मार्केट कपलिंग की योजना के बाद IEX शेयरों में गिरावट
भारतीय ऊर्जा विनिमय लिमिटेड (IEX) के शेयरों में मंगलवार, 24 सितंबर, 2024 को 12% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट उस समय आई जब खबरें आईं कि सरकार ऊर्जा विनिमय के लिए मार्केट कपलिंग की योजना पर विचार कर रही है। इस खबर ने IEX के निवेशकों को चौंका दिया और शेयर बाजार पर इसका गहरा असर पड़ा।
मार्केट कपलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सभी ऊर्जा विनिमय प्लेटफार्मों पर खरीदी और बिक्री की सभी बोली को संकलित किया जाता है और उसके बाद एक समान बाजार मूल्य निकाला जाता है। यह प्रक्रिया IEX की प्रमुखता को चुनौती दे सकती है और उसकी विशाल बाजार हिस्सेदारी पर असर डाल सकती है।
IEX वर्तमान में 84% बाजार हिस्सेदारी का दावा करता है और भारत में बिजली की स्पॉट प्राइस निर्धारण के लिए सबसे विश्वसनीय प्लेटफार्म माना जाता है। सरकार द्वारा मार्केट कपलिंग लागू करने से IEX की इस मोनोपोली में कमी आ सकती है और अन्य ऊर्जा विनिमय प्लेटफार्मों को बाजार में प्रवेश करने का अवसर मिल सकता है।
सरकार का कदम और बाजार पर प्रभाव
केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय ने ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया को मार्केट कपलिंग पर अपना अध्ययन पूरा करने का निर्देश दिया है। सरकार इस योजना को वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत या वित्तीय वर्ष 2026 की शुरूआत से लागू करने की सोच रही है। केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण (सीईआरसी) ने पिछले साल जून में सभी ऊर्जा विनिमय प्लेटफार्मों के लिए मार्केट कपलिंग पर परामर्श प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे।
आर्थिक विशेषज्ञ और दलाल भी इस कदम का विश्लेषण कर रहे हैं। नुवामा सिक्योरिटीज के अनुसार, मार्केट कपलिंग के लागू होने से IEX के लिए एक स्वतंत्र तीसरी पार्टी द्वारा सभी खरीदी और बिक्री की बोली को संकलित किया जाएगा और एक समान बाजार मूल्य निर्धारित किया जाएगा। यह प्रक्रिया IEX के 'मोट' को खत्म कर सकती है और अन्य विनिमय प्लेटफार्मों को उसकी बाजार हिस्सेदारी में हिस्सेदारी करने का अवसर दे सकती है।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावना
IEX के शेयरों में 24 सितंबर, 2024 को 11.69% की गिरावट दर्ज की गई और इसका मूल्य ₹211.39 प्रति शेयर रह गया। इसके विपरीत, बेंचमार्क निफ्टी 50 में केवल 0.01% की मामूली वृद्धि हुई। इस साल अब तक IEX के शेयरों में 26.17% और पिछले 12 महीनों में 62% की वृद्धि दर्ज की गई थी। लेकिन आज के ट्रेडिंग वॉल्यूम ने उसके 30-दिनों के औसत को 8.3 गुना पार कर लिया।
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई) 60 पर था और 13 विश्लेषकों में से आठ ने IEX के शेयर पर 'खरीदारी' की सिफारिश की है, जबकि दो 'होल्ड' और तीन 'बिक्री' की सलाह देते हैं। ब्लूमबर्ग डेटा के अनुसार, विश्लेषकों द्वारा आगामी 12 महीनों के लिए दिए गए औसत शेयर मूल्य लक्ष्यों को देखते हुए एक संभावित 1.6% की गिरावट की संभावना जताई जा रही है।
