कुणाल कामरा की ओला इलेक्ट्रिक और भाविश अग्रवाल पर कटाक्ष इतना क्यों वायरल है

कुणाल कामरा की ओला इलेक्ट्रिक और भाविश अग्रवाल पर कटाक्ष इतना क्यों वायरल है

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट और कामरा-अग्रवाल के बीच ट्विटर वार

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में हाल ही में आई गिरावट का असर न केवल कंपनी के वित्तीय स्थिति पर पड़ा है, बल्कि यह विवादों का कारण भी बन गई है। कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल पर कॉमेडियन कुणाल कामरा के ताजे कटाक्ष ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। पिछले सोमवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर बाजार में 8% की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट तीसरे दिन तक जारी रही, और पिछले छह ट्रेडिंग सत्रों में पांच बार शेयरों ने नीचाई का सामना किया। इससे उद्योग में एक चिंता का माहौल पैदा हो गया कि ओला की सेवा प्रणाली में कुछ खामियाँ हो सकती हैं।

कुणाल कामरा द्वारा आलोचना और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

जब कभी भी कोई बड़ी कंपनी ठीक से ग्राहक सेवा प्रदान करने में विफल होती है, तो जनता का ध्यान स्वाभाविक रूप से उसकी ओर आकर्षित होता है। कुणाल कामरा, जो अपने हास्य के लिए ख्यात हैं, ने अपने निजी ट्विटर खाते पर ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल पर निशाना साधा। कामरा ने विशेष रूप से अग्रवाल की उस सलाह को लक्षित किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि संडे को भी काम करना चाहिए। यह टिप्पणी एक तस्वीर के जवाब में आई थी जिसे अग्रवाल ने ओला गिगाफैक्ट्री से साझा किया था। कामरा ने जवाब में ओला स्कूटरों की एक छवि साझा की जो सेवा केंद्र के बाहर धूल जमाए हुए थे।

ग्राहक सेवा पर बढ़ते सवाल

ग्राहक सेवा पर बढ़ते सवाल

यह विवाद उस समय और तीव्र हो गया जब कामरा ने अपने ट्वीट में भारतीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उपभोक्ता मामलों के मंत्री को भी टैग कर दिया। इस कदम ने ओला की ग्राहक सेवा के स्तर और उपभोक्ताओं के अधिकारों पर सवाल उठा दिए। कामरा और अग्रवाल के बीच की यह तकरार एक दिन पहले के बयान के संदर्भ में थी, जहां उन्होंने लिखा था कि "ओला के सीईओ रविवार को खुद को गलत साबित करने के लिए कार्यरत थे।"

मीडिया और ग्राहकों की तीव्र प्रतिक्रिया

कामरा और अग्रवाल के बीच यह विवाद सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसमें कई ग्राहकों और बाजार विशेषज्ञों ने ओला की सेवा प्रणाली पर सवाल उठाए। कहीं-कहीं से यह भी आवाज आई कि ओला के सेवा केंद्र बहुत कम हैं और ग्राहकों को उनकी असुविधा के बाद कोई समाधान नहीं मिलता। आलोचनाओं से घिरे अग्रवाल ने कामरा को इलेक्ट्रिक वाहनों की सेवा में "मदद" करने का निश्चित प्रस्ताव दिया, यह कहकर कि वह उनके असफल हास्य करियर से अधिक वेतन देंगे।

ओला के सामने चुनौतियाँ और भविष्य की राह

इन घटनाओं ने ओला इलेक्ट्रिक की व्यवसायिक रणनीति और ग्राहक सेवा प्रणाली को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। कंपनी को बाजार में अपनी प्रतिष्ठा और ग्राहकों का विश्वास पुन: प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। आने वाले समय में, इस घटना का प्रभाव दीर्घावधि में देखने लायक होगा, और यह ओला इलेक्ट्रिक की रणनीति में महत्वपूर्ण रूप से बदलाव ला सकता है।

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