अगर आप शेयर बाजार की खबरें पढ़ते हैं तो सही जगह पर आए हैं। इस टैग पेज पर हम रोज़ की बड़ी घटनाएँ, ब्लॉक डील्स, नीतिगत बदलाव और उन खबरों का असली असर बताते हैं। खबर सिर्फ पढ़ना ही नहीं — समझना भी जरूरी है कि आपके पोर्टफोलियो पर इसका क्या असर होगा।
हर खबर को ऐसे नापें: क्या यह कंपनियों के fundamentals बदलती है? क्या नीति या कानूनों से टैक्स या कॉस्ट बदलने वाले हैं? उदाहरण के तौर पर हालिया ब्लॉक डील्स (YES Bank, Zinka Logistics, Aptus, Ola Electric) से स्टॉक्स में तीव्र उतार-चढाव आया। ऐसी डील्स से लिक्विडिटी और शेयर प्राइस पर तुरंत असर पड़ सकता है।
दूसरी तरफ बड़े आर्थिक समझौते जैसे भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, या नया आयकर बिल 2025 जैसे फैसले सेक्टरल रुझान बदलते हैं। एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट, टैक्स हिट या सब्सिडी से जुड़ा कोई भी फैसला किसी कंपनी की रीडिंग बदल सकता है।
1) खबर पढ़ते समय हेडलाइन से आगे बढ़ें — कंपनी के बयान, रेगुलेटरी फाइलिंग और मार्केट रिप्लेसमेंट पर नजर डालें। 2) ब्लॉक डील्स देखने पर पता करें कि कितनी हिस्सेदारी और किस मूल्य पर बिकी। बड़े शेयरधारक की हिस्सेदारी बदलने से प्राइस ट्रेंड बन सकता है। 3) नीतिगत खबरें (टैक्स या ट्रेड एग्रीमेंट) से सेक्टर पर क्या असर होगा, इसे सेक्टर-लेवल पर जाँचें।
4) इमोशन से ट्रेड न करें। खबरें जल्दी बदलती हैं; पहले विश्लेषण करें, फिर निर्णय लें। 5) छोटी कंपनियों की खबरों में ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है — जोखिम संभालने के लिए प्लान बनाएं।
हमारे पेज पर ऐसी खबरें मिलेंगी — ताज़ा मार्केट मूव्स, कॉर्पोरेट घोषणाएँ, अंतरराष्ट्रीय नीति अपडेट और स्पोर्ट्स/मनोरंजन जैसी बड़ी घटनाओं का शेयर बाजार पर असर। उदाहरण के लिए, IPL या बड़ी फिल्म की कमाई का मीडिया शेयरों पर, या केंद्रीय नियुक्तियों का वित्तीय सेक्टर पर असर, दोनों यहाँ कवर होते हैं।
रोज़ाना तीन चीज़ें फॉलो करें: कंपनी फाइलिंग (BSE/NSE), रेगुलेटर नोटिस और बड़े ब्लॉक डील्स। नोटिफिकेशन सेट रखें ताकि कंसोलिडेटेड खबर तुरंत मिल जाए। अपने पोर्टफोलियो के लिए अलर्ट सेट करें — बड़ी गिरावट या उछाल पर रीव्यू जरूरी है।
अंत में, सवाल पूछिए: क्या यह खबर मेरी निवेश अवधि और जोखिम प्रोफ़ाइल से मेल खाती है? अगर नहीं, तो ऑन-डिमांड एक्शन लें या धीरे-धीरे निवेश करें। इस टैग पेज पर हम उन्हीं खबरों को सरल तरीके से पेश करेंगे जो सीधे आपके निवेश निर्णय को असर कर सकें। रोज़ाना लौटना न भूलें—बाज़ार बदलता रहता है और सही समय पर जानकारी बड़ी फ़र्क डाल सकती है।
भारतीय शेयर बाजार ने 29 नवंबर, 2024 को जबरदस्त सुधार दर्ज किया, जहां बीएसई सेंसेक्स में 759.05 अंक की बढ़त हुई। बाजार के सकारात्मक मूड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निफ्टी 50 इंडेक्स ने भी 216.95 अंक की वृद्धि दर्ज की। यह सुधार वैश्विक बाजारों में पुनर्जागरण और कच्चे तेल की घटी कीमतों के कारण हुआ।
25 अक्टूबर, 2024 को भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों के 7.15 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इस गिरावट का मुख्य कारण IndusInd बैंक के शेयरों में आई भारी गिरावट थी। इस घटना ने निवेशकों के धन के स्थायित्व को चुनौती दी है और शेयर बाजार में निवेश के जोखिम को भी उजागर किया है।
भारतीय ऊर्जा विनिमय लिमिटेड (IEX) के शेयरों में 24 सितंबर, 2024 को 12% से अधिक की भारी गिरावट देखी गई। खबर है कि सरकार ऊर्जा विनिमय के लिए मार्केट कपलिंग पर विचार कर रही है, जो IEX की बाजार हिस्सेदारी और प्रमुखता को चुनौती दे सकती है। IEX फिलहाल 84% बाजार हिस्सेदारी के साथ इस क्षेत्र में सबसे अधिक भरोसेमंद प्लेटफार्म है।
जापान का प्रमुख निक्केई 225 स्टॉक इंडेक्स सोमवार को लगभग 13% की गिरावट पर बंद हुआ। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंताओं ने वैश्विक बाजारों को झटका दिया। निक्केई 225 पिछले सप्ताह से लगातार गिरावट पर है, जिससे निवेशक अस्थिरता में हैं।
पंजाब नेशनल बैंक के शेयरों में बड़ी वृद्धि देखी गई है, बैंक के एफवाई25 मार्गदर्शन के बाद। पीएनबी ने 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए 15% लोन ग्रोथ और 13% डिपॉजिट ग्रोथ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मार्गदर्शन के बाद विभिन्न ब्रोकरेज हाउसेज ने बैंक के स्टॉक प्राइस लक्ष्य को ऊपर उठाया है।
Axis Bank के शेयर में 6% की गिरावट आई जब Q1 FY25 रिपोर्ट में खराब संपत्ति गुणवत्ता और बढ़ी हुई क्रेडिट लागत का खुलासा हुआ। बैंक ने कृषि क्षेत्र के मौसमी प्रभावों को इसका कारण बताया। हालांकि, बैंक ने 4% वार्षिक वृद्धि के साथ लगभग 6,035 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
सोमवार, 22 जुलाई, 2024 को विप्रो लिमिटेड के शेयर में 7% की गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने अपनी पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए जिसमें मुनाफे में 4.6% की साल-दर-साल वृद्धि दिखाई गई। बावजूद इसके, कंपनी का राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 4% कम होकर 21,964 करोड़ रुपये रहा। आगे के संघर्ष को देखते हुए निवेशकों को 'होल्ड' की सलाह दी गई है।