दिल्ली में भारी बारिश ने मचाई तबाही
दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में बुधवार शाम हुई भारी बारिश से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारी बारिश के कारण राजधानी के कई क्षेत्रों में जल-जमाव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गईं। दिल्ली में रेड अलर्ट घोषित किया गया ताकि इसकी गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई और सतर्कता बरती जा सके।
रेड अलर्ट के प्रभाव
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इस भारी बारिश के चलते लुटियंस दिल्ली, कश्मीरी गेट, करोल बाग और राजिंदर नगर जैसे क्षेत्रों में जल-जमाव की स्थिति पैदा हो गई। इन क्षेत्रीय दुर्घटनाओं के चलते लोगों को भारी यातायात जाम का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने प्रशांत मैदान ऑब्जर्वेटरी में एक घंटे में 112.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की। विभाग ने दिल्लीवासियों को घर के अंदर रहने, दरवाजों और खिड़कियों को बंद करने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। IMD के अनुसार, दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में बिजली और सतही हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
सड़कों पर जल-जमाव और यातायात जाम
दक्षिण दिल्ली के कुतुब मीनार क्षेत्र से दृश्य यह दिखाते हैं कि वाहन जलमग्न सड़कों से गुजर रहे थे और ट्रैफिक पुलिस कर्मी वाहन आवागमन को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे थे। बाहरी रिंग रोड पर, चिराग दिल्ली से नेहरू प्लेस के बीच सफत्री फ्लाईओवर के नीचे पानी भर जाने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। यातायात को चट्टा रेल रेड लाइट और लोथियन रोड से मोड़ दिया गया।
उड़ानों पर असर
बुधवार शाम खराब मौसम के चलते दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाली कम से कम 10 उड़ानों को डायवर्ट कर दिया गया।
शैक्षणिक संस्थानों पर प्रभाव
दिल्ली सरकार ने भारी बारिश की भविष्यवाणी के मद्देनजर एक अगस्त को सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रखने की घोषणा की है। दिल्ली के मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर बताया कि दिल्ली सरकार और नगर निगम निम्नस्तरीय क्षेत्रों और संभावित जल-जमाव क्षेत्रों पर कड़ी नजर रख रहे हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना ना घट सके।
आंदोलन और प्रतिक्रिया
पुराने राजिंदर नगर में बाढ़ग्रस्त होने के बाद, जहां एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन यूपीएससी के विद्यार्थी मारे गए, छात्रों ने जल-जमाव वाली सड़कों पर प्रदर्शन बढ़ा दिया और अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की। आप विधायक दुर्गेश पाठक को जमीन पर लोगों की मदद करते और जल निकासी व्यवस्था सुनिश्चित करते देखा गया। आम आदमी पार्टी ने पाठक के प्रयासों की वीडियो साझा की, जिसमें आप सरकार की स्थिति से निपटने की तैयारी को उजागर किया गया है।
Paras Printpack
अगस्त 1, 2024 AT 18:44
ओह, मस्त मौज है ना इस बारिश की, जैसे दिल्ली ने खुद को स्विमिंग पूल बना लिया। ट्रैफिक जाम देख के तो लगता है लोग ऐडवेंचर ट्रिप पर निकले हैं। रेड अलर्ट वाला क्या मज़ा है, बस पब्लिक को डराने के लिए ही बनता है। ये 'घर के अंदर रहो' वाला सिग्नल तो हर साल का सामान्य कार्यक्रम बन गया है। वाह, अब तो काश हम भी इस बाढ़ में तैरते‑तैरते पॉइंट्स कमा लें।
yaswanth rajana
अगस्त 7, 2024 AT 06:06
