भारतीय सेना दिवस 2025: इतिहास, महत्व और 15 जनवरी को मनाने का कारण जानें

भारतीय सेना दिवस 2025: इतिहास, महत्व और 15 जनवरी को मनाने का कारण जानें

भारतीय सेना दिवस: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारतीय सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है और यह देश के सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। 1949 में इस दिन जनरल के.एम. करियप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय सेनापति बने और इसने भारतीय सेना के नेतृत्व को विदेशी कमान से भारतीय नियंत्रण में स्थानांतरित किया। इससे पूर्व, जनरल सर फ्रांसिस बुचर अंतिम ब्रिटिश सेनापति थे। यह दिन भारतीय सेना की गरिमा, साहस, और निष्ठा का स्मरण दिलाता है।

जनरल के.एम. करियप्पा: एक प्रेरणास्रोत

के.एम. करियप्पा का नाम भारतीय सैन्य इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। स्वतंत्रता के ठीक दो वर्ष बाद, उनकी नियुक्ति ने भारतीय सेना को एक नया स्वरूप और गौरव प्रदान किया। उन्होंने नेतृत्व कौशल और अदम्य साहस से भारतीय सेना को एक संगठित और शक्तिशाली इकाई में बदला। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने सैनिकों के मनोबल को ऊंचा रखा और भारतीय सैन्य तंत्र में भारतीयकरण को प्रोत्साहित किया।

सेना का विस्तृत योगदान

सेना दिवस केवल एक समारोह नहीं, बल्कि यह सेना की उन समर्पण और साहसिक कार्यों का अनुकरणीय विचार है। भारतीय सेना ने कई युद्ध और संघर्षों में अपनी वीरता का प्रदर्शन किया है। चाहे वह कारगिल युद्ध हो या देश में आई प्राकृतिक आपदाएं, भारतीय सेना हर संकट में अग्रिम मोर्चे पर खड़ी दिखती है। सेना की इनमें से कई महिला और पुरुष सैनिकों ने बलिदान दिया है, जिससे सामूहिक सुरक्षा और शांति संभव हुई है।

सेना की अटूट भूमिका

भारतीय सेना देश की सीमाओं की निगरानी करने के साथ-साथ आपदाओं के दौरान नागरिकों की मदद करती है। राजस्थान के रेगिस्तानों से लेकर सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों तक, भारतीय सेना ने साहस का परिचय दिया है। सेना की इस अटूट भूमिका के पीछे वहां के हर जवान की मेहनत और दृढ़ संकल्प का हाथ है। सेना दिवस के माध्यम से हम उनके इस निरंतर सेवा भाव और समर्पण को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

2025 के सेना दिवस की विशेषताएं

2025 में भारत के पुणे शहर में सेना दिवस की 77वीं परेड का आयोजन किया जाएगा। पुणे अपनी समृद्ध सैन्य विरासत के लिए प्रसिद्ध है और यहां दक्षिण कमान का मुख्यालय और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी का भी घर है। पुणे इस प्रकार के महत्वपूर्ण और प्रभावशाली आयोजन के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करता है।

‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ का संदर्भ

साल 2025 के लिए प्रस्तावित थीम ‘समर्थ भारत, सक्षम सेना’ भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता और देश की सुरक्षा के लिए उनकी तैयारी को दर्शाता है। इस थीम के माध्यम से सेना के हर सदस्य की सशक्त उपस्थिति और संकल्पशीलता का जिक्र किया गया है। यह भारतीय सेना के निरंतर विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

एकता और समानता का संदेश

एकता और समानता का संदेश

भारतीय सेना दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम सेना के योगदान की सराहना करें और देश प्रेम की भावना को आगे बढ़ाएं। यह दिन सभी भारतीयों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, कि हम सेना की तरह एकजुटता और जिम्मेदारी की भावना को अपनी जीवन शैली में भी अपनाएं। सेना का निस्वार्थ सेवाभाव और बलिदान हमेशा हमें याद दिलाता है कि हम अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों को न भूलें।

सेना दिवस इसी कड़ी में हमें यह प्रेरणा देता है कि हम देश के विकास में निरंतर सहयोग करें और अपने समाज को बेहतर बनाने के लिए एकजुट हो जाएं। यह दिन हमें अपने सैनिकों की कुर्बानियों और देश के प्रति उनके सेवा भावना को सम्मानित करने का एक अनूठा अवसर देता है।

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