विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने दूसरे शनिवार को ₹44 करोड़ की कमाई की, ₹400 करोड़ के करीब पहुंची

विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने दूसरे शनिवार को ₹44 करोड़ की कमाई की, ₹400 करोड़ के करीब पहुंची

'छावा' की दमदार बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस

विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना की ऐतिहासिक फिल्म 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया हुआ है। फिल्म ने अपने नवें दिन, जो कि दूसरा शनिवार था, ₹44 करोड़ की बंपर कमाई की। इस दिन की कमाई पिछले दिन की तुलना में 87% अधिक थी। भारत में इस फिल्म की कुल नेट कलेक्शन ₹286.75 करोड़ हो गई है, और यह लगभग ₹400 करोड़ के वर्ल्डवाइड ग्रॉस के करीब पहुंच गई है।

लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित और मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित इस फिल्म में विक्की कौशल ने मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज का मुख्य किरदार निभाया है। उनके साथ फिल्म में अक्षय खन्ना ने मुगल बादशाह औरंगज़ेब का रोल किया है। इसके अलावा, रश्मिका मंदाना, दिव्या दत्ता, और विनीत कुमार सिंह ने भी प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं।

विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी हिट?

विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी हिट?

आंकड़ें देखते हुए यह फिल्म विक्की कौशल के करियर की पहली ₹300 करोड़ की ब्लॉकबस्टर बनने की राह पर है। इसने अन्य बड़ी फिल्मों जैसे 'फाइटर' (₹344 करोड़), 'सिंघम अगेन' (₹360 करोड़), 'भूल भुलैया 3' (₹389 करोड़), और 'तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर' (₹368 करोड़) को पीछे छोड़ दिया है।

फिल्म का विषय मराठा साम्राज्य के साहसी और संघर्षशील शासक छत्रपति संभाजी महाराज की जीवनगाथा पर आधारित है, जो दर्शकों के लिए एक अलग अनुभव लेकर आई है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि फिल्म आगे भी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ती जाएगी और विक्की कौशल के फैंस और अधिक उत्साहित हो सकते हैं।

20 टिप्पणि

  • Aswathy Nambiar

    Aswathy Nambiar

    मार्च 5, 2025 AT 16:50

    भाई, फिल्म के कलेक्शन को देखते लगता है लोग अब इतिहास से ही कोटि‑कोटि कमाना चाहते हैं।
    पर असली सवाल ये है कि कब तक बॉक्स ऑफिस की यही धूम जारी रहेगी?
    इसी दहूलिए में हमारी दिमागी थकान भी बढ़ रही है।
    जैसे इतिहास के पन्ने मोड़‑मोड़ कर पन्ने‑पन्ने दिखाते रहें।
    आख़िर में तो यही पूछना पड़ता है, क्या यही है असली एंटरटेनमेंट?

  • Ashish Verma

    Ashish Verma

    मार्च 14, 2025 AT 03:54

    छावा की कमाई देखके दिल खुश हो गया! 🎉🌟
    ऐसी फिल्में हमारे संस्कृति को उजागर करती हैं, बहुत बढ़िया!

  • Akshay Gore

    Akshay Gore

    मार्च 22, 2025 AT 14:59

    इतनी कमाई के बावजूद कहानी में कुछ कम ही लगा।

  • Sanjay Kumar

    Sanjay Kumar

    मार्च 31, 2025 AT 03:03

    इतिहास को एंटरटेनमेंट में बदलना एक कला है।
    इसे सही तरह से दिखाने की कोशिश दर्शकों को पसंद आई।

  • adarsh pandey

    adarsh pandey

    अप्रैल 8, 2025 AT 14:08

    फ़िल्म की बॉक्स ऑफिस सफलता सराहनीय है, और यह उद्योग के लिए प्रेरणा देती है।
    विक्की कौशल ने अपनी भूमिका में गंभीरता दिखाई है।
    ऐसे प्रोजेक्ट्स से हम सभी को लाभ पहुंचता है।

  • swapnil chamoli

    swapnil chamoli

    अप्रैल 17, 2025 AT 01:12

    हर बड़ी हिट के पीछे छिपे होते हैं कुछ बड़े कारपोरेट सौदे, शायद यही असली कारण है इस अर्निंग की।
    भेद्य नहीं है यह आंकड़ा, मीडिया केवल दिखावा करता है।
    सच्चाई तो यही है कि फ़िल्म निर्माताओं ने जनता को एकत्रित किया।
    भविष्य में इसी तरह की रणनीति देखेंगे।

