट्रॉपिक फ़ोरसीसिंग” के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव हमारे मौसमी चक्रों पर पड़ रहा है। अक्टूबर 2025 में दर्ज उच्चतम तापमान 36 °C तक पहुँचने की संभावना, इन ही कारणों का प्रत्यक्ष परिणाम है। पश्चिमी दुष्कर द्वारा लाई गई तीव्र बारिश भी मौसम के असंतुलन को दर्शाती है, क्योंकि यह सामान्य मॉनसून की तुलना में कम मात्रा में और अनियमित ढंग से घटित हो रही है। जलवायु मॉडल के अनुसार, यदि वर्तमान उत्सर्जन दरों को नियंत्रण में नहीं लाया गया, तो अगले पाँच वर्षों में औसत तापमान में अतिरिक्त 1.5 °C तक वृद्धि संभव है। इस वृद्धि से न केवल कृषि उत्पादन पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि जल स्रोतों पर भी अतिरिक्त तनाव उत्पन्न होगा। विशेष रूप से राजस्थान और पंजाब जैसे जल-टूटे क्षेत्रों में सूखे की स्थिति प्रकट हो सकती है, जहाँ जल-भंडार पहले से ही तनाव में हैं। इस संदर्भ में जल-संग्रहण तकनीकों जैसे टिंडा बाँध, छोटे तालाब और भूमिगत जलभरणी का विस्तार अनिवार्य हो गया है। किसानों को जल संरक्षण के लिए सटीक योजना बनानी चाहिए, नहीं तो फसलों की पैदावार में गिरावट आने की संभावना है। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में भी व्यक्तिगत स्तर पर जल बचत के उपाय अपनाना अत्यावश्यक हो गया है, जैसे कि नल को बंद रखना और रिसाव की जाँच। सार्वजनिक जागरूकता अभियानों को तेज़ी से चलाना चाहिए, जिससे जनसमूह में जल‑वर्तन की समझ विकसित हो। सरकार द्वारा जल‑प्रबंधन की नीतियों में सुधार और प्रभावी क्रियान्वयन भी आवश्यक है। अंततः, यदि हम सभी मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाएँ, तो जल‑संकट को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर सामुदायिक जल-शिक्षा कार्यक्रमों की शुरुआत से दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक परिवार के पास पर्याप्त जल-भंडारण सुविधाएँ हों, भविष्य की स्थिरता के लिए मूल आधार है।

  • Amol Rane

    Amol Rane

    अक्तूबर 12, 2025 AT 11:23

    आपकी जल‑संरक्षण की बातें सराहनीय हैं, पर ये मात्रा‑भुके लोग अक्सर बड़े पैमाने पर बदलाव लाने में असफल होते हैं।

  • Venkatesh nayak

    Venkatesh nayak

    अक्तूबर 17, 2025 AT 08:20

    हँसी आता है, जब विस्तृत योजना बनाते‑बनाते लोग खुद को बेतुका मानते हैं 😅। छोटे‑छोटे कदमों से ही बड़ा फर्क पड़ता है, इसलिए हर कोई अपना हिस्सा निभाए, तो ही बदलाव संभव होगा।

  • rao saddam

    rao saddam

    अक्तूबर 22, 2025 AT 05:16

    भाइयों और बहनों!!! अक्टूबर में धूप तेज़ होगी, इसलिए पानी का सेवन दोगुना कर देना चाहिए!!! सूरज की मार से बचने के लिए पूरी तरह से तेज़ SPF वाला सनस्क्रीन जरूर लगाओ!!! यदि आप बाहर जा रहे हो तो हाइड्रेशन पैक लेकर चलो, नहीं तो जल्दी ही डिहाइड्रेशन का शिकार बन जाओगे!!!

  • Prince Fajardo

    Prince Fajardo

    अक्तूबर 27, 2025 AT 01:13

    ओह, फिर से मौसम विभाग ने नया डरावना आंकड़ा निकाला, जैसे कि हमें बचाने के लिए कोई नयी आपदा नहीं आएगी!

