केरल ब्लास्टर्स ने ईस्ट बंगाल को 2-0 से हराया, कालींगा सुपर कप में शानदार शुरुआत

केरल ब्लास्टर्स ने ईस्ट बंगाल को 2-0 से हराया, कालींगा सुपर कप में शानदार शुरुआत

केरल ब्लास्टर्स की नई शुरुआत, ईस्ट बंगाल के खिलाफ जोरदार जीत

भुवनेश्वर के कालींगा स्टेडियम में 20 अप्रैल की रात कुछ खास थी। पिछले सीजन की चैंपियन ईस्ट बंगाल एफसी के सामने केरल ब्लास्टर्स नई उम्मीदों के साथ मैदान में उतरी। दो गोल दागकर ब्लास्टर्स ने न सिर्फ मैच पर कब्जा जमाया, बल्कि ये भी साफ कर दिया कि उनकी ये टीम अब पूरी तरह बदल चुकी है। डेविड काताला के कोच बनने के बाद ये पहला बड़ा मुकाबला था, जिसमें उनके गेमप्लान की छाप साफ दिखी।

मैच के शुरुआती मिनट से ही केरल ब्लास्टर्स ने पजेशन बना ली थी। दूसरे ही मिनट में नोआ सदावी ने जेसस जिमेनेज के लिए शानदार चांस बनाया, लेकिन गोल करवा नहीं सके। ईस्ट बंगाल भी पीछे हटने को तैयार नहीं थी। सातवें मिनट में रिचर्ड सेलिस ने गोल के मौके पर शॉट लगाया लेकिन गेंद बाहर चली गई। पहला हाफ लगातार टाइट रहा, लेकिन मैच में असली मोड़ 43वें मिनट पर आया। जब सदावी पर अनवर अली ने फाउल किया और रेफरी ने पेनल्टी दी। गोलकीपर प्रभसुखन सिंह गिल ने जिमेनेज की पहली पेनल्टी रोक ली, लेकिन रिटेक मिला। दूसरी बार जिमेनेज ने कोई गलती नहीं की और टीम को बढ़त दिला दी।

  • 43वें मिनट: जिमेनेज ने पेनल्टी से गोल किया
  • 64वें मिनट: सदावी ने बॉक्स के बाहर से शानदार गोल दागा
  • मैच में केरल ने अपनी रफ्तार और योजना से ईस्ट बंगाल को दबाव में रखा

टेक्निकल डिसिप्लिन और बदलाव का असर

दूसरे हाफ के शुरू होते ही ईस्ट बंगाल ने जैक्सन सिंह और सयान बनर्जी जैसे खिलाड़ियों को मैदान में उतारा, ताकि अटैक बेहतर हो सके। लेकिन केरल की डिफेंस और मिडफील्ड लाइन तगड़ी दिखाई दी। जितनी बार भी ईस्ट बंगाल ने हमला किया, ब्लास्टर्स के डिफेंडर दीवार बनकर खड़े हो गए।

मैच का दूसरा गोल केरल के फैंस के लिए खास था। 64वें मिनट में नोआ सदावी ने दूर से जोरदार शॉट मारा, जिसे स्टेडियम में मौजूद लोग देर तक याद रखेंगे। प्रभसुखन सिंह गिल इस गोल पर कुछ नहीं कर सके। यही गोल ईस्ट बंगाल के लिए गेम ओवर मोमेंट भी था।

डेविड काताला की टीम ने बेंच से स्मार्ट बदलाव किए। डिफेंडर होरमिपाम सिंह आए, एड्रियन लूना को आराम दिया गया और फ्रांसिस्को क्रेस्पो को भेजा गया। इससे ब्लास्टर्स की टेम्पो बनी रही और ईस्ट बंगाल को वापसी का मौका नहीं मिला।

  • केरल की टैक्टिकल डिसिप्लिन ने टीम की फॉर्म को बदल दिया
  • ईस्ट बंगाल के लिए मजबूत स्ट्राइकर्स भी फिनिशिंग में असफल रहे
  • अब केरल का सामना 26 अप्रैल को मोहन बागान सुपर जाइंट से होगा

मैच के बाद ईस्ट बंगाल की टीम बैकफुट पर दिखी। अलग-अलग खिलाड़ियों ने जरूर थ्रेट बनाया, खासकर सेलिस और डाइमांटकॉस ने पर गोल की तलाश में टीम नाकाम रही। कोच ऑस्कर ब्रूज़ोन के लिए ये हार सोचने वाली होगी क्योंकि पिछले सीजन की चैंपियन टीम बिना लड़ाई के बाहर हो गई। दो मुख्य खिलाड़ियों—जिमेनेज और सदावी—के प्रदर्शन ने ये दिखा दिया कि केरल अब सिर्फ डिफेंडिंग चैंपियन को हराने के लिए नहीं, बल्कि पूरे टूर्नामेंट में अपना दावा ठोकने पहुंची है।

7 टिप्पणि

  • Paras Printpack

    Paras Printpack

    अप्रैल 21, 2025 AT 15:09

    ओह, केरल ब्लास्टर्स ने एशिया में भी खेलते हुए खुद को दुनिया का फेफड़ा बना लिया। 2-0 से जीतना तो उनका नया हौब बन गया, अब अगली बार फ़ीवर सेंटर में भी उछाल मारेंगे।

