लद्दाख के नए उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता के सुरक्षा और विकास पर बड़े बयान

लद्दाख के नए उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता के सुरक्षा और विकास पर बड़े बयान

लद्दाख में नया नेतृत्व, नई प्राथमिकताएँ

लद्दाख को हाल ही में अपना नया उपराज्यपाल मिला है—कविंदर गुप्ता। ये नाम अचानक चर्चा में आया, लेकिन जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की राजनीति पर नजर रखी है, उनके लिए गुप्ता कोई अजनबी नहीं हैं। उपराज्यपाल बनने के तुरंत बाद ही उन्होंने साफ कर दिया है कि अब लद्दाख में सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, जमीनी विकास और सुरक्षा पर असली काम होने वाला है।

कविंदर गुप्ता का साफ कहना है कि लद्दाख का भविष्य क्षेत्रीय विकास और मजबूत सामाजिक ताने-बाने में है। उनका मानना है कि लद्दाख के युवाओं को सही मौके, बेहतर शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण मिलना चाहिए जिससे वे बाहरी दुनिया से मुकाबला कर पाएं। हाल के वर्षों में जिस तरह से लद्दाख में पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में होड़ मची है, उससे वहां के लोगों को उम्मीदें भी बंधी हैं। गुप्ता ने स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार के तालमेल को बेहतर करने की बात करते हुए बताया, 'अगर ग्रामीण इलाकों तक सुविधाएँ नहीं पहुंचतीं, तो लद्दाख की असली तस्वीर नहीं बदल सकती।'

सीमा सुरक्षा और छठी अनुसूची की मांग

सीमा सुरक्षा और छठी अनुसूची की मांग

सबसे दिलचस्प बात यह है कि कविंदर गुप्ता सिर्फ विकास की बात नहीं कर रहे, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। लद्दाख की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा हमेशा बड़ी चुनौती रही है। चीन सीमा के करीबी गाँवों में जिस तेज़ी से सेनाएँ तैनात की गई हैं, उससे कई बार स्थानीय लोगों को भी असमंजस में डाल दिया जाता है। गुप्ता का जोर है कि सामाजिक एकता के साथ-साथ, सीमा सुरक्षा में स्थानीय युवाओं की भागीदारी भी जरूरी है। उन्होंने कहा, 'सीमावर्ती गांव ही लद्दाख की असली पहचान हैं, इन्हें सुरक्षित और जागरूक रखना पहली जरूरत है।'

छठी अनुसूची की मांग पर उनका नजरिया साफ है—'लद्दाख के लोगों की पहचान, संस्कृति और संसाधनों की रक्षा बिना छठी अनुसूची के परेशान रहेगी।' हाल के दिनों में कई बार स्थानीय संगठनों ने राजधानी तक पहुंचकर ये मुद्दा उठाया है। उपराज्यपाल ने भरोसा दिया है कि वे दिल्ली तक यह आवाज पहुंचाएंगे कि लद्दाख की खासियत को केवल कागज पर नहीं, असल अधिकारों में बदलना होगा।

अब नजरें इस बात पर हैं कि कविंदर गुप्ता अपने बयानों को कितनी जल्दी और जमीन पर उतार पाते हैं। लद्दाख के लोगों को उम्मीद है कि नेतृत्व में बदलाव उनके हालात को भी बदलने वाला है।

15 टिप्पणि

  • Vinod Mohite

    Vinod Mohite

    अगस्त 6, 2025 AT 18:36

    उपराज्यपाल की डिस्कोर्स में नीतियों की सूक्ष्मतर वैधता पर प्रकाश डाला गया

  • Rishita Swarup

    Rishita Swarup

    अगस्त 12, 2025 AT 13:29

    सिर्फ विकास के नाम पर गुप्ता साहब एक गुप्त रणनीति लागू कर रहे हैं-जो कि भारत के रणनीतिक हितों को विदेशी हस्तक्षेप से बचाने की नहीं, बल्कि कुछ अंधविश्वासियों को सतह पर लाने की है। इस बात को मीडिया ने बड़ी चुप्पी में रखा है। अंततः जनता को वही सतह पर दिखेगा जो वे चाहें।

  • anuj aggarwal

    anuj aggarwal

    अगस्त 18, 2025 AT 08:23

    कविंदर गुप्ता की घोषणाएँ खाली शब्दों का ढेर हैं; जमीन पर कोई ठोस योजना नहीं दिखती। उनके द्वारा कही गई "सुरक्षा पहली आवश्यकता" केवल शब्दों की मिठाई है, जबकि वास्तविक सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बयानों को सुनकर लगता है कि मामला सिर्फ राजनीतिक शो है, विकास का कोई सच्चा इरादा नहीं।

  • Sony Lis Saputra

    Sony Lis Saputra

    अगस्त 24, 2025 AT 03:16

    भाई अनज, मैं समझता हूँ तुम्हारा फोकस, पर लद्दाख में वास्तव में कई युवा एस्कॉर्टेड ट्रेनिंग चाहते हैं। अगर गुप्ता सही दिशा में काम करेंगे तो यही बदलाव संभव है। चलो मिलकर इस विचार को आगे बढ़ाते हैं, ताकि हर पहलू में सकारात्मक असर पड़े।

