प्रधान सचिव: राज्य प्रशासन में उनका मतलब क्या है?

क्या आप कभी सोचते हैं कि सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ आखिर जमीन पर कैसे उतरती हैं? अक्सर इसका काम प्रधान सचिव देखते हैं। वे किसी विभाग के शीर्ष अधिकारी होते हैं और मंत्री के साथ मिलकर नीतियों को लागू कराते हैं। सरल भाषा में—मंत्री नीति तय करते हैं, प्रधान सचिव उसे अमल में बदलते हैं।

नियुक्ति कैसे होती है? सामान्यतः अनुभवी IAS अधिकारी को राज्य सरकार प्रधान सचिव बनाती है। पद का दर्जा ऊँचा होता है और जिम्मेदारी भी बड़ी। कुछ मामलों में केन्द्र से भी वरिष्ठ अधिकारी का बहाली या डेप्यूटेशन होता है।

प्रधान सचिव के मुख्य काम और अधिकार

प्रत्येक दिन के काम अलग होते हैं, पर कुछ मुख्य जिम्मेदारियाँ ऐसी होती हैं जो अक्सर किसी भी प्रधान सचिव से जुड़ी रहती हैं:

- नीति और योजना बनाने में मदद: मंत्री के विचार को व्यावहारिक रूप में बदलना।

- कार्यालयी दस्तावेज़ और कैबिनेट नोट तैयार करना: निर्णयों के लिए सही तथ्य और विकल्प जोड़ते हैं।

- बजट और वित्तीय मंजूरी में भूमिका: विभागीय खर्चों का मूल्यांकन और प्राथमिकता तय करना।

- क्राइसिस मैनेजमेंट: बाढ़, महामारी या सुरक्षा घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई को समन्वयित करना।

- शाखाओं और ज़िलों के अधिकारियों के साथ समन्वय: योजना की निगरानी और रिपोर्टिंग।

- नियम-पद्धति और अनुवर्तन: कानूनों के अनुपालन और आवश्यक निर्देश जारी करना।

ध्यान रखें—प्रधान सचिव का काम प्रशासकीय और तकनीकी दोनों होता है। वे मंत्री को विकल्प देते हैं, लेकिन कार्य-निष्पादन की जिम्मेदारी उनकी भी होती है।

नागरिकों के लिए व्यावहारिक टिप्स और अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अगर आप किसी विभागीय समस्या के चलते प्रधान सचिव से संपर्क करना चाहते हैं, तो ये आसान तरीके अपनाएँ:

- पहले विभागीय कार्यालय या लोक शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। ऑनलाइन पर्ची, आवेदन या ईमेल अधिक कारगर होते हैं।

- आवेदन में मुद्दा साफ लिखें, तारीखें और संबंधित दस्तावेज़ जोड़ें। फ़ॉलो-अप के लिए रिकॉर्ड रखें।

- समाधान न मिलने पर RTI या वरिष्ठ अधिकारियों को लिखें; कई राज्यों में सीएम/सीएस पोर्टल होते हैं जहाँ आप मामला ऊपर ले जा सकते हैं।

अक्सर पूछते हैं: प्रधान सचिव और चीफ़ सेक्रेटरी में फर्क क्या है? चीफ़ सेक्रेटरी पूरे राज्य प्रशासन के सबसे वरिष्ठ अधिकारी होते हैं, जबकि प्रधान सचिव किसी विशेष विभाग (वित्त, स्वास्थ्य, गृह आदि) के प्रमुख होते हैं।

क्या प्रधान सचिव को जनता से मिलना चाहिए? हाँ, सार्वजनिक समस्याओं के समाधान में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है। प्रधान सचिव का काम केवल आदेश देना नहीं, बल्कि सिस्टम को बेहतर बनाना भी है।

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PM मोदी के द्वितीय प्रधान सचिव बने पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
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PM मोदी के द्वितीय प्रधान सचिव बने पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का द्वितीय प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। यह पद पहली बार बनाया गया है। दास ने अपने कार्यकाल के दौरान विमुद्रीकरण और COVID-19 के संकट में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनकी नियुक्ति मोदी के कार्यकाल के साथ चलेगी। पीके मिश्रा पहले प्रधान सचिव बने रहेंगे।

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