BRICS शिखर सम्मेलन हर बार ध्यान खींचता है क्योंकि इसमें बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आपसी सहयोग और वैश्विक नीतियों पर बात करती हैं। यहाँ सामान्य बातें नहीं, सीधे असर डालने वाले फैसले होते हैं—ट्रेड, निवेश, वित्त और सुरक्षा से जुड़ी मुद्दे। अगर आप जानना चाहते हैं कि सम्मेलन से आपकी जेब, कारोबार या देश की भू-राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, तो ये पेज मददगार रहेगा।
सामान्य एजेंडा में ट्रेड और निवेश को आसान बनाना, विकास बैंक (NDB) के प्रोजेक्ट, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग, डिजिटल भुगतान व साइबर सुरक्षा, साथ ही क्लाइमेट और ग्रीन फाइनेंस शामिल होते हैं। विस्तार यानी नए सदस्यों की सदस्यता और वैश्विक संस्थाओं में सुधार की बातें भी अक्सर उठती हैं। कई बार मुद्रा-समझौते या रुपये में व्यापार बढ़ाने के प्रस्ताव भी सामने आते हैं ताकि डोलर पर निर्भरता कम हो सके।
यह सम्मेलन सिर्फ बयान देने का मंच नहीं होता—यह समझौतों और कार्ययोजनाओं का मौका भी देता है। कुछ आरम्भिक समझौते छोटे प्रोजेक्टों से शुरू होते हैं और बाद में बड़े निवेश में बदल जाते हैं। इसलिए शुरुआती घोषणाओं को भी गंभीरता से देखना जरूरी है।
भारत का फोकस आम तौर पर सस्टेनेबल विकास, डिजिटल इंडिया, और क्षेत्रीय सुरक्षा पर रहता है। शिखर सम्मेलन में भारत निवेश, टेक्नोलॉजी साझेदारी और ऊर्जा सुरक्षा पर पहल कर सकता है। इससे विदेशी निवेश आने, भारत-जनित प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग और एक्सपोर्ट अवसर बढ़ने की उम्मीद बनती है।
भू-राजनैतिक रूप से भी BRICS का मंच महत्वपूर्ण है। यहाँ भारत समान आवाज़ में वैश्विक नीतियों पर अपना प्रभाव बढ़ा सकता है। इससे वैश्विक संस्थानों में सुधार के मामलों पर समर्थन मिल सकता है और भारत की अंतरराष्ट्रीय सफलता बढ़ सकती है।
व्यावहारिक तौर पर आपको क्या देखना चाहिए—किसी भी समझौते की डिटेल्स: फंड की रकम, टाइमलाइन, तकनीकी साझेदारी और किस स्तर पर लागू होगा (केन्द्रीय या राज्य)। ये बातें तय करती हैं कि फैसला जमीन पर कब तक असर दिखाएगा।
यदि आप व्यापार करते हैं तो ध्यान दें कि क्या टैरिफ, स्टैंडर्ड या मुद्रा सेटेलमेंट में बदलाव हुआ है। नौकरी या निवेश के लिहाज़ से ध्यान देने योग्य अपडेट्स में इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और टेक्नोलॉजी एक्सचेंज सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं।
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कज़ान, रूस में 22-24 अक्टूबर 2024 को 16वां BRICS शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य BRICS फ्रेमवर्क के अंतर्गत व्यापार संबंधों और परमाणु सुरक्षा को मजबूत करना है। ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ जनवरी 2024 में नए सदस्य मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जुड़ गए हैं।