दिल्ली में साफ, उत्तर प्रदेश में गर्जन‑बिजली: 26‑9‑2025 का मौसम पूर्वानुमान

दिल्ली में साफ, उत्तर प्रदेश में गर्जन‑बिजली: 26‑9‑2025 का मौसम पूर्वानुमान

जब प्रादेशिक मौसम केंद्र नई दिल्ली ने 26 सितंबर 2025 के मौसम पूर्वानुमाननई दिल्ली जारी किया, तो राजधानी की धूप‑गर्मियों ने फिर से जनता के चेहरे पर पसीना ला दिया। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के आकाश में 26 सितंबर को लगभग साफ‑साफ रहेगा, पर तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुँचने की संभावना है – जो औसत से 1‑2 डिग्री अधिक है। यह ही नहीं, अगले दो दिनों में आगे 1‑2 डिग्री की बढ़ोतरी की भी चेतावनी दी गई है।

दिल्ली‑एनसीआर में धूप की लहर

मुख्यतः साफ‑सुथरे आसमान के साथ धूप की तीव्रता लगातार बढ़ रही है। नज़रिए से देखा जाए तो 26 सितंबर को न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री ऊँचा है। श्री अमित वर्मा, सीनियर वैज्ञानिक भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, “दिल्ली‑एनसीआर में मानसून की विदाई के बाद से ही गर्मी का क्रम धीरे‑धीरे तेज़ हो रहा है, और अब हम अप्रैल‑मई की धूप को फिर से देख रहे हैं।”

गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा जैसे निकटवर्ती शहरों में भी तापमान 35‑36 डिग्री तक पहुँच चुका है। लोग अब सुबह‑शाम की ठंडी हवा के झोंके तक नहीं खोज पा रहे, और एयर‑कंडीशनर का उपयोग दिन‑भर बढ़ गया है। इस गर्मी की लहर को ‘सहसंकल्पित’ कहना भी कम नहीं होगा।

पड़ोसी राज्यों में बदलती धुंध

जब दिल्ली में सूरज आपनी पूरी तेज़ी से चमक रहा है, वहीँ उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में आंशिक बादल और गर्जन‑बिजली की संभावना बनी हुई है। विभाग ने 26 सितम्बर को पीली चेतावनी जारी कर, “गर्जन‑बिजली के साथ छोटे‑छोटे बौछारें हो सकती हैं” कहा। 27 सितम्बर को यह संभावना उत्तर प्रदेश के बड़े‑बड़े जिलों और पूर्वी राजस्थान में भी फैल जाएगी।

हालाँकि, इन क्षेत्रों में बरसात की संभावनाएँ अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, इसलिए लोग सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। विशेषकर यात्रियों को कहा गया है कि वे अपने यात्रा‑योजनाओं में बदलाव कर ले, क्योंकि अचानक बिजली की चमक से ट्रैफ़िक जाम या रास्ते बंद हो सकते हैं।

मौसम विभाग की चेतावनियां और संभावित प्रभाव

मौसम विभाग की चेतावनियां और संभावित प्रभाव

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि इस पीली चेतावनी में ‘विजली चमकना, गर्जन, और संभावित बौछार’ शामिल हैं। इन चेतावनियों के तहत, किसानों को फसल‑रक्षा के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है, जबकि शहरी इलाकों में बिजली कटौती की संभावना कम है, पर छोटे‑छोटे पावर‑फ्लक्टुएशन हो सकते हैं।

सड़क सुरक्षा के लिहाज़ से भी एजेंडा थॉड़ा‑बहुत बदल रहा है। ‘एक्साइडेंट‑फ्री’ के लिए पुलिस विभाग ने “आकाश में बिजली चमके तो तुरंत सड़क पर रुककर सुरक्षित जगह खोजें” का एलान किया। कई क्षेत्रों में जल‑संभाल उपाय भी तेज़ी से लागू किए जा रहे हैं, क्योंकि अचानक बरसात के बाद जल‑संकट के खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