  • manish prajapati

    manish prajapati

    अप्रैल 25, 2025 AT 12:17

    वाह, छावा ने तो दर्शकों को पूरी तरह झकझोर दिया!
    अब तो विक्की कौशल का नाम हर घर की लिस्ट में है।
    ऐसी फ़िल्में दर्शकों में आत्मविश्वास भर देती हैं।
    आगे भी ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स की उम्मीद रखता हूँ।

  • Rohit Garg

    Rohit Garg

    मई 3, 2025 AT 23:22

    इतिहास की कहानी को इंटेंस एक्शन के साथ मिला कर दिया, असली धमाल।
    संगीत भी उम्दा, और कैमरा कॉरडे ने बख़ूबी पकड़ा।
    कुल मिलाकर, हर पहलू में फ़िल्म ने ठोस प्रदर्शन किया।

  • Rohit Kumar

    Rohit Kumar

    मई 12, 2025 AT 10:26

    छावा की सफलता को सिर्फ़ एक्शन या संगीत बनाकर नहीं समझा जा सकता; यह कई गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक परतों को उजागर करती है।
    पहले तो, मराठा साम्राज्य की गौरवशाली विरासत को प्रस्तुत करने का यह प्रयास दर्शकों को अपने इतिहास से जुड़ने का अवसर देता है।
    दूसरा, विक्की कौशल ने संभाजी महाराज की जटिल व्यक्तित्व को नाजुकता से पेश किया, जिससे पात्र की मानवीय पक्ष को भी उजागर किया गया।
    तीसरा, फिल्म में उपयोग किए गए प्रोडक्शन डिज़ाइन और कॉस्ट्यूम ने एक यथार्थवादी माहौल बनाकर दर्शकों के इर्द‑गिर्द एक सजीव दुनिया स्थापित की।
    चौथा, संगीतकार की रचना ने न केवल भावनात्मक गहराई जोड़ी, बल्कि युद्ध दृश्यों में तनाव को बढ़ाया।
    पाँचवा, एडीटिंग की गति ने कथा को गतिशील बनाए रखा, जिससे दर्शकों की रुचि बनी रही।
    छटा, मार्केटिंग रणनीति और डिजिटल प्रमोशन ने फ़िल्म को व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुँचाया।
    सातवा, सोशल मीडिया पर बनायी गयी चर्चाओं ने बक्स़ ऑफिस पर एक सकारात्मक प्रभाव डाला।
    आठवां, फ़िल्म की कथा में नैतिक द्वंद्व ने दर्शकों को विचार करने के लिए प्रेरित किया।
    नवां, इस फ़िल्म ने आलोचना और प्रशंसा दोनों को एक साथ बुलाया, जिससे चर्चा में बढ़ोतरी हुई।
    दसवां, यह स्पष्ट होता है कि भारतीय दर्शक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और एंटरटेनमेंट को एक साथ देखने के लिए तैयार हैं।
    ग्यारहवां, भविष्य में इस प्रकार की फ़िल्में अधिक अनुसंधान और सटीक इतिहासिक प्रस्तुति पर आधारित हों, यह एक आवश्यक दिशा है।
    बारहवां, इस फ़िल्म ने नई पीढ़ी को अपने इतिहास में रुचि रखने के लिए प्रेरित किया।
    तेरहवां, आर्थिक दृष्टि से देखें तो, ऐसी बड़ी कमाई फिल्म उद्योग के निवेशकों को आशावादी बनाती है।
    चौदहवां, अंत में, हम यह कह सकते हैं कि छावा ने बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों के परे एक सामाजिक प्रभाव भी छोड़ा है।
    पंद्रहवां, यह प्रभाव केवल वित्तीय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुत्थान का भी हिस्सा है।
    सोलहवां, इस प्रकार की फिल्में भविष्य में भारतीय सिनेमा को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती हैं।

  • Hitesh Kardam

    Hitesh Kardam

    मई 20, 2025 AT 21:31

    देशभक्ति के साथ बनाई गई फ़िल्म को इतना वॉव मिलना चाहिए।
    यह हमारी संस्कृति की सच्ची आवाज़ है।

  • Nandita Mazumdar

    Nandita Mazumdar

    मई 29, 2025 AT 08:35

    ऐसी फिल्में हमारी राष्ट्रीय गरिमा को बढ़ाती हैं।

  • Aditya M Lahri

    Aditya M Lahri

    जून 6, 2025 AT 19:40

    बिल्कुल सही कहा यार, इस फ़िल्म ने हमारे दिलों को छू लिया। 😊
    आशा है आगे भी ऐसे ही प्रोजेक्ट्स आएँ।

