हर दिन कई ऐसी खबरें वायरल होती हैं जो सच भी लगती हैं और गुमराह भी कर सकती हैं। आप भी सोचते होंगे कि किस पर भरोसा करें? यहां आसान और व्यावहारिक तरीके बताए गए हैं जिनसे आप खुद किसी खबर की सत्यता जाँच सकते हैं।
किसने खबर दी है — यह सबसे बड़ा संकेत होता है। आधिकारिक वेबसाइट, प्रतिष्ठित न्यूज़ आउटलेट या सरकारी बयान है या किसी अनजान ब्लॉग से आई है? हेडलाइन अक्सर सनसनीखेज बनाकर क्लिक चुराने के लिए बनाई जाती है। इसलिए हेडलाइन पढ़कर तुरंत निर्णय न लें; लेख के अंदर की जानकारी और संदर्भ जरूर देखें।
URL देखकर भी पहचान होती है। नकली साइटें असली नाम के मिलते-जुलते डोमेन बनाती हैं। लेख में लेखक का नाम, प्रकाशन तिथि और स्रोत के लिंक देखें। अगर ये नहीं हैं तो सावधान रहें।
1) क्रॉस-चेक करें: वही खबर दूसरी बड़ी साइट पर है या नहीं। अगर केवल सोशल मीडिया पोस्ट ही है, तो पुष्टि मुश्किल है।
2) ऑरिजिनल सोर्स खोजें: सरकारी बयान, कंपनी प्रेस रिलीज़ या आधिकारिक सोशल अकाउंट देखें। उदाहरण के लिए, किसी फोन लॉन्च की अफवाह हो तो ब्रांड के आधिकारिक चैनल चेक करें।
3) इमेज और वीडियो सत्यापन: फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च (Google या TinEye) करें। कई बार पुरानी तस्वीरें या एडिटेड क्लिप नई घटना बताकर वायरल होती हैं।
4) तारीख और संदर्भ पर ध्यान दें: पुरानी खबरें कभी-कभी नए घटनाक्रम से जोड़कर शेयर की जाती हैं। लेख की तारीख और घटना का समय मिलाएं।
5) विशेषज्ञ और किंवदंतियों की चेतावनी: स्वास्थ्य या विज्ञान से जुड़ी खबरें पढ़ते समय विश्वसनीय मेडिकल स्रोत या रिसर्च पेपर देखें। सोशल मीडिया पर डॉक्टर और रिसर्चर के जवाब अक्सर मददगार होते हैं।
6) भावना पर न आएं: गुस्सा, डर या अत्यधिक खुशी पैदा करने वाली पोस्ट आमतौर पर तेजी से फैलती है। ठहरकर सोचें और जाँच करें।
हमारे साइट पर "तथ्य-जाँच" टैग के टॉपिक्स भी विविध हैं — टेक प्रोडक्ट के लॉन्च दावे, चिकित्सा दावे, राजनीतिक बयान और आर्थिक खबरें। उदाहरण के तौर पर, किसी फोन के बैटरी या लॉन्च डेट से जुड़ी अफवाहों को ब्रांड के स्रोत से क्रॉस-चेक करना चाहिए। स्वास्थ्य से जुड़ी सूचनाओं के लिए आधिकारिक स्वास्थ्य विभाग या WHO जैसे स्रोत देखें।
अगर आप कुछ फेक पाते हैं तो क्या करें? सबसे पहले उस पोस्ट को शेयर न करें। प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें और अपने नेटवर्क को शांतिपूर्वक बताएं कि यह जानकारी पुष्टि योग्य नहीं है। गलत खबर को रोकना हर पाठक की जिम्मेदारी है।
समाचार संवाद पर हमने कई खबरों को तथ्य-जाँच के मानदंड से रिपोर्ट किया है। इस टैग के लेख पढ़ें, स्रोतों की सूची देखें और किसी खबर पर संशय हो तो सीधे हमें रिपोर्ट करें। सच्ची जानकारी साझा करने से ही भ्रामक खबरें कमजोर होंगी।
भ्रामक समाचार की पहचान करना आज के समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गई है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे छात्रों को भ्रामक और वास्तविक समाचारों में भेद करना सिखाया जाता है। कुछ मुख्य बिंदुओं में शामिल है: क्लिकबेट हेडलाइनों की पहचान, लेखक की विश्वसनीयता की जांच, और दावों की सत्यता की पुष्टि।