स्थानीय जनजीवन पर गर्मी का असर

हर साल के इस समय लोग आमतौर पर ठंड‑क्लासिक शरद‑पवन की उम्मीद करते हैं, पर इस साल तो ऐसा नहीं। “सितंबर में अब ऐसा लग रहा है जैसे अप्रैल‑मई फिर से आया हो,” एक स्थानीय निवासी, रहेन्दर सिंह ने कहा। गर्मी के कारण कई छोटे‑बिज़नेस, जैसे किचन‑गॉरमेंट और स्ट्रीट‑फ़ूड विक्रेता, अब एसी‑वाले स्थानों में अपने स्टॉल सेट कर रहे हैं, जिससे किराए में 15 % तक इज़ाफ़ा हुआ है।

बच्चों के स्कूल में भी चॉकलेट‑बॉक्स के बजाय ठंडे पानी की बोतलें ज़्यादा देखी जा रही हैं। कुछ स्कूलों ने “संध्या‑सत्र” शुरू कर दिया है, ताकि बच्चें दोपहर की तीव्र धूप से बच सकें। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि गर्मी‑से संबंधित डिहाइड्रेशन या हीट‑स्ट्रोक के केस बढ़ सकते हैं, इसलिए पर्याप्त पानी पीना और हल्का भोजन करना आवश्यक है।

आगे क्या उम्मीद करें

आगे क्या उम्मीद करें

28 सितम्बर तक तापमान में 1‑2 डिग्री की और वृद्धि की संभावना है, जिसके बाद 29‑30 सितम्बर को हल्की हवा और संभावित बादल‑छाया की संभावनाएँ बढ़ेंगी। अगर बारिश‑प्रकाशन की संभावना बनी रहती है, तो अचानक तूफ़ानी हवाओं से बचने के लिए “अतिरिक्त चेतावनियों” जारी की जा सकती हैं।

सारांश में कहें तो, दिल्ली‑एनसीआर में धूप‑की‑लहर जारी रहेगी, जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गर्जन‑बिजली का माहौल बने रह सकता है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय मौसम‑रिपोर्ट पर नजर रखें और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएँ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिल्ली में इस गर्मी से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है?

उच्च तापमान और कम नमी के कारण डिहाइड्रेशन, हीट‑स्ट्रोक और चक्कर आने की शिकायतें बढ़ सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने रोज़ाना 2‑3 लीटर पानी पीने और हल्का भोजन करने की सलाह दी है।

उत्तरी‑पूर्वी उत्तर प्रदेश में गर्जन‑बिजली से किस प्रकार की क्षति की संभावना है?

पीली चेतावनी के तहत मुख्य जोखिम छोटे‑छोटे बौछार और तेज़ गर्जन हैं, जिससे बिजली कटौती, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को झटका और अस्थायी सड़कों पर जल‑जमाव हो सकता है।

क्या अगले दो दिनों में बारिश की संभावना है?

26‑27 सितम्बर को दिल्ली‑एनसीआर में बरसात की संभावना न्यूनतम है, पर उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आंशिक बौछार एवं गर्जन‑बिजली की संभावना बनी हुई है।

फसलियों पर इस मौसम का क्या असर पड़ेगा?

गर्मियों का तीव्र रहना धान और गन्ने की फसल को तनाव दे सकता है। किसानों को फसल‑रक्षा के लिए जल‑सिंचन बढ़ाने और सूखा‑रोधी किस्मों की ओर झुकाव करने की सलाह दी गई है।

क्या अगली हफ़्ता तक मौसम सामान्य हो जाएगा?

