उषा चिलुकुरी वेंस एक भारतीय मूल की अमेरिकी हैं जिन्होंने अमेरिकी न्याय व्यवस्था में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने येल विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है, जो उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक पृष्ठभूमि को दर्शाता है। उषा एक अनुभवी अधिवक्ता हैं जो अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स और जस्टिस ब्रेट कावानो के साथ काम कर चुकी हैं।
उषा का जन्म भारतीय प्रवासियों के घर हुआ था। उनके माता-पिता ने अमेरिका में बसने के लिए काफी संघर्ष किया। उन्होंने अपनी शिक्षा में हमेशा उत्कृष्टता अर्जित की और येल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। येल विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उषा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गईं जहां उन्होंने और उच्च अध्ययन किया।
येल विधि विद्यालय (येल लॉ स्कूल) में पढ़ाई के दौरान उषा की मुलाकात जे डी वेंस से हुई। दोनों ने बाद में विवाह कर लिया। उषा ने न सिर्फ अपने जीवनसाथी की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि उनके जरिए अपने अनुभव और विचारधाराओं का विस्तार भी किया। दोनों का विवाह जयकारणीय और प्रेरणादायक है, क्योंकि वे विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमियों से आए हैं।
प्रारंभ में, उषा डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी थीं लेकिन 2014 में उन्होंने अपनी राजनीतिक विचारधारा बदल ली और रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गईं। उनके पति जे डी वेंस ने भी इसी अवधि में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और वे डोनाल्ड ट्रंप के सबसे प्रमुख सहयोगियों में से एक बन गए।
जे डी वेंस की प्रसिद्द पुस्तक 'हिलबिली एलेर्जी' उनके ग्रामीण सफर और अनुभवों की कहानी है, जिसमें उषा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस पुस्तक ने अमेरिका में काफी चर्चा बटोरी और लोगों को ग्रामीण अमेरिका के जीवन की असलियत से अवगत कराया। उषा वेंस ने न सिर्फ अपने पति को इस पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया बल्कि उनके विचारों को आकार भी दिया।
उषा और जे डी वेंस के तीन बच्चे हैं। भारतीय संस्कृति के प्रति उषा का गहरा प्रेम है, और वे अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति और मूल्यों से परिचित कराने का प्रयास करती हैं। उषा का भारतीय संस्कृति के प्रति यह जुड़ाव अमेरिका और भारत के बीच सांस्कृतिक पुल बनाने में मदद कर सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में उषा चिलुकुरी वेंस का चयन अमेरिकी राजनीति का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह चयन न केवल अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, बल्कि अमेरिकी-भारतीय समुदाय के लिए भी यह गर्व की बात है। उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन की यह कहानी कई लोगों को प्रेरित कर सकती है।
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