इस तरह के घटनाक्रम और संभावित योजनाएं निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अधिकारित संस्थानों और सरकार के कदम पर सभी की नजर होगी कि कैसे यह योजना ऊर्जा विनिमय के परिदृश्य को बदलती है और IEX जैसी कंपनियों के भविष्य को प्रभावित करती है।
Vinay Chaurasiya
सितंबर 24, 2024 AT 21:10
मार्केट कपलिंग की बात सुनी, क्या यह IEX को कोई चुनौती है?; वैरिएबल फॉर्मूले से सबको भ्रमित करना आसान है!!!; निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, नहीं तो नुकसान भारी पड़ सकता है;;
Selva Rajesh
सितंबर 27, 2024 AT 04:43
वो दिन याद है जब IEX का चमकता हुआ राज था! अब सरकारी योजना की धुंध में सब कुछ धुंधला हो रहा है। ये बदलाव सिर्फ कागज़ात नहीं, बल्कि बाजार की धड़कन को थामेगा।
Ajay Kumar
सितंबर 29, 2024 AT 12:16
मार्केट कपलिंग की ख़बर ने निवेशकों को अंधाधुंध उबाला।
IEX का एकत्रित पंखा अब ठंड से चल रहा है।
सरकारी इरादा जैसे धुंधला पताका, जो बाजार को बिखेरता है।
ऐसे परिवर्तन में कंपनियों को नई रणनीति चाहिए।
उच्च तकनीक वाले प्लेटफ़ॉर्म को अब प्रतिस्पर्धा का दर्पण बनना पड़ेगा।
बाजार हिस्सेदारी की लड़ाई अब नाज़ुक कांच की तरह है।
इन ऊर्जावान कदमों में पारदर्शिता की कमी स्पष्ट है।
डाटा के दीर्घकालिक प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भविष्य में कीमतें अस्थिरता के उछाल दिखा सकती हैं।
निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो की जाँच करनी चाहिए।
आर्थिक विश्लेषकों को भी इस पर गहरी धारणाएं बनानी होंगी।
नियामक संस्थाओं को स्पष्ट दिशा‑निर्देश देना अनिवार्य है।
यदि सही ढंग से लागू किया जाए तो यह ऊर्जा बाजार को सशक्त बना सकता है।
अन्य प्लेटफ़ॉर्म को मौका मिलने की संभावना बढ़ती है।
अंत में, सभी को सतर्क रहने और सूचनाओं को जाँचने की जरूरत है।
Ravi Atif
सितंबर 29, 2024 AT 13:40
वाह, इतनी गहरी बातें! 🤔✨ लेकिन याद रखें, हर नया नियम एक नई उम्मीद भी लाता है।
साथ मिलकर सीखें और आगे बढ़ें।
Krish Solanki
अक्तूबर 1, 2024 AT 19:50
परिचालनात्मक दृष्टिकोण से, मार्केट कपलिंग की प्रस्तावना कई संक्षिप्त जोखिम कारकों को उजागर करती है। यह पहल न केवल वैधता के प्रश्न उठाती है, बल्कि मौजूदा मूल्य निर्धारण तंत्र में संभावित असंगतियों को भी रेखांकित करती है। निवेशकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस परिवर्तन के प्रभाव को विस्तृत रूप से विश्लेषण करें।
SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
अक्तूबर 1, 2024 AT 21:13
उपरोक्त विश्लेषण में स्पष्ट है कि सरकारी एजेंडा के पीछे छिपी हुई शक्ति संरचनाएँ कार्यरत हैं। यह कदम केवल बाजार सुधार नहीं, बल्कि नियामकीय नियंत्रण की सूक्ष्म रूपांतर है, जिसे आम जनता आसानी से नहीं देख पाती।
sona saoirse
अक्तूबर 4, 2024 AT 03:23
इहं तो बडिया हाय।
VALLI M N
अक्तूबर 6, 2024 AT 10:56
देश की ऊर्जा खुदा की नियति है, इस योजना को समर्थन देना चाहिए! 😊
Aparajita Mishra
अक्तूबर 8, 2024 AT 18:30
अच्छा, तो अब सबको लगना चाहिए कि बाजार का साला बटन एकदम बदल गया! चलो, फिर से काफ़ी मज़े करेंगे।
Shiva Sharifi
अक्तूबर 11, 2024 AT 02:03
अरे भाई, इस मार्केट कपलिंग से छोटे प्लॅटफ़ॉर्म को भी मौका मिल सकता है। थोड़ा धीरज रखो, सब ठीक हो जाएगा। कोइ भी जानकारी है तो शेयर करो, मदद करेंगे।