हृदय रोग — क्या पहचानें और तुरंत क्या करें
हृदय रोग कई तरह से दिखता है। सीने में दर्द सबसे आम है, पर कई बार लक्षण अलग भी हो सकते हैं — थकान, सांस फूलना या अचानक पसीना। क्या आपको यह महसूस होता है कि दिल से जुड़ी कोई शिकायत है? जानना ज़रूरी है ताकि आप समय रहते सही कदम उठा सकें।
मुख्य कारण और जोखिम कारक
कौन-सी आदतें दिल को नुकसान पहुँचाती हैं? सीधे शब्दों में: धूम्रपान, अधिक शराब, मोटापा, असंतुलित खाना, और शारीरिक सक्रियता की कमी। इसके साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और उच्च कोलेस्ट्रॉल सीधे हृदय रोग का जोखिम बढ़ाते हैं। उम्र और परिवार का इतिहास भी अहम भूमिका निभाते हैं। महिलाओं में लक्षण अक्सर अलग दिखते हैं—उल्टी जैसा महसूस होना, गर्दन या पीठ में दर्द, और असामान्य थकान भी हो सकता है।
लक्षण, जांच और तात्कालिक कदम
हृदय रोग के सामान्य लक्षण: तेज या दबाव जैसा सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, अचानक अधिक थकान, तेज पसीना, चक्कर आना। अगर सीने का दर्द 15–20 मिनट से जारी है या वह बाएँ बांह, गरदन या जबड़े तक फैल रहा हो, तो तुरंत इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें।
डॉक्टर क्या पूछेंगे और कौन-सी जांच हो सकती है? सामान्यत: ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट, ECG और इकोकार्डियोग्राफी किए जाते हैं। ज़रूरी होने पर स्ट्रेस टेस्ट या कैथेटर टेस्ट (एंजियोग्राफी) की सलाह मिल सकती है।
घरेलू और रोज़मर्रा के कदम जो आप आज से अपना सकते हैं:
- खाने बदलें: हर दिन ताज़ी सब्ज़ियाँ, फल और साबुत अनाज खाएं। तला-भुना और अधिक नमक कम कर दें।
- चलना शुरू करें: रोज़ कम से कम 30 मिनट तेज़ चाल में टहलें — हफ़्ते में 5 दिन।
- धूम्रपान छोड़ें और शराब सीमित रखें।
- वज़न नियंत्रित रखें और नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, शुगर व कोलेस्ट्रॉल चेक करवाएँ।
- तनाव कम करने के सरल तरीके अपनाएँ—समय पर सोना, गहरी साँस लेना या हल्की योग-प्राणायाम करें।
दवाइयाँ और प्रक्रियाएँ: अगर आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल या हाई बीपी है, तो डॉक्टर दवाइयाँ देंगे—स्टैटिन, एंटीहाइपरटेंसिव या प्लेटलेट-अवरुद्ध दवा जैसे aspirin। गंभीर मामला हो तो एंजियोप्लास्टी (स्टेंट) या बायपास सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है।
कब तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ? अगर सीने में दबाव या तेज दर्द, अचानक सांस की कमी, बेहोशी या उल्टी जैसी गंभीर शिकायत हो। शीघ्र पहचान और इलाज अक्सर जान भी बचा देते हैं।
हृदय की सुरक्षा रोज़मर्रा की आदतों से शुरू होती है। छोटे बदलाव—सही खाना, चलना, धूम्रपान छोड़ना और समय पर चेकअप—कई बार बड़े खतरे रोक देते हैं। थोड़ी सतर्कता से आप अपने और अपने परिवार के लोगों का दिल सुरक्षित रख सकते हैं।