एक पोस्ट या आवाज़ भले ही छोटी लगे, पर सही हालत में वह भीड़ को भड़काने या दंगे-फसाद में बदल सकती है। उकसावा का मतलब यही है—किसी को हिंसा, सार्वजनिक अव्यवस्था या नफरत भड़काने के लिए भड़काने वाला व्यवहार या संदेश। यह सिर्फ सड़क पर नारे नहीं, सोशल मीडिया के फॉरवर्ड, वायरल वीडियो और झूठी अफवाहें भी हो सकती हैं।
अगर संदेश में किसी समूह के खिलाफ खुलेआम हिंसा की तरफ उकसाने की बात हो, नकली खबरें फैलाकर लोगों को भड़काया जा रहा हो, या किसी व्यक्ति/समूह को अपमानजनक और हिंसक भाषा से लक्षित किया जा रहा हो—ये उकसावे के स्पष्ट संकेत हैं। विशेष तौर पर निर्देश जैसे "इकट्ठा हो जाओ" या "उन पर हमला करो" सीधे उकसाने वाले संदेश माने जाते हैं। सोशल पोस्ट पर पैटर्न देखें: बार-बार एक ही तरह के नेरेटिव, कई अकाउंट से एक जैसा कंटेंट या बॉट-टाइप शेयरिंग।
कानूनी तौर पर भारत में ऐसे मामलों में अक्सर भारतीय दंड संहिता की धाराएँ लागू होती हैं—जैसे 153A (समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना) और 505 (जनहित को भड़काने वाले बयान)। साथ ही, ऑनलाइन उकसावा होने पर सूचना प्रौद्योगिकी कानून और साइबर क्राइम नियमों के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।
पहली प्राथमिकता सबूत बचाना है। स्क्रीनशॉट लें, URL और समय के साथ नोट रखें, और अगर संभव हो तो ओरिजिनल पोस्ट का लिंक सेव करें। पोस्ट को डिलीट या शेयर करने से पहले रुकें—कई बार आगे शेयर करने से मामले और बिगड़ते हैं।
दूसरा कदम रिपोर्ट करना है। स्थानीय पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं और साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 'report' विकल्प से पोस्ट को रिपोर्ट करें—कई प्लेटफॉर्म उकसाने वाले कंटेंट को हटाते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो (धमकी, शारीरिक खतरा या संगठित हिंसा का संकेत) तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें।
तीसरा, कानूनी सलाह लें। अगर आप पर गलत आरोप लगे हैं या आप पीड़ित हैं तो वकील से संपर्क करके आगे की रणनीति बनाएं। प्रमाण जुटाना और समय पर शिकायत करने से आपकी स्थिति मजबूत होती है।
अंत में, व्यक्तिगत तौर पर सावधान रहें: किसी भी खबर को पढ़कर तुरंत आगे न बढ़ाएं, स्रोत देखें, और मोबाईल में मिले अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अगर आप पहले से किसी समूह या संगठन का हिस्सा हैं, तो अपने संदेशों की भाषा पर ध्यान दें—बेहद भावुक या आग उकसाने वाली भाषा से दूर रहें।
समाचार संवाद पर इस 'उकसावा' टैग के अंतर्गत आपको ऐसे मामले, कानूनी अपडेट और प्रैक्टिकल सलाह मिलती रहती है। अगर आपको किसी पोस्ट ने परेशान किया है तो न बेझिझक रिपोर्ट करें और सही कदम उठाएं—छोटी चूक बड़ी मुश्किल बना सकती है।
ताइवान ने चीन द्वारा हाल ही में किए गए सैन्य अभ्यास की कड़ी निंदा की है, इसे 'अकारण उकसावे की कार्रवाई' बताया है। इस अभ्यास में बीजिंग ने नौसैनिक जहाजों और लड़ाकू विमानों को शामिल किया, जिसे 'स्वतंत्रता का समर्थन करने वाली ताकतों के खिलाफ गंभीर चेतावनी' के रूप में देखा जा रहा है। इस कदम ने दोनों देशों के बीच तनाव को गंभीर रूप से बढ़ा दिया है। ताइवान अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।