भारी बारिश: क्या है, कब होती है और इसका असर कैसे पड़ता है

जब हम भारी बारिश, अधिक मात्रा में वर्षा जो तेजी से जलस्तर बढ़ाती है और स्थानीय बुनियादी ढाँचा पर दबाव बनाती है. इसे अक्सर विंटर मोस्म कहा जाता है, तब यह मौसम के असामान्य बदलाव का संकेत देती है। भारत में भारत मौसम विभाग, राष्ट्रीय मौसम प्राधिकरण जो पूर्वानुमान, चेतावनी और आपातकालीन योजना बनाता है इस घटना की निगरानी करता है। जब बाढ़, जल स्तर का अचानक बढ़ना जिससे घर, सड़क और बुनियादी सेवाएँ प्रभावित होती हैं आती है, तो भारी बारिश का मुख्य कारण बनती है।

भारी बारिश के प्रमुख क्षेत्रों और मौसमी पैटर्न

अक्टूबर 2025 के मौसम रिपोर्ट में बताया गया कि पश्चिमी दुष्कर से उत्तर‑पश्चिमी भारत में तेज़ी से पानी की बूंदें गिरेंगी। यह क्षेत्र अपनी उबड़‑खाबड़ भौगोलिक स्थिति और समुद्र‑हवा के टकराव के कारण भारी बारिश के लिये जाना जाता है। जब पश्चिमी दुष्कर में 50 mm से अधिक की धारा आती है, तो उत्तर‑पश्चिमी राज्यों में जलधाराएँ जल्दी से भर जाती हैं और बाढ़ की स्थिति बनती है। इसी तरह कोलकाता में पिछले साल 251.6 mm की रिकॉर्ड वर्षा ने दुर्गा पूजा से पहले पूरे शहर को जलाश्रित कर दिया था। इन घटनाओं से साफ़ दिखता है कि भारी बारिश केवल एक मौसमीय घटना नहीं, बल्कि सामाजिक‑आर्थिक प्रभावों का एक बड़ा कारण है।

भारी बारिश की प्रीडिक्शन के पीछे कई वैज्ञानिक मॉडल काम करते हैं। भारत मौसम विभाग रैनफॉरेस्ट, रेज़र और इनटर्नेट एट्मोस्फेरिक डेटा का इस्तेमाल करके पूर्वानुमान बनाता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मौसम के साथ‑साथ जल निकासी, बाढ़‑प्रबंधन और चेतावनी प्रणाली भी विकसित होनी चाहिए। अगर एक ही इलाके में लगातार दो‑तीन दिन भारी बारिश रहती है, तो निचले स्तर की नहरें ओवरफ़्लो हो जाती हैं और पड़ोसी गांवों में जल जमाव शुरू हो जाता है। इसलिए बाढ़ प्रबंधन में रिवर बेसिन प्रोजेक्ट, सड़कों की ऊँचाई और जल संरक्षण उपायों को प्राथमिकता दी जाती है।

अब आप इस टैग पेज पर जो लेख पाएँगे, वे सभी भारी बारिश से जुड़े विभिन्न पहलुओं को कवर करेंगे—सेभिंग, बाढ़ राहत, मौसमी बदलाव, विभागीय चेतावनियाँ और स्थानीय लोगों के अनुभव। चाहे आप मौसम का शौकीन हों, किसान हों या शहर का निवासी जो हर बारिश के साथ आने वाले जोखिम को समझना चाहते हों, इन लेखों में आपको व्यावहारिक जानकारी और नवीनतम अपडेट मिलेंगे। नीचे दी गई सूची में अक्टूबर 2025 के मौसम अपडेट, पश्चिमी दुष्कर की भारी वर्षा, कोलकाता की रिकॉर्ड बाढ़ और भारत मौसम विभाग की चेतावनियों के विस्तृत विश्लेषण शामिल हैं। इन पढ़ने से आप अपने घर, खेती या यात्रा की योजना को मौसम के अनुरूप बना पाएँगे।

इम्ड ने जारी किया लाल अलर्ट: अगले 48 घंटों में महाराष्ट्र व कई राज्यों में भारी बारिश का खतरा
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इम्ड ने जारी किया लाल अलर्ट: अगले 48 घंटों में महाराष्ट्र व कई राज्यों में भारी बारिश का खतरा

इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने कई राज्यों में लाल अलर्ट जारी किया है। मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में अगले दो दिनों में अत्यधिक बारिश की सम्भावना है। टेलंगाना, कोस्टल आंध्रप्रदेश, ओडिशा व केरल सहित कई जगहों पर भी जलप्रलय का खतरा है। सड़क, रेल और हवाई मार्गों में बाधा की चेतावनी जारी है। नागरिकों को फाइल्ड‑सुरक्षा नियमों का पालन करने को कहा गया है।

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