आने वाले 48 घंटों में क्या होगा?
इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने आज सुबह जारी किए गए प्रेस रिलीज़ में कहा है कि अगले दो दिनों में भारत के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में मौसम अत्यधिक विषादजनक होगा। विशेष रूप से महाराष्ट्र के तटीय जिले—मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर—पर लाल अलर्ट लगा दिया गया है। इसका मतलब है कि इन जगहों में "बहुत भारी" बारिश, तेज़ धड़कन वाले गरज‑बिजली के साथ संभावित बाढ़ भी आ सकती है।
मुंबई ने अब तक इस महीने 445 मिमी बारिश दर्ज की है, जबकि सामान्य तौर पर सितंबर में सिर्फ 380 मिमी ही गिरते हैं। यही नहीं, कोलाबा स्टेशन पर अकेले 54 मिमी और सांताक्रूज पर 12 मिमी बारिश हुई है। इससे शहर में जल जमाव, सड़कों पर गड़गड़ाहट और रूटन ट्रैफिक जाम की संभावना बढ़ गई है।
कोस्टल आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और केरल को भी भारी‑से‑बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी मिल रही है। 26‑27 सितंबर तक इन क्षेत्रों में 7‑20 सेंटीमीटर तक की बारिश हो सकती है। साथ ही, मध्य महाराष्ट्र, कोनकण, गोवा और मराठवाड़ा में भी इस अवधि में अत्यधिक बवंडर‑प्रकार की बारिश का अनुमान है।
त्रैराष्ट्रीय स्तर पर अगर देखें तो इस साल की मॉनसून असामान्य रूप से तीव्र चल रही है। कई वैज्ञानिक कहते हैं कि समुद्र सतह के तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन ने इस वर्ष के मॉनसून को पहले से ज्यादा ‘लॉड’ बना दिया है। IMD ने भी कहा कि इस वर्ष का मॉनसून ‘सुपर‑ऑक्टेन’ स्तर पर है, यानी पारंपरिक तालिकाओं से बहुत आगे।
सुरक्षा उपाय और सरकारी सलाह
सामान्य नागरिकों को अब अपनी दैनिक दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत है। IMD ने बताया कि ‘लाल अलर्ट’ के अंतर्गत कम से कम दो मुख्य जोखिम हैं: इम्ड लाल अलर्ट के कारण जल-भू-संकट (फ्लैश फ़्लड) और विद्युत‑आधारित आँधी। इन दोनों से बचने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी होगी।
- अगर आप यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो सार्वजनिक परिवहन के आधिक्य या रद्द होने की खबरों पर ध्यान दें।
- बिजली गिरने की संभावना वाले समय में पेड़ के नीचे न रुकें; इससे बिजली के झटके से बचा जा सकता है।
- बाढ़‑प्रवण इलाकों में गाड़ी चलाने से बचें। अगर रास्ता जल से भर गया हो तो उसे पार न करें, क्योंकि पानी की गहराई का अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है।
- घर के निचले स्तरों में पानी जमा न होने दें। बैकअप पंप या अब्जेक्ट (पैम्प) रखें, और बिजली कट होने की स्थिति में बैटरी का उपयोग करें।
- यदि आप ऐसे इलाक़े में रहते हैं जहाँ जल‑स्तर लगातार बढ़ रहा है, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर अपने घर को खाली करवा लें।
राज्य सरकारों ने भी रेड अलर्ट के तहत विशेष उपाय लागू कर दिए हैं। महाराष्ट्र में पुलिस और आईजी ने ‘फ्लैश फ़्लड’ के जोखिम वाले क्षेत्रों की सूचियों को ज़रूरी सूचनाओं के साथ अपडेट किया है। रेलवे विभाग ने कुछ किरणों को रोक दिया है और एयरपोर्ट्स ने रेन मोड में ऑपरेशन जारी रखने की घोषणा की है।
सामाजिक नेटवर्क पर अफवाहों का फैलाव भी इस समय बहुत तेज़ है। इसलिए, सरकारी आधिकारिक चैनलों (जैसे IMD की वेबसाइट, राज्य मौसम विभाग के ट्विटर अकाउंट) से अपडेट लेना बेहतर है। एक झूठी सूचना से लोग असुरक्षित क्षेत्रों में जा सकते हैं, जिससे नुकसान बढ़ सकता है।
अंत में यह कहूँ तो, हमें इस मॉनसून का सामना धैर्य व सतर्कता के साथ करना चाहिए। बारिश खुद में जीवनदायक है, लेकिन जब वह ‘बहुत भारी’ बन जाए तो उसकी ताक़त का सही इस्तेमाल करना ज़रूरी है। अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें, और सभी आधिकारिक निर्देशों का पालन करें।