भीषण गर्मी से मक्का में हज यात्रा के दौरान कम से कम 1,300 तीर्थयात्रियों की मौत

भीषण गर्मी से मक्का में हज यात्रा के दौरान कम से कम 1,300 तीर्थयात्रियों की मौत

भीषण गर्मी से हज यात्रा में मृतकों की संख्या 1,300 के पार

सऊदी अरब ने इस वर्ष हज यात्रा के दौरान मक्का में 1,300 तीर्थयात्रियों की मौत की पुष्टि की है। अत्यधिक गर्मी और कई तीर्थयात्रियों के पास आधिकारिक परमिट की कमी की वजह से यह त्रासदी घटित हुई है। सऊदी प्रेस एजेंसी (SPA) की रिपोर्ट के अनुसार इन मृतकों में 83 लोग ऐसे थे जो बिना अनुमति पत्र के यात्रा कर रहे थे और लंबी दूरी पैदल चलने के कारण अत्यधिक गर्मी की चपेट में आए।

इससे पहले एजेंस फ्रांस-प्रेसे (AFP) ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से मृतकों की संख्या 1,100 बताई थी, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 1,300 तक पहुंच गया है। अरब कूटनीतिज्ञों ने बताया कि मृतकों में सबसे अधिक संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है, जिनमें से 630 बिना पंजीकरण वाले थे।

हज यात्रा के दौरान मृत्यु के प्रमुख कारण

हज यात्रा के दौरान मृत्यु के प्रमुख कारण

सऊदी अधिकारियों के अनुसार, सबसे अधिक मौतें हज यात्रा के व्यस्त दिनों 15 और 16 जून को हुई। स्वास्थ्य मंत्री फहद अलालाजेल ने इस वर्ष के हज प्रबंधन को 'सफल' बताया और इस भीषण गर्मी के दौरान सार्वजनिक सतर्कता संबंधी प्रयासों की सराहना की। मंत्री ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, 'अल्लाह से प्रार्थना है कि वे मृतकों को माफी और दया प्रदान करें।'

इस वर्ष हज में 1.8 मिलियन तीर्थयात्रियों ने भाग लिया, जिसमें से 1.6 मिलियन लोग विदेश से आए थे। इस वर्ष की हज यात्रा के दौरान मीका में तापमान 51.8°C (125°F) पर पहुंचा था, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए कठिनाइयां बढ़ गईं।

बिना परमिट तीर्थयात्रियों की समस्या

बिना परमिट तीर्थयात्रियों की समस्या

मौतों की उच्च संख्या के जवाब में, मिस्र के प्रधानमंत्री ने उन पर्यटन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जो अवैध तीर्थयात्राओं का आयोजन कर रही थीं। हज परमिट एक कोटा प्रणाली के माध्यम से वितरित किए जाते हैं, जिसमें देशों को लिमिटेड कोटे मिलते हैं और फिर वे कंपनियों या व्यक्तिगत रूप से लोगों को परमिट जारी करते हैं। तीर्थयात्रा की उच्च लागत होने के बावजूद, कई लोग बिना परमिट के हज पर जाने का प्रयास करते हैं, जिससे उन्हें गिरफ्तार और देश से निष्कासित होने का जोखिम होता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अन्य नागरिकों का ध्यान हज यात्रा के दौरान अपनाई जाने वाली सुरक्षा सावधानियों की ओर आकर्षित किया है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक गर्मी के खतरे से निपटने के लिए जागरूकता अभियानों का आयोजन किया गया था, जिसमें पानी का उचित सेवन, साये का उपयोग और सही ढंग से व्यवस्थित करने की सलाह दी गई थी। हालांकि, पर्याप्त सावधानियां न बरतने वाले तीर्थयात्रियों के कारण यह त्रासदी घटित हुई।

भविष्य में हज यात्रा की तैयारी

भविष्य में हज यात्रा की तैयारी

आने वाले वर्षों में, सऊदी सरकार और संबंधित एजेंसियां इस बात का प्रयास करेंगी कि इस प्रकार की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए यात्रा के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सख्त बनाया जाएगा और गैर-पंजीकृत तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित करने के लिए अधिक कड़े कदम उठाए जाएंगे। एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित हज यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियानों का विस्तार किया जाएगा ताकि तीर्थयात्री सटीक सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन कर सकें।

