दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्र हर साल दिवाली के बाद वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं, लेकिन इस वर्ष स्थिति और भी गंभीर हो गई है। यह स्थिति तब पैदा हुई जब लोगों ने पटाखों पर लगी पाबंदी का उल्लंघन करते हुए दिवाली की रात को जमकर पटाखे फोड़े। यह दिनांक 1 नवंबर, 2024 की बात है जब दिल्ली, नोएडा, और गुरुग्राम समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के निवासियों ने सुबह उठते ही घने धुंध का सामना किया।
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता अत्यंत खराब हो गई है। आनंद विहार में AQI 395 पर पहुंच गया, जबकि अशोक विहार में 324, बुराड़ी क्रॉसिंग पर 394, और चांदनी चौक में 336 दर्ज किया गया। दिल्ली की 24 घंटों की औसत AQI 307 से बढ़कर 330 हो गई।
दिल्ली सरकार ने 377 प्रवर्तन टीमें तैनात की थीं और पटाखों पर प्रतिबंध को सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाई थी। फिर भी, पूर्व और पश्चिम दिल्ली में पाबंदियों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन होने की खबरें आईं। पुलिस टीम ने निगरानी के लिए क्षेत्रों में गश्त की और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय सहिंता के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
इस धुंध से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, खासकर नोवाचार को ध्यान में रखते हुए यह समस्या और गंभीर हो गई है। पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर रात नौ बजे 145.1 और 272 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गए, जो कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम प्रस्तुत करते हैं। खासतौर पर बच्चे, बुजुर्ग, और पूर्व से ही सांस की बीमारियों से ग्रसित लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के कारण नवंबर की शुरुआत में प्रदूषण के चरम स्तर पर पहुंचने की संभावना है।
दिल्ली में दिवाली के दौरान पिछले कुछ वर्षों में अलग-अलग AQI दर्ज किया गया है। 2022 में यह 312 था, 2021 में 382, और 2020 में 414। सरकार ने पटाखों के प्रयोग को कम करने के बार-बार प्रयास किए हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसमें प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियां, पराली जलाना, और वाहनों से निकलता धुआं भी योगदान देते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि 'ब्यहद खराब' AQI के चलते दिल्ली के निवासियों को स्वस्थ रहने के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतनी चाहिए। शहर में कार्रवाई योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सख्त नियंत्रण उपायों की आवश्यकता है।
इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों के लिए मास्क पहनना, हवा शुद्धिकरण यंत्र का उपयोग करना और बच्चों व बुजुर्गों को घर के अंदर रहना जरूरी हो गया है। इस दौरान सरकार को भी और अधिक कठोर कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।
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