पाकिस्तान से जुड़ी खबरें अक्सर सीधे भारत की नीतियों, सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित करती हैं। आप यहाँ राजनीति, सैन्य गतिविधि, आर्थिक हालात, चुनाव, विदेश नीति और खेल-संस्कृति से जुड़ी ताज़ा रिपोर्ट्स पाएँगे। हर कहानी में हम कोशिश करते हैं कि तथ्य, तारीख और स्रोत साफ़ हों ताकि आप जल्दी समझ सकें कि किस मुद्दे का असर किस तरह पड़ेगा।
पाकिस्तान से आने वाली खबरें सिर्फ घटनाओं का संग्रह नहीं हैं—ये पड़ोसी देश के रुझान, नीतिगत बदलाव और सीमापार तनाव का संकेत देती हैं। यहाँ मिलने वाली रिपोर्ट्स में आप यह देखेंगे: नई सरकार या विपक्ष की चालें, सैन्य बयान और सीमाओं पर गहमागहमी, अर्थव्यवस्था और मुद्रा के हाल, और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क। खेल और सांस्कृतिक खबरें भी समय-समय पर स्थिति का नरम पहलू दिखाती हैं।
हमारी कवरेज में प्राथमिकता है: तेज़ अपडेट, सत्यापन और सन्दर्भ। लेखों में आप आधिकारिक बयानों, स्थानीय रिपोर्टिंग और विशेषज्ञों के संक्षिप्त विश्लेषण पाएँगे। अगर कोई घटना लंबी चलने वाली है, तो हम बैकग्राउंड आर्टिकल और टाइमलाइन भी जोड़ते हैं ताकि आप कारण और नतीजे दोनों समझ सकें।
रोज़ाना ताज़ा खबरों के लिए हमारे पाकिस्तान टैग को फॉलो करें। नई घटनाओं के लिए नोटिफिकेशन ऑन कर लें ताकि आप पहले पढ़ सकें। बड़े बदलावों पर हम लाइव कवरेज और अपडेटेड FAQ भी पब्लिश करते हैं — जैसे सीमा पर तनाव, बड़ी कूटनीतिक घोषणाएँ या आर्थिक पैकेज्स।
जब कोई बड़ी खबर आए, तो देखें कि रिपोर्ट में तारीख, स्रोत और संबंधित बयान शामिल हैं या नहीं। इससे आपको समझने में मदद मिलती है कि खबर कितनी ताज़ा और कितनी भरोसेमंद है। संदर्भ के लिए पिछले लेखों और टाइमलाइन को भी खोलकर देखें — इससे घटनाओं का कारण-परिणाम साफ़ दिखता है।
हमारी टीम कोशिश करती है कि भाषा सीधी रहे और हर खबर का मतलब तुरंत सामने आए। अगर आपको किसी खास मामले पर गहराई चाहिए—जैसे सीमापार घटनाओं का स्थानीय असर या आर्थिक पैकेज का विश्लेषण—तो हमें बताइए; हम स्पेशल रिपोर्ट और एक्सप्लेनर तैयार करते हैं।
पाकिस्तान टैग के पन्ने पर आते रहें, नोटिफिकेशन ऑन रखें और किसी भी खबर पर अपने सवाल कमेंट में छोड़ें। आपकी प्रतिक्रिया से हम और बेहतर, सीधी और उपयोगी रिपोर्टिंग कर पाएँगे।
1 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान सेना ने जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले में एलओसी का उल्लंघन किया, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने कड़ा प्रतिरोध किया। यह घटना 2021 की संघर्ष विराम समझौते के बाद पहली बड़ी घटना है।