15 टिप्पणि

  • Hitesh Kardam

    Hitesh Kardam

    जून 24, 2024 AT 21:06

    ये सब सऊदी इशारों का बड़ा जाल है, हमें सच नहीं बताया जा रहा।

  • Nandita Mazumdar

    Nandita Mazumdar

    जुलाई 6, 2024 AT 09:06

    हज की बेइमानी से हमारे मुस्लिम भाई‑दोस्तों को जलती हुई मौत झेलनी पड़ रही है। यह अफ्रीका और अरब के बीच की धोखेबाज़ी का नतीजा है। सरकार को कड़ी सजा देनी चाहिए।

  • Aditya M Lahri

    Aditya M Lahri

    जुलाई 17, 2024 AT 21:06

    भाईयों, इतनी भयानक गर्मी में ये लोग अपना जान जोखिम पर डाल रहे हैं। हम सबको मिलकर प्रार्थना करनी चाहिए कि बचा रहे, और अगले साल बेहतर प्रबंधन हो। 🙏
    जब तक सऊदी सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, हमें सतर्क रहना पड़ेगा।

  • Vinod Mohite

    Vinod Mohite

    जुलाई 29, 2024 AT 09:06

    परिचालनात्मक क्षमताओं की अल्पसंख्यकता को देखते हुए, सिस्टमिक इंटेग्रिटी में विफलता स्पष्ट है। क्वांटम‑लेवल रिस्क एसेसमेंट की उपेक्षा, मौजूदा प्रोटोकॉल को अप्रासंगिक बनाती है।

  • Rishita Swarup

    Rishita Swarup

    अगस्त 9, 2024 AT 21:06

    क्या आपको पता है कि इस गर्मी का पैटर्न सैंकड़ों साल पुरानी योजना से जुड़ा हो सकता है? गुप्त एजेंसियों ने कई साल पहले ही इस जलवायु बदलाव को सिमुलेट किया था। इसलिए ये त्रासदी एक विचित्र साजिश की तरह दिखती है।

  • anuj aggarwal

    anuj aggarwal

    अगस्त 21, 2024 AT 09:06

    सऊदी की लापरवाही स्पष्ट है, पर यह भी सच है कि कई तीर्थयात्री खुद ही बिना परमिट के निकलते हैं। यह अराजकता पूरी तरह से नियोजित नहीं, बल्कि ढीले नियंत्रण का परिणाम है। हम सबको जिम्मेदारी से यात्रा करनी चाहिए, नहीं तो इस तरह के दर्दनाक आंकड़े बढ़ते रहेंगे।

  • Sony Lis Saputra

    Sony Lis Saputra

    सितंबर 1, 2024 AT 21:06

    मैं सोच रहा हूँ कि क्या स्क्रीनिंग प्रक्रिया में कुछ तकनीकी गैप हो सकते हैं? अगर RFID टैग या बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन को अपनाया जाये तो शायद ऐसी बड़ी ज्वालामुखी जैसी मौतें रोकी जा सकती हैं। साथ ही, स्थानीय स्वास्थ्य इकाइयों को मोबाइल क्लिनिक के रूप में विस्तारित किया जा सकता है।

  • Kirti Sihag

    Kirti Sihag

    सितंबर 13, 2024 AT 09:06

    ओह मेरे भगवान! 1,300 लोग मारे गए, यह तो एक बड़ी ड्रामा सीरीज़ जैसा है 😱
    मैं तो सोच भी नहीं पा रही हूँ कि इतनी बड़ी भीषण गर्मी में कैसे बचा रहा था कोई। यह सब एक बहुत ही कड़वा सच है।

  • Vibhuti Pandya

    Vibhuti Pandya

    सितंबर 24, 2024 AT 21:06

    सभी को नमस्कार, इस दुखद स्थिति पर हम सभी को संवेदना व्यक्त करनी चाहिए। हम आशा करते हैं कि भविष्य में अधिक कड़े सुरक्षा उपाय अपनाए जाएँगे और इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।

