विकेटकीपिंग — अभ्यास, तकनीक और मैच-समाचार

क्या आप विकेट के पीछे अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं? विकेटकीपिंग सिर्फ हाथों की तेजी नहीं है — यह फूर्तिली, नजर, और कौन-कौन सी छोटी-छोटी आदतें बनानी चाहिए, ये सब मिलकर बनाते हैं अच्छा विकेटकीपर। नीचे दिए गए सीधे और काम के टिप्स रोज़ाना अभ्यास में लगाकर आप जल्दी सुधार देखेंगे।

बेसिक स्टांस और फुटवर्क

स्टांस हमेशा आरामदायक और रेडी होना चाहिए। घुटने हल्के मोड़े रखें, वजन पैरों के आगे हिस्से पर थोड़ा हो। ग्लव्स को सामने और नीचे रखें ताकि निचले कैच पकड़ने में देर न हो। बॉल की लाइन देखकर आगे-पीछे नहीं, छोटे-छोटे कदमों में एडजस्ट करें। विकेट के पास खड़े होकर स्पिनर के हिसाब से दूरी बदलें — स्पिनर पर थोड़ा और पीछे, तेज़ गेंदबाज पर स्टंप के पास।

पैरों का काम सबसे ज़्यादा मायने रखता है। अगर आप सही पोज़िशन नहीं ले पाएंगे तो हाथ भी सही कैच नहीं ले पाएंगे। इसलिए रोज़ 15 मिनट सिर्फ फुटवर्क डिलीगेट करें — बेज़लाइन से स्टंप तक छोटे रन-अप, लेटरल मूवमेंट और रेकॉवर स्टेप्स।

रोज़ाना अभ्यास ड्रिल्स

कुछ आसान ड्रिल्स जिन्हें आप बिना बड़े सेटअप के कर सकते हैं: रिएक्शन बॉल से 10 मिनट, पार्टनर के साथ स्टैम्प-टू-स्टैम्प रन और ऊँचे/निचले कैच के लिए दीवार से बाउंस कैच। हर ड्रिल में धीमी शुरुआत करें और फिर स्पीड बढ़ाएं।

डाइविंग प्रैक्टिस में सॉफ्ट मैट का इस्तेमाल करें और पहले सीधा डाइव, फिर साइड डाइव, और अंत में बैकहैंड डाइव पर काम करें। कैचिंग की रेगुलरिटी के लिए एक साथी के साथ 100 कैच एक मिनट के भीतर लेने की कोशिश करें—ये आपकी हैंड-आई को तेज़ करेगा।

मैच सिमुलेशन ज़रूरी है। नेट्स में गेंदबाजों से अलग-अलग लाइनों पर पकड़ बनाइए, लेग-साइड और ऑफ-साइड दोनों जगह। यह आपको असली मैच की शरारती गेंदों के लिए तैयार करेगा।

फिटनेस और इंजरी प्रिवेंशन को अंडरएस्टिमेट मत करें। काफ़ स्ट्रेंथ, कोर स्टेबिलिटी और क्विक-रिएक्शन ड्रिल्स रोज़ाना रखें। नाक-गर्दन और कंधे की स्ट्रेचिंग भी ज़रूरी है।

मैच के समय माइंडसेट भी बड़ा रोल प्ले करता है — शांत रहें, हर गेंद पर फोकस बनाए रखें और कप्तान व गेंदबाज से खुलकर बात करें। विकेटकीपर अक्सर रणनीति बदलने में मदद करता है, तो अपनी आवाज़ में स्पष्टता रखें।

इक्विपमेंट की देखभाल: ग्लव्स को सूखे और साफ़ रखें, इनर ग्लव का सही साइज लें, और पैड्स व हेलमेट में कोई दरार हो तो बदल दें। अच्छे ग्लव्स से पकड़ बेहतर होती है और हाथों की सुरक्षा भी रहती है।

और हां, नई और पुरानी खबरें भी देखें — IPL 2025 में Ishan Kishan जैसी पारी और BCCI के केंद्रीय कॉन्ट्रैक्ट्स में पंत जैसे नामों से सीखने को मिलता है कि विकेटकीपर किस तरह टीम में बड़ा असर डाल सकता है। इस टैग पेज पर आप तकनीकी टिप्स के साथ साथ मैच-रिपोर्ट्स और प्लेइंग-11 की खबरें भी पाएँगे।

अगर आप चाहें तो मैं आपको एक 4-सप्ताह का अभ्यास शेड्यूल बना कर भी दे सकता हूँ—बताइए कौन सा लेवल है: शुरुआत, इंटरमीडिएट या प्रो?

ऋषभ पंत की चोट ने बढ़ाई चिंताएँ: IND vs NZ मैच में विकेटकीपर को मैदान छोड़ना पड़ा
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ऋषभ पंत की चोट ने बढ़ाई चिंताएँ: IND vs NZ मैच में विकेटकीपर को मैदान छोड़ना पड़ा

भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत एक बार फिर चोट की वजह से सुर्खियों में हैं, जब उनका विकेटकीपिंग के दौरान चोट लग गई। यह वाकया अक्टूबर 17, 2024 को इंडिया बनाम न्यूजीलैंड टेस्ट मैच के दौरान हुआ। पंत को मैदान छोड़कर जाना पड़ा और टीम के समर्थन स्टाफ ने उन्हें मदद दी। यह घटना उस समय हुई जब भारतीय टीम घर में अपने सबसे निचले स्कोर 46 पर थी।

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