30 सितम्बर तक हल्की हवा और बादल‑छाया की संभावना बढ़ रही है, जिससे तापमान में थोड़ी कमी और हल्की बरसात का अवसर मिल सकता है। परंतु मौसम विभाग ने निगरानी जारी रखी है।

4 टिप्पणि

  • Avadh Kakkad

    Avadh Kakkad

    अक्तूबर 6, 2025 AT 21:11

    दिल्ली की आज की धूप तो सच में आधी दिवाली जैसा है, पर तापमान 35 डिग्री की रेंज में रहने से कई लोग जलती हुई पक्की रोटी की तरह महसूस कर रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनीं को अक्सर लोग हल्के में लेते हैं, जबकि आँकड़े बताते हैं कि हीट‑वेरिएंस पिछले पाँच वर्षों में 20 % बढ़ा है। इस गर्मी के दौर में एयर‑कंडीशनर की खपत भी 30 % तक बढ़ जाएगी, जिससे बिजली को लेती लोड‑शेडिंग का खतरा रहता है। अगर आप अभी भी सोचते हैं कि कल ठंडा रहेगा, तो आप बायोटिक कोल्डर के सपने देख रहे हैं। तो अपनों को याद दिलाइए, पानी का सेवन बढ़ाएँ और हल्का खाना खाएँ, नहीं तो अगली बार एडवांस हॉस्पिटल में फसेंगे।

  • naman sharma

    naman sharma

    अक्तूबर 18, 2025 AT 10:57

    संदेह का कोई स्थान नहीं है यह मानते हुए कि मौसम विभाग के आँकड़े केवल सरकारी नियंत्रण के एक सूक्ष्म यंत्र के रूप में कार्य कर रहे हैं, यह स्पष्ट हो जाता है कि इस “पीली चेतावनी” में छिपी हुई शक्ति संरचना का उद्देश्य जनसंख्या को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित करना है। विधायिका द्वारा जारी किए गये मानक संख्यात्मक मान को अनदेखा कर, हम देख सकते हैं कि वर्षा‑प्रीडिक्शन मॉडलों में अज्ञात एल्गोरिद्म “नियमित” रूप से अतिरक्त तापमान को बढ़ा रहे हैं। इस प्रकार की “विज्ञान” की वैधता को पुनः‑आकलन करने की आवश्यकता है, अन्यथा हम स्वयं को भौतिकी के अनुकूलन के अधीन देखेंगे। साथ ही, यह भी संभव है कि इस डेटा के पीछे निजी एयरोस्पेस कंपनियों के आर्थिक हितों की गुप्त अभिरुचि निहित हो।

  • Sweta Agarwal

    Sweta Agarwal

    अक्तूबर 30, 2025 AT 00:44

    आह, क्या महान समाचार! दिल्ली में फिर से “सिर्फ धूप” का आनंद मिलने वाला है, मानो हमें कैलोरिक-डाइट पर रखा गया हो। लेकिन चिंता न करें, गर्मी से बचने के लिए एसी का “फ्री‑ट्रायल” अभी से शुरू कर दिया गया है, आपका बजट बिलकुल ठीक रहेगा। इस बीच गर्जन‑बिजली वाले उत्तर प्रदेश को तो बस एक “मिनिएचर शॉयिंग” जैसा लगता है, है ना? आखिरकार, हर साल की तरह, मौसम विभाग ने फिर से “कोई बड़ी बात नहीं” कहा।

  • KRISHNAMURTHY R

    KRISHNAMURTHY R

    नवंबर 10, 2025 AT 14:31

    भाइयों, इस गर्मी में “UTCI” (Urban Thermal Comfort Index) का मान 85‑90 तक पहुँच रहा है, जो कि “इंटेंसिटी‑हिट” को दर्शाता है 😊। अगर आप अभी भी “हीट‑स्टफ” को “वायरलेस” समझ रहे हैं, तो थर्मल मैप्स देखिए, वे पूरे NCR को रेड‑ज़ोन में बदल रही हैं। साथ ही, “डिमांड‑रिस्पॉन्स” प्रोग्राम में एसी को 4 घंटे तक चलाने पर बोनस पॉइंट्स मिलते हैं, तो यह एक “विन‑विन” स्थिति है।
    ट्रैफ़िक की बात करें तो, “इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम” अभी भी “इंटरसेप्शन” मोड में है, इसलिए रास्ते की स्थिति पर नजर रखें।

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