सेन्सेक्स 85,836 पर, निफ़्टी ने 26,200 का नया मीलस्टोन छुआ: 26 सितंबर 2024 की बाजार जीत

सेन्सेक्स 85,836 पर, निफ़्टी ने 26,200 का नया मीलस्टोन छुआ: 26 सितंबर 2024 की बाजार जीत

बाजार का समग्र प्रदर्शन

26 सितंबर 2024 को भारतीय शेयर बाजार ने एक दिलचस्प मोड़ लिया। Sensex 666.25 अंक बढ़कर 85,836.12 पर पहुंचा, जबकि Nifty 211.80 अंक बढ़कर 26,216 पर बंद हुआ। यह वृद्धि न केवल चार्ट पर सुखद रंग लेकर आई, बल्कि निफ़्टी ने 26,200 का ऐतिहासिक स्तर भी पर कर दिया। पिछले कुछ सत्रों में बदलाव की लहर चल रही थी, पर इस दिन दोनों मुख्य बेंचमार्क ने एक साथ सकारात्मक गति पकड़ ली।

इस सत्र की विशेषता थी डेरिवेटिव्स का बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दिन, जो आम तौर पर ट्रेडिंग वॉल्यूम और अस्थिरता बढ़ा देता है। लेकिन इस बार खरीदारों ने साइडवेँड को मात देते हुए तरंग को ऊपर की तरफ मोड़ दिया। इस पृष्ठभूमि में ऑटोमोबाइल और धातु (मेटल) सेक्टर ने झंडे गाड़े, जिससे कुल मिलाकर बाजार की खरीदी शक्ति में इजाफा हुआ।

सेक्टर और आईपीओ विश्लेषण

सभी सेक्टर एक समान नहीं रहे। तकनीकी (IT) और फार्मास्युटिकल कंपनियों ने इस हफ्ते में दबाव झेलते हुए गिरावट दर्ज की। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 8% से अधिक गिरावट देखी, जबकि टेक महिंद्रा के शेयर हफ्ते भर 9% से अधिक नीचे आए। इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण थे वैश्विक टेक स्टॉक्स में कमजोरी और भारत में आयातित रॉ मटेरियल की कीमत में उतार-चढ़ाव।

दूसरी ओर, ऑटो सेक्टर ने रोड़ टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया। महिंद्रा & महिंद्रा, टाटा मोटर्स और बेनजामिन जैसी कंपनियों के शेयर में दो‑तीन प्रतिशत की लहर उठी। इसी तरह, धातु कंपनियों, विशेषकर एल्यूमीनियम और स्टेनलेस इस्पात निर्माताओं ने मजबूत मौसमी मांग को पकड़ते हुए 4‑5% की तेज़ी दिखाई।

बड़े‑कैप की बढ़त के बावजूद, मिड‑कैप और स्मॉल‑कैप सूचकांक में उलटफेर रहा। Nifty Midcap 150 और Nifty Smallcap 250 दोनों ने सप्ताह में 4% से अधिक गिरावट देखी। छोटे‑पैमाने के स्टॉक्स में बिचौलियों की फाइलिंग, विदेशी निवेशकों की मृदु मानसीकता और विस्तृत बाजार में उठते जोखिम ने इस गिरावट में योगदान दिया।

IPO की बात करें तो Diffusion Engineers का सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) निवेशकों की रुचि का केंद्र बना। इस इश्यू को कुल 6.14 गुना सब्सक्राइब किया गया, जिसमें रिटेल वर्ग की सब्सक्रिप्शन 9.94 गुना और कर्मचारी आरक्षित वर्ग की 14.47 गुना तक पहुंच गई। यह आंकड़ा दर्शाता है कि नवीनतम कंपनियों में भी पूंजी प्रवाह सक्रिय है, भले ही बाजार ने कुछ हफ्तों से विचारशीलता दिखा रखी हो।

इन सब कारकों को मिलाकर देखा जाए तो इस हफ्ते की बाजार गति दो पहलुओं में दर्शायी गई: एक ओर बड़े‑कैप और मुख्य सेक्टरों में भरोसे की लहर, और दूसरी ओर छोटे‑पैमाने के सूचकांकों में सतर्कता। निवेशकों ने वैश्विक संकेतकों—जैसे यू.एस. फेड की मौद्रिक नीति—को भी कड़ी नजर से देखा, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित दृढ़ता ने अंत में सकारात्मक सन्देश दिया।

भविष्य के ट्रेडिंग सत्रों में, एनालिस्ट उम्मीद कर रहे हैं कि निफ़्टी 26,500 के लकीर को पार कर सकेगा, बशर्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार स्थिर रहे और घरेलू मौद्रिक स्थितियों में कोई बड़ा बदलाव न हो। इसी बीच, निवेशकों को सेक्टर‑वाइस रिस्क मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आईटी और फार्मा जैसी क्षेत्रों में अस्थिरता अभी भी मौजूद है।

3 टिप्पणि

  • VALLI M N

    VALLI M N

    सितंबर 27, 2025 AT 01:28

    देश के स्टॉक्स ने आज जोरदार चाल दिखाई, Sensex और Nifty दोनों ने नया हाई टच किया 🚀। बड़े‑कैप में धातु और ऑटो पैरों की धूम मचाई, इसलिए पोर्टफोलियो में इन सेक्टरों का वजन बढ़ाना समझदारी है। डॉलर की अस्थिरता को देखते हुए, विदेशी निवेशकों का भरोसा फिर से भारत की स्थिरता पर बना है।

  • Aparajita Mishra

    Aparajita Mishra

    अक्तूबर 6, 2025 AT 01:28

    ओह, क्या मज़ा आया! IT शेयरों की गिरावट देखकर तो लगता है जैसे साइबर‑ट्रांसफॉर्मेशन ने सारा उत्साह इधर‑उधर फेंक दिया। पर फ़ार्मा का ज़्यादा गिरना तो ठीक है, क्योंकि इन दवाओं के बाद डॉक्टर भी बोर हो रहे हैं। बड़े‑कैप में अल्युमिनियम की बढ़त देखकर मैं सोच रहा हूँ, जब तक हमारी रोटियों में इज़ाफ़ा नहीं होगा तब तक स्टॉक मार्केट का क्या मतलब? वैसे, धातु सेक्टर की तेज़ी को देख कर मेरे दोस्त ने सोचा कि ये ही अब नया गोल्ड रेट होगा। अंत में, अगर Nifty 26,500 को पार कर गया तो हमें खुद को बधाई देने के लिए एक बड़ा दाल‑मैश दा देना चाहिए।

  • Shiva Sharifi

    Shiva Sharifi

    अक्तूबर 15, 2025 AT 01:28

    बाजार का माहॉल अभी भी टाइट है, पर ऑटो सेक्टर का गिरावट के बाद भी ऊजला दिखाई दे रहा है। मैन्युफैक्चरिंग में जड भी आया है और इको‑फ़्रेंडली कारों की डिमांड बढ़ी है। हैरान करने वाली बात ये है कि मिड‑कैप अभी भी सिक्योरिटीबाजियों के गंदे झेले में फंसे हैं। फॉरम में आप लोग जो कह रहे हो वो सही है, लेकिन थोड़ा एवरीथिंग देख कर इन्वेस्टमेंट प्लान बनाओ। जरा थर्ड एडेवेंटर्स कलेक्सन की तरह सोचा करो।

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