सभी नागरिकों को सलाह है कि इस अत्यधिक वर्षा के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। यदि आप आवश्यक यात्रा कर रहे हैं, तो वैकल्पिक मार्गों की पहले से योजना बनाकर ट्रैफिक जाम को न्यूनतम करें। आपातकालीन स्थितियों के लिए निकासी रास्तों को साफ रखने में सहयोग दें। साथ ही, पड़ोस में कमजोर वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए सामुदायिक समर्थन प्रणाली स्थापित करें। इस कठिन समय में सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
Roma Bajaj Kohli
अगस्त 13, 2024 AT 01:00
देशभक्तों को याद दिला दूँ कि हमारी राजधानी पर ये सैलाब भी विदेशी शक्तियों की सांत्वना का एक हिस्सा है, जिससे देश की सुरक्षा में खलल नहीं पड़ता। मौसमी बदलाव तो प्राकृतिक है, पर हमें भारतीय जल निकासी प्रणाली को विश्व मानक पर ले जाना चाहिए, नहीं तो ऐसी रेड अलर्ट हमें बार‑बार परेशान करेंगे। सरकार को चाहिए कि वो नदियों की गहराई बढ़ाने के लिए तेज़ी से काई‑कचरा हटाने का कार्य करे। यह सिर्फ जल‑प्रबंधन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है।
Nitin Thakur
अगस्त 18, 2024 AT 19:53
सच में ये बरसात पूरी ट्रैफिक को ख़राब कर रही है
Arya Prayoga
अगस्त 24, 2024 AT 14:46
बिजली जाम और बाढ़ दोनों मिलकर दिल्ली को असहाय बना रहे हैं; प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए।
Vishal Lohar
अगस्त 30, 2024 AT 09:40
जैसे ही पहली बूंद ने सड़कों को चूम लिया, ऐसा लगा जैसे दिल्ली एक विशाल जल चित्रकला में बदल गई है। हर मोड़ पर गंदा पानी घटी हुई रौनक को धुंधला कर रहा है, और यातायात पुलिस का संघर्ष नाटक के मंच पर कलाकारों की तरह झिलमिलाता है। इस दृश्य में एक ही सवाल उभरता है-क्या हमारी बुनियादी ढाँचा इस प्राकृतिक दुर्दशा के लिए तैयार है? अगर नहीं, तो हमें अपने शहरी नियोजन में गहराई से पुनरावलोकन करना पड़ेगा।
Vinay Chaurasiya
सितंबर 5, 2024 AT 04:33
दिल्ली की सड़कों पर जल‑जमाव को देखते हुए, तुरंत उचित निकासी उपाय जरूरी हैं!!!
Selva Rajesh
सितंबर 10, 2024 AT 23:26
बारिश की ये बाढ़ दिल्ली को घुटनों पर ले लायी है, जैसे कोई बड़े मौसमी तूफ़ान ने शहर को चुपचाप घेर लिया हो। सड़कों पर पानी का स्तर बढ़ता गया, और लोग खुद को तैरते‑तैरते रास्ते ढूँढते रहे। ट्रैफिक जाम अब सिर्फ़ गाड़ी का नहीं, बल्कि जीवन की भी एक बड़ी बाधा बन गया है। हमें इस आपदा के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी दिखानी होगी, तभी हम सुरक्षित रह पाएँगे।
Ajay Kumar
सितंबर 16, 2024 AT 18:20
बारिश की हर बूंद एक नई कहानी लिखती है, पर जब वह कहानी बाढ़ बन कर लिखी जाती है, तो हम सब लेखक बन जाते हैं-नायक या दरबारी। इस जल‑जमाव में हमें अपने आप को स्थिति के परिप्रेक्ष्य से देखना चाहिए, जहाँ हर गड्ढा एक अवसर बन सकता है सीखने का।
Ravi Atif
सितंबर 22, 2024 AT 13:13
🌧️ इस भारी बारिश ने दिल्ली के सारे नहीं, बल्कि हर कोने में एक नई चुनौती रख दी है। पहले तो लोग फ़ोन पर इंस्टाग्राम स्टोरीज़ की तरह जल‑जमाव की फ़ोटो पोस्ट कर रहे थे, फिर धीरे‑धीरे असली ट्रैफिक जाम का सच्चा चेहरा सामने आया। सड़कें अब नदी बन गई हैं, जहाँ बसें और मोटरसाइकिलें तैरते‑तैरते आगे बढ़ रही हैं, और ड्राइवरों का चेहरा वही भाव दिखा रहा है जैसे किसी जल‑चक्रवात में फँसे पेंगुइन। इस बीच, ट्रैफिक पुलिस ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन पावः‑पानी की धारा उनके फॉसिल‑कट मोटर को भी रोक नहीं पाई। कई लोग घर से बाहर निकलते ही डुबकी मारते हैं, और बायो‑डाटा वाले किराए के पेंगुएँ भी इससे बच नहीं पाते। बाढ़ की वजह से कई शॉपिंग मॉल और स्कूल बंद हो गए, और छात्रों को अब ऑनलाइन क्लास के लिए अपने घर में अपने लैपटॉप के साथ संडैला लगाना पड़ रहा है। इस अराजकता में, यूँ तो लोगों की सहनशीलता की सीमा बढ़ रही है, पर साथ ही उनका धैर्य भी पतला हो रहा है। 🚗🚕🚙
