आईएफएफआई: फिल्मों, फिल्मकारों और भारतीय सिनेमा की दुनिया

आईएफएफआई यानी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, भारत में आयोजित होने वाला सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव, जो वैश्विक सिनेमा को भारतीय दर्शकों तक पहुँचाता है। ये महोत्सव केवल फिल्मों का शो नहीं, बल्कि फिल्म निर्माण की कला, उसकी सामाजिक गहराई और उसके जरिए बोले जाने वाले सवालों का भी एक मंच है। यहाँ आपको सिर्फ हिंदी या बॉलीवुड फिल्में नहीं, बल्कि जापानी निर्देशकों की शांत गहराई, अफ्रीकी स्टोरीटेलिंग की तीव्रता, या लैटिन अमेरिका के सामाजिक संघर्षों की झलक मिलती है। आईएफएफआई एक ऐसा स्थान है जहाँ फिल्म बस मनोरंजन नहीं, बल्कि एक बातचीत का जरिया है।

इस महोत्सव में फिल्मकार, वे लोग जो कहानियों को कैमरे के सामने जीवन देते हैं—निर्देशक, पटकथा लेखक, और निर्माता को विशेष जगह मिलती है। यहाँ आप उन्हें सीधे सुन सकते हैं, उनकी फिल्मों के पीछे की कहानियाँ सुन सकते हैं, और यह जान सकते हैं कि कैसे एक छोटी सी गाँव की घटना एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीत जाती है। भारतीय सिनेमा, जो अकेले देश के विविध संस्कृतियों को दर्शाता है, इस महोत्सव में अपनी गहराई और विविधता के साथ खड़ा होता है। आईएफएफआई के जरिए बंगाल की आत्मीय कहानियाँ, महाराष्ट्र के सामाजिक विरोध, और दक्षिण भारत के नए आविष्कार दुनिया के सामने आते हैं। यहाँ आपको न सिर्फ फिल्में देखने को मिलती हैं, बल्कि उनके पीछे की आवाज़ें भी सुनने को।

आईएफएफआई के तहत आए फिल्मों में कुछ ऐसे काम हैं जिन्होंने दर्शकों के दिल छू लिए। जैसे एक गाँव की लड़की जिसने अपने घर के छत पर फिल्म बनाई, या एक बुजुर्ग आदमी जिसने अपने बेटे के लिए एक लंबी लेटर लिखी—जिसे फिल्म बना दिया गया। इस महोत्सव में आपको वो फिल्में मिलेंगी जो टीवी पर नहीं चलतीं, जिन्हें सिनेमाघर नहीं दिखाते, लेकिन जिनकी कहानियाँ आपको जीवन के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती हैं। आपको यहाँ वो फिल्में दिखाई देंगी जो बिना बड़े बजट और स्टार्स के भी दिलों को छू जाती हैं।

इस पेज पर आपको आईएफएफआई से जुड़ी वो खबरें मिलेंगी जो आपको फिल्मों के पीछे की दुनिया को समझने में मदद करेंगी—चाहे वो एक नए निर्देशक की शुरुआत हो, एक फिल्म का अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हो, या फिर एक भारतीय कहानी का विश्व स्तर पर जश्न। ये सब कहानियाँ आपको यह बताएंगी कि फिल्म क्यों बदलती है, और कैसे वो हमारे जीवन को भी बदल देती है।

रणवीर सिंह पर कांतारा के दैव दृश्य को अपमानित करने का आरोप, हिंदू जनजागृति समिति ने दिया आधिकारिक शिकायत
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रणवीर सिंह पर कांतारा के दैव दृश्य को अपमानित करने का आरोप, हिंदू जनजागृति समिति ने दिया आधिकारिक शिकायत

रणवीर सिंह ने आईएफएफआई में कांतारा के दैव दृश्य की नकल करते हुए चमुंडी दैव को 'महिला भूत' कहा, जिसके बाद हिंदू जनजागृति समिति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उनकी आगामी फिल्म धुरंधर भी विवादों में फंसी हुई है।

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