ओलावृष्टि यानी आसमानी बर्फ के टुकड़े अचानक बड़ी बारिश के साथ गिरना। अक्सर तेज़ गरज-निघाड़ वाले तूफ़ान में होता है और घर, गाड़ियाँ व फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। क्या करें अगर चेतावनी मिलती है या अचानक ओले गिरने लगें? नीचे सरल, काम के कदम दिए हैं जो तुरंत मदद करेंगे।
सबसे पहले, अगर बाहर हैं तो तुरंत किसी सुरक्षित छोर या इमारत के अंदर जाएं। खुले मैदान, पेड़ के नीचे या बिजली के खंभे के पास रुकना खतरनाक होता है।
अगर गाड़ी चला रहे हैं तो धीमा कर के सुरक्षित जगह पर रोकें। कार में बने रहें और खिड़कियाँ बंद रखें। यदि संभव हो तो गाड़ी को किसी छत वाले पार्किंग या पेड़ तले ले जाएँ। नहीं तो कार की छत पर मोटा कंबल या मैट बिछाइए ताकि शीशे टूटने पर चोट कम हो।
घर पर हों तो खिड़कियाँ और बालकनी दरवाज़े बंद कर लें। कांच टूटने का खतरा होता है, इसलिए पर्दे खींच दें और दूर खड़ी चीज़ों को दीवार के पास रखें। बच्चों व बूढ़ों को सुरक्षित कमरे में रखें।
पौधे और छोटे जानवरों को अंदर ले जाएँ या उन पर टार्पोलिन/कपड़ा डालें। यदि छत या सोलर पैनल खुले में हैं तो भारी ओलों से नुकसान हो सकता है — संभव हो तो उन्हें अस्थायी रूप से सुरक्षित करें।
ओलावृष्टि थमने के बाद तुरंत बाहर निकल कर नुकसान का आकलन करें, लेकिन टूटे हुए कांच या बिजली की लाइनों से दूर रहें। घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दें और गंभीर हालत में नज़दीकी अस्पताल या आपात सेवा को सूचित करें।
किसानों के लिए: फसल का फोटो-वीडियो रिकॉर्ड बनाएं और क्षेत्रीय कृषि दफ्तर या बीमा कंपनी को जल्दी रिपोर्ट करें। फसल बीमा (Fasal Bima) और सरकारी मदों के दावे के लिए प्रमाण जरूरी होते हैं।
घर या गाड़ी का नुकसान दर्ज़ करें और बीमा कंपनी से संपर्क करें। जल्दी सूचित करने पर क्लेम प्रोसेस तेज़ होता है। छत या खिड़कियों की अस्थायी मरम्मत के लिए प्लास्टिक शीट और मजबूत टेप काम आते हैं।
ओलावृष्टि कैसे होती है? यह सामान्य तौर पर तेज़ गरज-निघाड़ वाले क्लाउड्स (क्यूलोनिंबस) में बनती है, जहां ऊँचाई पर पानी जमकर बर्फ के रूप में गिरता है और नीचे आते-आते ओलों के रूप में पृथ्वी तक पहुँचता है। मौसम विभाग की रेडार और चेतावनी पर ध्यान दें — अक्सर 1-2 घंटे पहले अलर्ट मिल जाता है।
समाचार संवाद पर हम ओलावृष्टि से जुड़ी ताज़ा खबरें, स्थानीय चेतावनी और बचाव-सुझाव प्रकाशित करते हैं। अपने इलाके की मौसम-अपडेट के लिए स्थानीय IMD अलर्ट और हमारी रिपोर्ट देखें। सुरक्षित रहें, छोटे कदम ही बड़े नुकसान को रोक सकते हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सात राज्यों में ओलावृष्टि और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख तथा हिमाचल प्रदेश में हिमपात की संभावना है। ताजा पश्चिमी विक्षोभ 2-4 मार्च से हिमपात को और बढ़ा देगा। इस दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान में गिरावट होगी और कुछ क्षेत्रों में गर्म मौसम का प्रभाव रहेगा।