एक तरफ़ सड़कों पर पानी की तरह बिखरे हुए कचरे की भी समस्या बढ़ी है, जो आगे चलकर जल‑जनित रोगों का कारण बन सकती है। दूसरी तरफ़, मौसम विभाग ने हमें पहले ही चेतावनी दी थी, पर उच्चतम स्तर के रेड अलर्ट के बावजूद कई लोगों ने सतर्कता नहीं दिखायी। हम सभी को चाहिए कि इस आपदा को एक सीख के रूप में ले, और भविष्य में बेहतर जल‑नियोजन के लिए कदम उठाएँ। इस तरह की बार‑बार होने वाली सूखे और बाढ़ के बीच संतुलन बनाना हमारे राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अंत में, मैं यह कहना चाहूँगा कि हमारी सामूहिक कार्रवाई ही इस बाढ़ को पार करेगी, और हम फिर से एक साफ़, सुरक्षित और सुगम दिल्ली का आनंद ले सकेंगे। 🌈 और याद रखें, हर बूँद का सम्मान करें, क्योंकि यही हमारी पृथ्वी की जीवन रेखा है। आइए, इस मौसम को साथ मिलकर सहें और अगले सत्र के लिए तैयार रहें।
Krish Solanki
सितंबर 28, 2024 AT 08:06
इसी जल‑जमाव की वजह से दिल्ली के नींव में दरारें पड़ रही हैं; शीघ्र कार्यवाही न करने पर यह स्थिति दीर्घकालिक infrastructural क्षति का कारण बनेगी।
SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
अक्तूबर 4, 2024 AT 03:00
क्या आपको पता है कि इस अचानक बढ़ी हुई बारिश के पीछे कुछ छिपे हुए एजेंटों की भूमिका हो सकती है, जो मौसम को नियंत्रित कर हमारे सामाजिक बहाली को बिगाड़ना चाहते हैं? यह सिर्फ़ प्राकृतिक घटना नहीं, बल्कि एक रणनीतिक योजना का हिस्सा है।
sona saoirse
अक्तूबर 9, 2024 AT 21:53
eekh bArish kI waja se hm sabhi ko jhalna pad raha h but unlog jo plan banate h wohan sahi h
VALLI M N
अक्तूबर 15, 2024 AT 16:46
भाई लोग, ये बाढ़ हमारे देश की ताकत दिखा रही है, देखो कैसे हर कोना जल‑हैवी हो रहा है, लेकिन हम मस्त रहेंगे! 😎💪
Aparajita Mishra
अक्तूबर 21, 2024 AT 11:40
ओहो, बाढ़ में इमोजी मार के एंटी‑ड्रामा बनते रहो, असली मदद तो जमीन पर ही चाहिए।
Shiva Sharifi
अक्तूबर 27, 2024 AT 06:33
हंसी-खुशी से इस बाढ़ को झेलिये, एक साथ मिलके हम इसे जल्दी से जल्दी खत्म कर देंगे।
Ayush Dhingra
नवंबर 2, 2024 AT 01:26
दिल्ली की इस बाढ़ ने हमें कई बातों की याद दिलाई। सबसे पहले, हमारे शहर की जल निकासी प्रणाली में तेज़ सुधार की जरूरत है। दूसरा, नागरिकों को आपातकाल में कैसे व्यवहार करना चाहिए, इस पर जागरूकता बढ़ानी चाहिए। तीसरा, स्कूल और ऑफिस की मौसमी छुट्टियों को पहले से ही घोषित करना चाहिए, ताकि पेंशनर लोगों को परेशानी न हो। अंत में, सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की आपदाओं के लिए एक सशक्त राहत योजना तैयार रखे, जिससे सभी को तुरंत सहायता मिल सके।
Vineet Sharma
नवंबर 7, 2024 AT 20:20
आह, अब जब हर गली में पानी का पूल बन गया है, तो क्या हमें 'ड्रॉइंग क्लास' में फिर से दाखिला लेना चाहिए? बात तो यही है कि बारिश का मज़ा ले रहे लोग भी इस जल‑जमाव को एक नई कला मान रहे हैं।
Aswathy Nambiar
नवंबर 13, 2024 AT 15:13
life is like rain in delhi dont u think? sometimes you just gotta float n hope the road ends up dry soon lol
Ashish Verma
नवंबर 19, 2024 AT 10:06
ऐसे वक्त में हमें भारतीय संस्कृति की मदद लेनी चाहिए-उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी साझा खुशी और सहयोग की भावना बनाए रखें। 🙏