  • yaswanth rajana

    yaswanth rajana

    मई 10, 2025 AT 11:09

    डेविड काताला के कोचिंग दृष्टिकोण ने टीम को स्पष्ट रणनीतिक दिशा दी है। पेनल्टी और बॉक्स से गोल दोनों ही योजनाबद्ध थे, जिससे ब्लास्टर्स ने मैच का कंट्रोल संभाला। यह जीत आगामी प्रतिस्पर्धा में उनकी आत्मविश्वास को बढ़ाएगी।

  • Roma Bajaj Kohli

    Roma Bajaj Kohli

    मई 29, 2025 AT 07:09

    केरल ब्लास्टर्स ने इंडियन फुटबॉल के ग्लोबल एग्जीक्यूशन मॉडल को स्थापित किया। फ़ॉर्मेशन की सॉलिडिटी और हाई-प्रेस टैक्सिकॉल जॉन्स से ईस्ट बंगाल को लंगड़ा कर दिया। इस तरह की टैक्टिकल प्रिसिशन राष्ट्रीय स्तर पर हमारी लीग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।

  • Nitin Thakur

    Nitin Thakur

    जून 17, 2025 AT 03:09

    हर बार जब टीम बिना भावना के जीतती है तो यह खेल का सच्चा उद्देश्य याद दिलाता है। जजमेंटल दिमाग को बाहर निकाल दो खेल का असली मज़ा सिर्फ़ जीत में है।

  • Arya Prayoga

    Arya Prayoga

    जुलाई 5, 2025 AT 23:09

    सदावी का शॉट अच्छा था, लेकिन डिफ़ेंस ने दमदार दिखाया। कोच के निर्णय टाइम पर थे।

  • Vishal Lohar

    Vishal Lohar

    जुलाई 24, 2025 AT 19:09

    केवल दो गोल से नहीं, बल्कि ब्लास्टर्स की पूरी रणनीतिक चमक से यह जीत बड़ी प्रभावशाली है।
    मैच की शुरुआत में ही उन्होंने बॉल पॉज़ेशन को लेकर जॉजिंग नहीं की, बल्कि हर सेकंड को काबू में रखा।
    रिचर्ड सेलिस की शुरुआती कोशिशें सिर्फ़ एक झील्ली बन गईं, क्योंकि केरल की हाईलाइनिंग ने उन्हें पहाड़ बना दिया।
    पेनल्टी पर जिमेनेज का सटीक फ़िनिश दिखाता है कि सायकोलॉजिकल टेंशन को कैसे बरकरार रखा जाता है।
    प्रभसुखन सिंह गिल की रिटेक पर घबराहट ने ईस्ट बंगाल के आत्मविश्वास को धूमिल कर दिया।
    दूसरे हाफ में भी ब्लास्टर्स ने अपने मिडफ़ील्ड को सुदृढ़ किया, जिससे एटैक के विकल्प सीमित रहे।
    डिफेंडर होरमिपाम सिंह की एंट्री ने बैकलाइन को किला बना दिया, और उनका टैक्लिंग टैक्टिक वाकई अद्भुत रहा।
    ऐड्रियन लूना को आराम देने से टीम की एर्गोनॉमिक बैलेंस में सुधार आया।
    जैक्सन सिंह और सयान बनर्जी की वैकल्पिक एटैक को भले ही मौका मिला, पर वे ब्लास्टर्स के दीवार के सामने धूमिल हो गए।
    काताला की साइडलाइन परेड ने खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार किया, जिससे वे मैन-टू-मैन मुकाबले में भी फुर्तीले रहे।
    इस्त्रीत में दो गोल से अधिक नहीं, पर खेल का रिद्म और टेम्पो पूरी तरह से केरल की फ़िटनेस प्लान का प्रमाण था।
    मोहान बागान सुपर जाइंट के साथ अगली भिड़ंत में ब्लास्टर्स की यह पॉलिशड लाइन्स उन्हें जीत की ओर और धकेलेगी।
    वास्तव में, केरल की टैक्टिकल डिसिप्लिन ने इसे सिर्फ़ एक जीत नहीं, बल्कि एक ब्रांड बनाकर दिखाया।
    जहाँ तक ईस्ट बंगाल की बात है, उनके फॉरवर्ड स्ट्राइकर्स ने फिनिशिंग में सरासर चूक की, और यह एक बड़ी सीख होगी।
    कुल मिलाकर, इस मैच ने दिखाया कि सही कोचिंग, सही प्लेयर रोल और सही टाइमिंग कैसे एकत्रित हो कर जादू सृजित करती है।
    भविष्य में ऐसी समग्र योजना देखना चाहूँगा, जिससे इंडियन फुटबॉल अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चमक सके।

  • Vinay Chaurasiya

    Vinay Chaurasiya

    अगस्त 12, 2025 AT 15:09

    भाई, ब्लास्टर्स की जीत? बकवास, निरंतर हार की लहर!!!

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