हाल ही में विप्रो लिमिटेड के शेयरधारकों के लिए एक मुश्किल स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि कंपनी के पहली तिमाही के नतीजे घोषित होने के बाद उसके शेयर में 7% की गिरावट आई है। सोमवार, 22 जुलाई, 2024 को बीएसई पर विप्रो के शेयर 513.95 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गए।
हालांकि कंपनी ने इस तिमाही में मुनाफे में 4.6% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है, परंतु राजस्व में 4% की गिरावट आई है, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही में 22,831 करोड़ रुपये था और अब 21,964 करोड़ रुपये रहा। इस गिरावट के बावजूद, विप्रो का शुद्ध लाभ (PAT) विश्लेषकों की उम्मीदों से ऊपर था।
वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों ने विप्रो के शेयर पर अलग-अलग राय व्यक्त की है। मोर्गन स्टेनली का मानना है कि निकट अवधि में विप्रो का राजस्व वृद्धि अपने साथी कंपनियों की तुलना में धीमा रहेगा, जिससे उसका पी/ई मल्टीपल भी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में काफी कम रह सकता है।
हालांकि कुछ सुधार के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन मोर्गन स्टेनली का कहना है कि विप्रो को इन फायदों का पूरा लाभ उठाने के लिए बेहतर निष्पादन की आवश्यकता है। वहीं, नूवामा ने विप्रो को 'होल्ड' करने की सिफारिश की है और 530 रुपये का लक्ष्य मूल्य रखा है। उनका मानना है कि उपभोक्ता और अमेरिकी बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में गति बनी हुई है, लेकिन कंपनी की प्रदर्शन और मार्गदर्शन ने निवेशकों को प्रभावित नहीं किया है।
यदि हम गहराई से देखें, तो विप्रो के सामने कई चुनौतियाँ उभर कर आ रही हैं। आईटी उद्योग में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और बढ़ते ग्राहक अपेक्षाएं कंपनी की राजस्व वृद्धि पर दबाव बना सकती हैं। हालांकि कंपनी ने कुछ क्षेत्रों में सुधार के संकेत दिखाए हैं, जैसे कि उपभोक्ता और अमेरिकी बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र, लेकिन समग्र निष्पादन की कमी ने निवेशकों को निराश किया है।
स्ट्रीट के अनुसार, विप्रो को अपनी रणनीति और निष्पादन मॉडल में सुधार करना होगा, ताकि यह अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सके। इसके अलावा, कंपनी को उच्च स्तर की पारदर्शिता और नए ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के के लिए नवीनतम तकनीकों और समाधानों में निवेश करना होगा।
जो निवेशक विप्रो के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें यह सोचकर चलना चाहिए कि कंपनी का निकट भविष्य में वृद्धि का प्रदर्शन इसके साथियों के मुकाबले धीमा हो सकता है। हालांकि मुनाफे में वृद्धि अच्छी संकेत देती है, लेकिन राजस्व में 4% की गिरावट एक चिंताजनक पहलू है।
इसके आलोक में, निवेशकों के लिए समझदारी होगी कि वे फिलहाल अपने निवेश को 'होल्ड' रखें और कंपनी के भविष्य के परिणामों और प्रदर्शन पर नजर बनाए रखें। यदि वाकई में कंपनी अपनी रणनीति में सुधार लाती है और नए कारोबारी अवसर प्राप्त करती है, तो यह अगले कुछ तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
विप्रो के शेयर में हालिया गिरावट ने निवेशकों के बीच एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न कर दी है, लेकिन कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर नजर रखते हुए, इसे 'होल्ड' रखना एक व्यावहारिक कदम हो सकता है। वित्तीय विश्लेषकों और ब्रोकरेज फर्मों की मिली-जुली राय के बीच, निवेशकों को कंपनी के भविष्य के कदमों और उसके परिणामों का इंतजार करना चाहिए।
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