  • Vinod Mohite

    Vinod Mohite

    जून 15, 2025 AT 06:44

    सिनेमैटिक इकोसिस्टम में इस क्लस्टरचा कोर इम्प्लीमेंटेशन स्ट्रैटेजिकली इंटीग्रेटेड है।
    जैसे ही बिडींग प्रॉसेस फॉलो किया गया, वैल्यू प्रोपोर्शनली स्केलेबल रही।
    कंटेंट डिस्ट्रिब्यूशन फेज़ ने एंगेजमेंट को मैक्सिमाइज़ किया।

  • Rishita Swarup

    Rishita Swarup

    जून 23, 2025 AT 17:49

    फिल्म के आँकड़े देखके थोड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन साथ ही यह भी दिखता है कि दर्शकों को इतिहास में रूचि है।
    हालांकि कभी‑कभी मार्केटिंग ट्रिक्स से बेवकूफ़ भी बनते हैं।
    फिर भी, ऐसी फिल्में सामाजिक संवाद को बढ़ावा देती हैं।
    मैं मानता हूँ कि यह एक सकारात्मक दिशा है।
    आगे भी इस तरह की सामग्री बनी रहे तो अच्छा रहेगा।

  • anuj aggarwal

    anuj aggarwal

    जुलाई 2, 2025 AT 04:53

    विक्की की परफ़ॉर्मेंस को लेकर मैं काफी इम्प्रेस्ड हूँ, लेकिन बॉक्सऑफ़िस आंकड़े में थोड़ा अति‑आशावाद दिखता है।
    फिल्म के प्रोडक्शन वैल्यू तो शानदार है, पर कहानी में कुछ मोड़ कम लगते हैं।
    फिर भी, दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए यह सफल माना जा सकता है।

  • Sony Lis Saputra

    Sony Lis Saputra

    जुलाई 10, 2025 AT 15:58

    मैं समझता हूँ कि कहानी में थोड़ा कमी महसूस हो सकता है, परन्तु कुल मिलाकर फ़िल्म ने कई पहलुओं में ख़ास पहचान बनायी है।
    जैसे एक कोच की तरह, यह हमें प्रेरित करती है कि बड़े सपने देखें।
    आख़िर में, दर्शक का रिस्पॉन्स ही सबसे बड़ा मानदंड है।

  • Kirti Sihag

    Kirti Sihag

    जुलाई 19, 2025 AT 03:03

    क्या बात है, बॉक्स ऑफिस पर छापा! 😱
    सिर्फ़ कमाई नहीं, उम्मीदों की भी धज्जियां उड़ा दी।

  • Vibhuti Pandya

    Vibhuti Pandya

    जुलाई 27, 2025 AT 14:07

    छावा की सफलता को देखके खुश हूँ, यह पूरे इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत है।
    आशा है कि आगे भी ऐसे प्रोजेक्ट्स बनते रहें।

  • Aayushi Tewari

    Aayushi Tewari

    अगस्त 5, 2025 AT 01:12

    फ़िल्म ने ऐतिहासिक विवरण को सटीक रूप से पेश किया, यह सराहनीय है।
    भविष्य में इसी तरह के प्रोजेक्ट्स से दर्शकों को लाभ होगा।

  • Rin Maeyashiki

    Rin Maeyashiki

    अगस्त 13, 2025 AT 12:16

    जब मैं टिकेट खरीदने गया, तो दिल धड़क रहा था, क्योंकि यह मेरा पहला इतिहास‑ड्रामा था।
    सिनेमा हॉल में एंट्री लेते ही माहौल बोधगम्य और तीव्र था, जैसे हम स्वयं उस युग में प्रवेश कर चुके हों।
    फ़िल्म के ऑडियो इफ़ेक्ट्स ने मुझे युद्ध की गड़गड़ाहट तक पहुंचा दिया, और बैकग्राउंड स्कोर ने भावनाओं को गहरा कर दिया।
    मुख्य किरदार की प्रस्तुति ने मेरे भीतर के राष्ट्रीय भावना को छू लिया, और मैं उनके साथ हर क्षण में जूझता महसूस किया।
    समग्र रूप से, यह फ़िल्म न केवल एक एंटरटेनमेंट व्यूह था, बल्कि एक सीख भी थी कि कैसे इतिहास को फिर से जीवंत किया जा सकता है।
    आशा है आगे भी ऐसी ही महाकाव्य फ़िल्में बनें, जो हमें गर्व और ज्ञान दोनों दें।

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