  • Kirti Sihag

    Kirti Sihag

    अगस्त 29, 2025 AT 22:09

    ओह माय गॉड! 🎭 लद्दाख की नई कहानी अब गुप्ता के हाथों में, पर क्या ये सब सिर्फ एक बड़बड़ाहट है? मैं तो भौहें चढ़ा लेती हूँ, यह सब तो फिर से वही पुरानी राजनीति ही लगता है! 😱

  • Vibhuti Pandya

    Vibhuti Pandya

    सितंबर 4, 2025 AT 17:03

    कविंदर जी, आपके इरादे सराहनीय हैं, पर हमें स्थानीय समुदायों को भी प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए ताकि विकास सभी के लिए सार्थक हो। मिलकर काम करने से ही हम स्थायी परिणाम पा सकते हैं।

  • Aayushi Tewari

    Aayushi Tewari

    सितंबर 10, 2025 AT 11:56

    उपराज्यपाल के बयान में स्पष्टता है, पर वास्तविक कार्यान्वयन में स्पष्ट समय‑सारिणी का अभाव है।

  • Rin Maeyashiki

    Rin Maeyashiki

    सितंबर 16, 2025 AT 06:49

    लगता है लद्दाख में अब नया जोश फूंकने का समय आ गया है! कविंदर गुप्ता ने जो भी कहा, वह जल्दी‑जल्दी सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि कार्य का प्रतिबद्धता है, यह समझना जरूरी है। सबसे पहले, स्थानीय युवाओं के लिए तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र खोलना उत्कृष्ट विचार है, जिससे नौकरी के नए अवसर उत्पन्न होंगे। दूसरा, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए डिजिटल कक्षाओं का विस्तार करना चाहिए, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच संभव हो सके। तीसरा, पर्यटन क्षेत्र में बुनियादी ढाँचा सुधारने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बल मिल सकता है। चौथा, सीमा सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जिससे वे सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभा सकें। पाँचवा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मोबाइल क्लिनिक चलाए जाने चाहिए, जो दूर‑दराज़ गांवों तक पहुँचे। छटा, जल संरक्षण के लिए छोटे‑छोटे जलाशय बनाए जाएँ, जिससे मौसमी समस्याएँ कम हों। सातवां, महिलाओं के कौशल विकास के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएँ, जिससे उनका आत्मनिर्भरता बढ़े। आठवा, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायताएँ दी जानी चाहिए, जिससे रोज़गार का सृजन हो। नौवां, पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएँ, ताकि लद्दाख की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहे। दसवां, सामाजिक एकता को मजबूत बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, जिससे विविधता में एकता का संदेश फैल सके। ग्यारहवां, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने के लिए अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाए, जिससे भविष्य की नीतियों में मदद मिले। बारहवां, स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए नियमित मीटिंग्स की व्यवस्था हो। तेरहवां, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार किया जाए, जिससे ग्रामीण युवाओं को नई संभावनाएँ मिलें। चौदहवां, स्थानीय कला और शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए बाजार स्थापित किए जाएँ, जिससे सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखा जा सके। पंद्रहवां, अंत में, सभी योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग और मूल्यांकन होना चाहिए, ताकि प्रगति को ट्रैक किया जा सके। अंत में, अगर हम सब मिलकर इन चरणों को लागू करेंगे, तो लद्दाख सच में परिवर्तन की राह पर कदम रख पाएगा!

  • Paras Printpack

    Paras Printpack

    सितंबर 22, 2025 AT 01:43

    ओह, क्या शानदार योजना है-जैसे हर साल कुछ नया फ़ांसैटिक बयानों के साथ आते हैं, असली काम तो कभी नहीं होता, है न? 😒

  • yaswanth rajana

    yaswanth rajana

    सितंबर 27, 2025 AT 20:36

    गुप्ता साहब की दृष्टि में यदि सामाजिक एकता और आर्थिक विकास को संतुलित किया जाए, तो लद्दाख के विकास का मार्ग स्पष्ट हो जाएगा। मैं इस दिशा में सहयोगी पहल की सराहना करता हूँ और आशा करता हूँ कि नीति‑निर्माण में सभी हितधारकों को सम्मिलित किया जाएगा।

  • Roma Bajaj Kohli

    Roma Bajaj Kohli

    अक्तूबर 3, 2025 AT 15:29

    देशभक्ति की भावना के साथ ही हमें लद्दाख की सुरक्षा को सर्वोपरि मानना चाहिए; भारत की सीमाओं का रक्षक बनना हर भारतीय का कर्तव्य है, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मूलभूत पहलू है।

  • Nitin Thakur

    Nitin Thakur

    अक्तूबर 9, 2025 AT 10:23

    भले ही शब्दों की भरमार है लेकिन असली जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहिए

  • Arya Prayoga

    Arya Prayoga

    अक्तूबर 15, 2025 AT 05:16

    इन वादों में अक्सर बहुत ही खाली बातें ही दिखती हैं।

  • Vishal Lohar

    Vishal Lohar

    अक्तूबर 21, 2025 AT 00:09

    अरे! क्या अद्भुत नाटकीय परिदृश्य खुला है-एक जैसे सुनहरा भविष्य के सपने, परन्तु वास्तविकता की धुंध में यह सब कितनी देर तक टिक पाएगा, यह तो समय ही बताएगा! 🎭

  • Vinay Chaurasiya

    Vinay Chaurasiya

    अक्तूबर 26, 2025 AT 19:03

    आह! यह योजना-बहुत ही आशाजनक-परंतु‑क्या‑वास्तव में‑सफल‑होगी?!!

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