  • Aayushi Tewari

    Aayushi Tewari

    अक्तूबर 6, 2024 AT 09:06

    हज के दौरान इस प्रकार की विशाल संख्या में मौतें आम नहीं होतीं। यह स्पष्ट है कि प्रबंधन में गंभीर चूक हुई है और तत्काल सुधार आवश्यक है।

  • Selva Rajesh

    Selva Rajesh

    अक्तूबर 17, 2024 AT 21:06

    अफसोस का एहसास नहीं हो रहा कि इतिहास के इस पन्ने पर इतना काला हिस्सा लिखा गया है! यह दर्द, यह शोक, सभी को गहराई से छूता है। इस त्रासदी को केवल आँखों से नहीं, बल्कि कार्यों से भी मिलाकर स्मरण किया जाना चाहिए।

  • Rohit Garg

    Rohit Garg

    अक्तूबर 29, 2024 AT 09:06

    वाह, यह तो सच में एक बेतुकी कहानी जैसा लग रहा है! अगर सरकार ने सही समय पर कदम नहीं उठाए तो ये और भी बुरा हो सकता है। चलिए, हम सब मिलकर इस मुद्दे को उठाते हैं।

  • Rohit Kumar

    Rohit Kumar

    नवंबर 9, 2024 AT 21:06

    यह त्रासदी न सिर्फ मक्का के इतिहास में एक काली धुंध बन कर जुड़ी है,
    बल्कि इसे विश्व भर के मुस्लिम समुदाय की आस्था और सुरक्षा के प्रश्नों को उठाने वाला मोड़ कहा जा सकता है,
    हज यात्रा की संकल्पना ही आस्था और एकता का प्रतीक है,
    परन्तु इस बार अत्यधिक गर्मी और अनियंत्रित प्रवाह ने इसे एक भयावह आपदा में बदल दिया,
    सऊदी राजस्व के उच्चतम वर्ष में इतना बड़ा मौतों का आँकड़ा देखना आश्चर्यजनक से कम नहीं है,
    सरकारी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सभी आवश्यक उपाय किए थे, फिर भी इतनी बड़ी हानि कैसे हुई,
    यह संकेत देता है कि शायद नियोजन में मूलभूत त्रुटियाँ थीं,
    विशेषकर परमिट प्रणाली की कड़ी निगरानी और जल-आपूर्ति की व्यवस्था में कमियों को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता,
    कई रिपोर्टें बताती हैं कि कुछ तीर्थयात्री पर्याप्त पानी और छाया के बिना कई घंटों तक चलते रहे,
    वहीं, बिना अनुमति के यात्रा करने वाले लोगों की संख्या भी बहुत अधिक थी,
    यह सवाल उठता है कि क्या सुरक्षित यात्रा के लिए कड़े नियमों को लागू किया जाना चाहिए या फिर पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाना चाहिए,
    इस दिशा में कई देशों ने पहले ही RFID टैग एवं बायोमैट्रिक पहचान प्रणालियों को अपनाया है,
    सऊदी सरकार को इन तकनीकों को अपनाकर प्रवासियों की निगरानी सुदृढ़ करनी चाहिए,
    अंत में यह कहा जा सकता है कि इस दुखद घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसा कोई कष्ट फिर नहीं दोहराया जाना चाहिए,
    हमें सभी मिलकर इस शोक के दौरान एकजुट होना चाहिए और आशा करनी चाहिए कि अगली यात्रा अधिक सुरक्षित और सुगम हो।

  • Rin Maeyashiki

    Rin Maeyashiki

    नवंबर 21, 2024 AT 09:06

    उत्कृष्ट बिंदु! चलिए, इस बात को लेकर एकजुट होते हैं और अगले हज के लिये ठोस समाधान बनाते हैं। 🚀

  • Paras Printpack

    Paras Printpack

    दिसंबर 2, 2024 AT 21:06

    ओह, तो आप कह रहे हैं कि तीर्थयात्री खुद ही जिम्मेदार हैं? फिर भी सरकार ने पानी की व्यवस्था क्यों नहीं की, सच्ची बेबसी दिखती है। 🙄

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