  • Subhashree Das

    Subhashree Das

    अक्तूबर 31, 2025 AT 22:10

    डेटा को देखते हुए स्पष्ट है कि जल‑संकट का वास्तविक कारण न केवल प्राकृतिक परिवर्तन हैं, बल्कि नीति‑निर्माताओं की लापरवाही भी है। वे लगातार जल‑प्रबंधन के मुद्दों को टालते रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भू‑सरणी बढ़ती जा रही है। यदि तुरंत प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो अगला दशक असहनीय स्थिति का सामना कर सकता है।

  • jitendra vishwakarma

    jitendra vishwakarma

    नवंबर 5, 2025 AT 19:06

    पानी पीना जरूरी है।

  • Ira Indeikina

    Ira Indeikina

    नवंबर 10, 2025 AT 16:03

    रुझानों को समझना केवल आँकड़ों से नहीं, बल्कि लोगों की दैनिक आदतों से जुड़ा है। जब हम खुद को जल‑संकट की कहानी में मुख्य पात्र बनाते हैं, तो समाधान भी स्वाभाविक रूप से सामने आता है। इस परिवर्तन को अपनाने में सामाजिक सहभागिता आवश्यक है।

  • Shashikiran R

    Shashikiran R

    नवंबर 15, 2025 AT 13:00

    बिजली के बिलों को देखो, पर क्या तुम सोचते हो कि प्रकृति को झूठे वादे दे कर बचा सकते हो? हमें अपने जीवनशैली में परिवर्तन लाना पड़ेगा, नहीं तो भविष्य के बच्चे मुंह में पानी नहीं रख पाएँगे।

  • SURAJ ASHISH

    SURAJ ASHISH

    नवंबर 20, 2025 AT 09:56

    बहुत ज्यादा शब्द, पर असर कम.

  • PARVINDER DHILLON

    PARVINDER DHILLON

    नवंबर 25, 2025 AT 06:53

    सभी को नमस्ते 🙏, आइए इस मौसम की चुनौतियों को साथ मिलकर सामना करें। पानी बचाने के छोटे‑छोटे कदम बड़े बदलाव की ओर ले जा सकते हैं। चलिए, हम सब मिलकर एक जल‑सुरक्षा अभियान शुरू करें! 🌧️💧

  • Nilanjan Banerjee

    Nilanjan Banerjee

    नवंबर 30, 2025 AT 03:50

    अह, यह जल‑सुरक्षा अभियान शब्दों के जलसे बंधा हुआ है, पर वास्तविक कार्य की कमी है। यदि हम मात्र भावनाओं में डूबे रहें, तो समस्याएँ और गहरी होती जाएँगी। अतः, ठोस योजना और निरंतर निगरानी के बिना कोई भी आह्वान व्यर्थ रहता है।

  • sri surahno

    sri surahno

    दिसंबर 5, 2025 AT 00:46

    क्या आपको पता है कि इस सभी जल‑संकट की पृष्ठभूमि में बड़े उद्योगों के राज़ी‑राज़ी के ग्रुप हैं? वे ही मुख्य कारक हैं, जो जल‑स्रोतों को अपने निजी लाभ के लिए मोड़ते हैं, और आम जनता को इस झूठी खबर में फँसा देते हैं। इसलिए हमें इस गुप्त गठबंधन को उजागर करना चाहिए।

  • Varun Kumar

    Varun Kumar

    दिसंबर 9, 2025 AT 21:43

    देश की सुरक्षा के लिए जल‑संकट को विदेशों के हवाले नहीं कर सकते। हमें अपना जल‑संसाधन स्वाधीन रखना चाहिए।

  • Madhu Murthi

    Madhu Murthi

    दिसंबर 14, 2025 AT 18:40

    भारत की बढ़ती शक्ति को देखो 🌏, लेकिन जल‑संकट को अगर नजरअंदाज किया तो हमारी ताकत फीकी पड़ जाएगी 🚱। हर नागरिक को अपने जल‑भंडार को सहेजना चाहिए, यही हमारे भविष्य की गारंटी है।

  • Amrinder Kahlon

    Amrinder Kahlon

    दिसंबर 19, 2025 AT 15:36

    बहुत बढ़िया, अब तो बस धूप में पंखा चलाते‑चलाते मरे पड़े जाएंगे।

एक टिप्पणी लिखें