क्या आप ट्विटर जैसा अनुभव चाहते हैं पर किसी और प्लेटफॉर्म पर जाना चाहते हैं? सही जगह पर हैं। ट्विटर के बाद कई प्लेटफॉर्म उभरे हैं — कुछ डिसेंट्रलाइज़्ड, कुछ बड़े सोशल नेटवर्क द्वारा। नीचे आसान भाषा में बताता हूँ कौन सा प्लेटफॉर्म किसके लिए बेहतर है और कैसे आप आराम से शिफ्ट कर सकते हैं।
Mastodon — यह फेडिवर्स का हिस्सा है। मतलब आप अलग-अलग सर्वर (इंस्टेंस) चुनकर उसी नेटवर्क पर लोगों से जुड़ते हैं। प्राइवेसी और कंटेंट moderation के विकल्प बेहतर हैं। पर यूजर इंटरफेस थोड़ा अलग है और नए लोगों को शुरुआत में कन्फ्यूज़ कर सकता है।
Bluesky — AT प्रोटोकॉल पर बना, साधारण इंटरफेस और अच्छी वर्ड-लेंथ नियंत्रण। अगर आप खुली चर्चा और कंट्रोल चाहते हैं तो अच्छा है। अभी विकासशील है, इसलिए कुछ फीचर सीमित मिल सकते हैं पर स्पीड बढ़ रही है।
Threads — Meta का उत्पाद, इंस्टाग्राम के साथ इंटीग्रेशन है। अगर आपके फॉलोअर्स इंस्टाग्राम पर हैं तो तुरंत जुड़ने का फायदा मिलेगा। बड़े पैमाने पर यूजर बेस और आसान मोबाइल UX इसकी ताकत है। पर डेटा नीतियों को देखें — Meta का डेटा मॉडल अलग होता है।
Koo — भारत-केंद्रित माइक्रोब्लॉगिंग, कई भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है। लोकल ऑडियंस और पॉलिटिकल चर्चा के लिए अच्छा विकल्प है।
इसके अलावा Reddit, Tumblr और LinkedIn भी कुछ तरह की बातचीत और समुदाय के लिए विकल्प दे सकते हैं — Reddit खासकर लंबी चर्चाओं और niche समुदायों के लिए बेस्ट है।
पहले सोचें: आपका मुख्य लक्ष्य क्या है — खबरें पढ़ना, प्रोफेशनल नेटवर्किंग, या लंबी चर्चाएं? प्रो टिप: दो प्लेटफॉर्म एक साथ चलाकर देखें।
माइग्रेशन के लिए कदम सरल रखें — 1) अपने फॉलोअर्स को बताएं और प्रोफाइल में नए लिंक डालें; 2) शुरुआती समय पर पोस्ट क्रॉस-पोस्ट करें ताकि लोग आपको ढूँढ लें; 3) अगर संभव हो तो वही हैंडल रखें, इससे पहचान बनी रहती है; 4) प्राइवेसी सेटिंग्स और 2FA तुरंत चेक करें।
कौन सा नहीं चुनें? जो प्लेटफॉर्म बेहद कम एक्टिविटी या नित नए विवादों में फंसता है, वह लॉन्ग-टर्म के लिए बेहतर नहीं। नई जगह पर धैर्य रखें — समुदाय और सही फॉलोवर्स धीरे बनते हैं।
अंत में, मैं कहूँगा: एक-दम से छोड़ने की बजाय धीरे-धीरे दो-तीन विकल्प आजमाइए। अकाउंट सुरक्षित रखें, अपनी प्राथमिकताएं साफ रखें और उस नेटवर्क पर वही शेयर करें जो वहां के ऑडियंस को काम आए। नए मंच ट्राय करने में नुकसान नहीं, पर स्मार्ट तरीके से शिफ्ट करें।
भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo अपनी सेवाएँ बंद कर रहा है, क्योंकि इसे खरीददार नहीं मिल सका। प्लेटफॉर्म का उद्देश्य स्थानीय भाषाओं में उपयोगकर्ताओं को अभिव्यक्त करने का मौका देना था। हालांकि, बड़े प्रतियोगियों के सामने यह अपने यूजर एंगेजमेंट को बनाए रखने में असफल रहा।