केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार गुरुवार, 16 मई को ग्वालियर में उनके पति माधवराव सिंधिया की समाधि के पास सिंधिया परिवार के श्मशान घाट पर होगा। दिल्ली से विशेष विमान द्वारा पार्थिव शरीर को ग्वालियर हवाई अड्डे पर लाया जाएगा और फिर जय विलास पैलेस ले जाया जाएगा, जहां लोग अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए रखा जाएगा।
अंतिम यात्रा दोपहर 3 बजे शुरू होने की उम्मीद है और लगभग आधे घंटे में श्मशान घाट पहुंचेगी, जहां हिंदू और मराठा परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह पिछले 23 वर्षों में सिंधिया परिवार में तीसरा अंतिम संस्कार है, जिसमें 2000 में माधवराव सिंधिया की माता का और 2001 में माधवराव सिंधिया का अंतिम संस्कार हुआ था।
सिंधिया परिवार में अपने दिवंगत सदस्यों के लिए आकर्षक स्मारक बनाने की परंपरा रही है, जिसमें सबसे पुराना स्मारक स्थल लश्कर क्षेत्र में स्थित है। परिवार का शिवपुरी में एक और स्मारक स्थल भी है।
प्रशासन और पुलिस बड़ी संख्या में वीवीआईपी और लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की उम्मीद में यातायात प्रबंधन और सुरक्षा सहित अंतिम संस्कार के लिए विस्तृत व्यवस्था कर रहे हैं। कलेक्टर और एसपी ने व्यवस्था का निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की कई हस्तियों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना है। श्रीमती सिंधिया के निधन से पूरा ग्वालियर शहर शोक में डूबा हुआ है। सिंधिया परिवार के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और सम्मान है।
माधवी राजे सिंधिया का जन्म एक राजघराने में हुआ था और उनकी शादी माधवराव सिंधिया से हुई थी। वह एक सरल और विनम्र स्वभाव की महिला थीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन परिवार और समाज सेवा में समर्पित कर दिया।
माधवी राजे सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्तमान में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। वह मध्य प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं और सिंधिया परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
सिंधिया परिवार मध्य प्रदेश के ग्वालियर का एक प्रमुख राजघराना है। इस परिवार ने कई दशकों तक ग्वालियर रियासत पर शासन किया। आजादी के बाद भी परिवार के कई सदस्यों ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है।
माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ने कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। माधवराव सिंधिया कई वर्षों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में भी कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व किया।
सिंधिया परिवार का ग्वालियर शहर और मध्य प्रदेश की राजनीति में एक विशिष्ट स्थान है। परिवार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
श्रीमती माधवी राजे सिंधिया के निधन से सिंधिया परिवार और पूरा ग्वालियर एक प्रमुख शख्सियत को खो दिया है। उनके द्वारा किए गए कार्यों और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
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