वित्तीय वर्ष 2025 ने आर्थिक फैसलों और बाजार हलचलों के मामले में तेज रफ्तार दिखाई। नीतिगत बदलाव सिर्फ सरकारी दस्तावेज नहीं रहे — उन्होंने टैक्स नियम, व्यापार समझौते और शेयर बाजार की दिशा प्रभावित की। अगर आप टैक्स भरते हैं, निवेश करते हैं या व्यापार से जुड़े हैं तो ये घटनाएँ सीधे असर डालती हैं।
सबसे बड़ा नाम आया आयकर बिल 2025 का। कैबिनेट ने 7 फरवरी 2025 को यह बिल मंजूर किया, जिसका मकसद 1961 के पुराने कानून को आसान और डिजिटल बनाना है। इसका मतलब: टेक्स नियम सरल होंगे, भाषा साफ होगी और डिजिटल संपत्तियों पर निगरानी बढ़ेगी। ध्यान रहे—बिल की नई व्यवस्था अप्रैल 2026 से लागू होगी, लेकिन इस साल फैसले और सुझावों पर ध्यान देने से आप तैयारी कर सकते हैं।
क्या करना चाहिए? अपने टैक्स रिटर्न के रिकॉर्ड साफ रखें, डिजिटल संपत्ति (क्रिप्टो आदि) के लेनदेन का हिसाब रखें और अगर बड़े बदलाव हैं तो CA से सलाह लें। कंपनियों को भी अपनी कंप्लायंस प्रक्रिया अपडेट करनी होगी ताकि अगले वित्तीय साल में झटके न लगें।
शेयर बाजार में बड़े ब्लॉक डील्स ने जून 2025 में हलचल मचाई — लगभग 5,500 करोड़ रुपये की बड़ी बिक्री YES Bank, Zinka Logistics, Aptus और Ola Electric जैसी कंपनियों में दर्ज की गई। ऐसे ब्लॉक डील्स लिक्विडिटी और शेयर प्राइस पर तुरंत असर डालते हैं। निवेशक छोटे संकेतों पर भी तेजी या कमजोरी देखने लगते हैं।
वहीं, 6 मई 2025 को भारत और UK के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर समझौता हुआ, जिसमें 99% टैरिफ हटाने का प्रावधान है। यह एक्सपोर्ट‑इम्पोर्ट दोनों के लिए बड़ा मौके और चुनौतियाँ लाएगा — खासकर टेक्सटाइल, फार्मा और सेवा निर्यात पर। कारोबारी को अब सप्लाई‑चेन, टैक्सेशन और प्रतिस्पर्धा की नई हकीकत समझनी होगी।
वैश्विक मोर्चे पर फेडरल रिजर्व की 18 दिसंबर, 2024 की ब्याज दर कटौती का असर भी FY2025 पर पड़ा। दरों में बदलाव से विदेशी निवेश, मुद्रा विनिमय और वैश्विक मांग प्रभावित होती है। छोटे निवेशक भी इसे अनदेखा न करें — दरों में उतार‑चढ़ाव आपके पोर्टफोलियो की रिटर्न रेट बदल सकता है।
क्या करें अब? तीन चीजें फॉलो करें: 1) टैक्स और कानूनी बदलावों पर नज़दीकी नजर रखें; 2) बड़े ब्लॉक‑डील्स और FTA जैसे इवेंट पर शेयर व क्षेत्रीय रिस्क देखें; 3) वैश्विक मौद्रिक नीतियों के संकेतों से अपने निवेश संतुलित रखें।
वित्तीय वर्ष 2025 कई तरह से बदलाव लेकर आया — कुछ मौके, कुछ चुनौतियाँ। समझदारी यही है कि अधिसूचना मिलने पर तुरंत कदम उठाएं, और अगर जरूरत लगे तो प्रोफेशनल सलाह लें। यह साल तेज़ी से बदलता माहौल दिखाता है, तैयार रहना ही फायदा देता है।
पंजाब नेशनल बैंक के शेयरों में बड़ी वृद्धि देखी गई है, बैंक के एफवाई25 मार्गदर्शन के बाद। पीएनबी ने 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए 15% लोन ग्रोथ और 13% डिपॉजिट ग्रोथ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मार्गदर्शन के बाद विभिन्न ब्रोकरेज हाउसेज ने बैंक के स्टॉक प्राइस लक्ष्य को ऊपर उठाया है।