पेरिस 2024 ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने महिलाओं की 75 किग्रा वज़न वर्ग के क्वार्टरफाइनल में चीन की शीर्ष खिलाड़ी ली कियान से मुकाबला किया। यह मुकाबला भारतीय खेल प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था क्योंकि लवलीना पहले ही टोक्यो 2020 ओलंपिक में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।
मुकाबला शुरू होते ही दोनों खिलाड़ियों ने आक्रामक रूख अपनाया। लवलीना ने अपनी ऊर्जा और ताकत का प्रदर्शन करते हुए शुरुआती पंच और जैब लगाए, जिससे दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ गई। दोनों के बीच जबर्दस्त संघर्ष देखने को मिला, जिसमें कई बार रेफरी को हस्तक्षेप करना पड़ा।
ली कियान, जो एक दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और तीन बार की विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता हैं, ने अपने अनुभव और कौशल का पूरा उपयोग किया। अपने तेज़ और सटीक पंचों से उन्होंने लवलीना को परेशान किया और अपनी बढ़त बनाई।
मुकाबले में लवलीना ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन ली कियान की रणनीति और सटीकता के सामने वह टिकी नहीं रह सकीं। अंततः ली कियान ने 1-4 के अंतर से यह मुकाबला जीत लिया और लवलीना का पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने का सपना टूट गया।
भले ही लवलीना पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक नहीं जीत सकीं, लेकिन उनकी यह यात्रा प्रेरणादायक रही है। उन्होंने टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतकर भारतीय मुक्केबाजी को एक नई पहचान दी।
लवलीना का यह सफर हमारे युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा। उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से यह साबित किया है कि भारतीय खिलाड़ी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल हो सकते हैं।
लवलीना और ली कियान का यह मुकाबला भारत में बड़ी संख्या में दर्शकों ने देखा। इसकी लाइव टेलीकास्ट स्पोर्ट्स18 पर हुआ और जियोसिनेमा पर इसे लाइव स्ट्रीम किया गया। दर्शकों ने इस मुकाबले को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएँ भी दीं।
भारतीय खेल प्रेमियों ने लवलीना की हार के बावजूद उनकी सराहना की और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। लवलीना ने अपने संघर्ष और साहस से लोगों के दिलों में खास जगह बना ली है।
लवलीना के लिए यह हार एक नई शुरुआत है। उन्होंने यह दिखा दिया है कि भारतीय मुक्केबाजी में अपार संभावनाएं हैं। अब उनका अगला लक्ष्य 2026 एशियन गेम्स और 2028 ओलंपिक पर होगा।
लवलीना ने इस हार से सीखा होगा और नए सिरे से तैयारी करेंगी। वहीं, भारतीय खेल मंत्रालय और बॉक्सिंग फेडरेशन को भी उन्हें और अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उच्च स्तर की ट्रेनिंग और सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है।
लवलीना बोरगोहेन की यात्रा पेरिस 2024 ओलंपिक में भले ही समाप्त हो गई हो, लेकिन उनका यह सफर भारतीय खेल की दुनिया में एक आदर्श के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उनकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण ने उन्हें एक सच्चे खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।
हमें उम्मीद है कि भविष्य में लवलीना और भी ऊंचाइयों को छुएंगी और भारत का नाम और ऊँचा करेंगी। हमारी शुभकामनाएं हमेशा उनके साथ हैं।
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