क्या आप अक्सर थकान, सांस फूलना या टखनों में सूजन महसूस करते हैं? ये हार्ट फेल्योर (दिल की कमजोरी) के आम संकेत हो सकते हैं। हार्ट फेल्योर तब होता है जब दिल शरीर में जरूरी खून और ऑक्सीजन पूरी तरह नहीं पंप कर पाता। इसका मतलब यह नहीं कि दिल पूरी तरह बंद हो जाएगा, बल्कि उसे काम करने में दिक्कत होती है और समय रहते इलाज जरूरी है।
हार्ट फेल्योर के लक्षण धीरे-धीरे या अचानक दिख सकते हैं। ध्यान रखें:
यदि ये लक्षण तेज़ी से बढ़ें या सीने में दर्द हो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट फेल्योर के पीछे अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज (दिल की धमनी की बीमारी), दिल की मांसपेशियों की कमजोरी (कार्डियोमायोपैथी), डाइबिटीज़ और पुराना अल्कोहल या ड्रग्स का उपयोग होता है।
डॉक्टर आम तौर पर ये आसान जांच करते हैं: फिजिकल परिक्षण, ईसीजी, ईकोकार्डियोग्राफी (Echo), ब्लड टेस्ट (BNP/NT‑proBNP), एक्स-रे और कभी-कभी स्ट्रेस टेस्ट। ये रिपोर्ट बताती हैं कि दिल कितनी पंपिंग कर रहा है और किस तरह का इलाज चाहिए।
इलाज में दवाइयां सबसे पहले दी जाती हैं — ACE inhibitors, ARBs, beta-blockers, diuretics और जरूरत के हिसाब से अन्य दवाइयां। गंभीर मामलों में डिवाइस (जैसे pacemaker या ICD) या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
रोजमर्रा की देखभाल भी असर डालती है: नमक कम करें, तरल पदार्थ की मात्रा पर नजर रखें, प्रतिदिन वजन नापें (2 दिन में 2 किलो से ज्यादा बढ़त पर डॉक्टर को बताएं), सीमित वसा और शक्कर लें और धूम्रपान छोड़ें। हल्की-फुल्की व्यायाम योजना डॉक्टर से मिलकर तय करें।
आप क्या कर सकते हैं अभी: अपने दवाइयों की सूची साथ रखें, हर नई दवा डॉक्टर से कन्फर्म करें, ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर रेगुलर चेक करवाएं और टीकाकरण (जैसे फ्लू और प्नीउमोकोकल) समय पर लें।
कब तुरंत मदद लें? अगर सांस अचानक तेज हो, छाती में तीव्र दर्द, बेहोशी या त्वचा नीली दिखे — तुरंत इमरजेंसी सेवा बुलाएँ। हार्ट फेल्योर का समय पर प्रबंधन बेहतर जीवन गुणवत्ता देता है और गंभीर घटनाओं को रोकता है।
अगर आप हार्ट फेल्योर से संबंधित जानकारी या नज़दीकी क्लीनिक/कार्डियोलॉजिस्ट की तलाश कर रहे हैं, तो हमारी साइट पर उपलब्ध लेख और रिपोर्ट देखिए। जल्दी पहचानें, सही इलाज और रोजमर्रा की आदतों से आप फर्क ला सकते हैं।
वर्ल्ड हार्ट डे 2024 के उपलक्ष्य में इस लेख में हृदय फेल्योर और हार्ट अटैक के बीच महत्वपूर्ण अंतर पर चर्चा की गई है, और प्राथमिक उपचार एवं आधुनिक हृदय स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है। हृदय फेल्योर एक क्रॉनिक स्थिति है जिसमें हृदय शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त रक्त पंप करने में असमर्थ होता है जबकि हार्ट अटैक रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण होता है जो हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुँचाता है।