डब्बा ट्रेडिंग क्या है और क्यों खतरा है
डब्बा ट्रेडिंग का मतलब है कि आपका ब्रोकरेज ऑर्डर असल एक्सचेंज पर नहीं जाता, बल्कि ऑफ-मार्केट तरीके से अंदरूनी रूप से मिलाया जाता है। कई बार मुनाफ़ा दिखाकर ध्यान भटकाया जाता है या आपसे ज्यादा मार्जिन लिया जाता है। यह गैरकानूनी है और निवेशक के लिए बड़ा वित्तीय और कानूनी जोखिम बन सकता है।
पहचान के साफ संकेत
डब्बा ट्रेडिंग जल्दी पहचानने से नुकसान कम होता है। कुछ साधारण संकेत हैं: आपके ट्रेड एक्सचेंज के लाइव प्राइस से मेल नहीं खाते; कॉन्ट्रैक्ट नोट देर से या गलत आता है; आपकी खरीद/बिक्री एक्सचेंज की टिकींग पर दिखाई नहीं देती; पैसे निकलवाने पर रूकावट या बहाने; अकसर बेमेल मार्जिन कॉल आना। अगर ब्रोकऱ आपको ऑफर देता है ‘‘बेस्ट प्राइज़ ऑफ-एक्सचेंज’’ या बार-बार ऑफ-एक्सचेंज सौदे कराता है, सतर्क हो जाइए।
एक और संकेत: असामान्य रूप से लगातार ‘लौटने वाले’ छोटे नुकसान जहां आपकी पोजिशन हमेशा ब्रोकरेज के फायदे में सिमटती नजर आती है। साथ ही, ब्रोकरेज की ओर से मैन्युअल एंट्री या रजिस्टर्ड ऑर्डर आईडी न दिखना बड़ा लाल झंडा है।
कैसे बचें और क्या करें — आसान कदम
पहला कदम: हमेशा SEBI-रजिस्टर्ड ब्रोकरेज चुनें और उनका ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्वयं एक्सचेंज से मिलाकर देखें। अपने कॉन्ट्रैक्ट नोट और बैंक स्टेटमेंट रोज मिलाएं। ट्रेड लाइव टिकींग पर मिलान करें—अगर आपकी स्क्रीन पर ऑर्डर दिख रहा है पर एक्सचेंज पर नहीं, तुरंत पूछें।
नियमित रूप से अपने डीमैट खाता (CDSL/NSDL) और ट्रेड रिपोर्ट चेक करें। 2FA और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें। किसी भी अनियमितता पर तुरंत लिखित शिकायत बनवाएं और ब्रोकरेज से रसीद लें।
अगर ब्रोकरेज से सुलझा नहीं मिलता तो एक्सचेंज के ग्रेवियंस सेल (NSE/BSE) और SEBI के SCORES पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। जरूरी साक्ष्य जैसे कॉन्ट्रैक्ट नोट, बैंक ट्रांज़ैक्शन, चैट/ईमेल सेव करें। बड़े नुकसान की स्थिति में पुलिस एफआईआर भी करवा सकते हैं और कंज्यूमर कोर्ट का सहारा भी लिया जा सकता है।
निवेश की रणनीति में विविधता रखें और अत्यधिक मार्जिन या अनजाने में दिए गए ओवरनाइट पोजिशन से बचें। छोटे निवेश या डेमो ट्रेडिंग से किसी ब्रोकरेज की विश्वसनीयता पहले परख लें।
डब्बा ट्रेडिंग से बचना सरल है अगर आप सक्रिय रहें: अपने दस्तावेज़ रखें, रोज़ एक्सचेंज रिकॉर्ड मिलाएं और किसी भी अटपटा व्यवहार पर देर न करें। सुरक्षित रहें, सवाल पूछें और अगर जरूरत हो तो अधिकारिक चैनलों से शिकायत कर दें।