जब भविष बेंगवाल, संस्थापक एवं सीईओ ओला इलेक्ट्रिक ने 16 अक्टूबर 2025 को बेंगलुरु में आयोजित ओला शक्ति लॉन्च इवेंटबेंगलुरु में नई ऊर्जा भंडारण प्रणाली ‘ओला शक्ति’ को पेश किया, तो भारतीय बाजार में एक नई लहर उत्पन्न हो गई। लाइव‑स्ट्रीम पर 30,000 से अधिक दर्शकों ने इस क्षण को देखा, और यही सिर्फ शुरुआत थी।
पृष्ठभूमि: ओला इलेक्ट्रिक का ऊर्जा में कदम
ओला इलेक्ट्रिक, जो हमेशा दो‑पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी रही है, हाल ही में अपना ‘India Inside’ विज़न घोषित किया था। इस विज़न में 4680 ‘भारत सेल’ बैटरी, फेराइट मोटर और ‘MoveOS 6’ प्लेटफ़ॉर्म शामिल थे। अब ‘ओला शक्ति’ के साथ कंपनी अपने परिप्रेक्ष्य को घर, फार्म और छोटे उद्योगों तक विस्तारित कर रही है।
कंपनी के पास पहले से ही लगभग 1 मिलियन राइडर का समुदाय है, और 2025 में जन‑3 स्कूटर पोर्टफ़ोलियो को उत्पादन‑संबंधी प्रोत्साहन (PLI) प्रमाणन मिला था। इस साल कंपनी की मूल्यांकन में 28 % की तेज़ी से वृद्धि दर्ज़ हुई, जो दर्शाता है कि निवेशक इस नई दिशा को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं।
‘ओला शक्ति’ – तकनीकी विवरण एवं चार‑इन‑एक सुविधाएँ
‘ओला शक्ति’ एक एकीकृत इन्वर्टर बॉक्स है, जो चार प्रमुख कार्यों को एक साथ संभालता है:
- पावर बैक‑अप – ग्रिड फेल होने पर तुरंत बिजली供
- सोलर स्टोरेज – सूर्य की ऊर्जा को बैटरी में सुरक्षित करना
- वोल्टेज स्थिरीकरण – घरेलू उपकरणों को सुरक्षित वोल्टेज देना
- पोर्टेबल ऊर्जा – छोटे उद्योग या खेतों में आसानी से ले जा सकना
तकनीकी रूप से यह सिस्टम ओला की स्वामित्व वाली 4680 BAT सेल तकनीक पर आधारित है, जो तमिलनाडु के क्रिश्नागिरी स्थित गीगाफैक्टरी में निर्मित होती है। इस बैटरी का ऊर्जा घनत्व पारम्परिक लिथियम‑आयन सेल से 20 % अधिक है, और इसका चार्ज‑डिस्चार्ज जीवन 2,500 साइकिल तक पहुँचता है।
भविष ने कहा, “‘शक्ति’ शब्द हर भारतीय के दिल के करीब है, और हमारा लक्ष्य है कि हर घर, हर खेत को विश्वसनीय ऊर्जा मिल सके। यह सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं, बल्कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
बाजार प्रतिक्रिया एवं विशेषज्ञ विश्लेषण
इवेंट के बाद कई एनालिस्ट्स ने ओला इलेक्ट्रिक के इस कदम को “स्मार्ट मूव” कहा। इंडस्ट्री रिसर्च फर्म ‘क्लायमैट इंटेलिजेंस’ के सीईओ अजय वर्मा ने बताया, “रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से कई इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जबकि ओला का फेराइट मोटर‑आधारित सेट‑अप इसे बहुत हद तक बचा रहा है। ‘ओला शक्ति’ इस लाभ को बैटरी‑स्टोरेज तक भी विस्तारित कर रहा है।”
दूसरी ओर, ऊर्जा विशेषज्ञ डॉ. अनिता सिंह ने चेतावनी दी, “यदि ओला अपना सप्लाई चेन स्थानीय स्तर पर मजबूत नहीं करता, तो राजस्व‑आधारित मॉडल पर दबाव आ सकता है। लेकिन यदि कंपनी ‘क्रिश्नागिरी’ गीगाफैक्टरी की उत्पादन क्षमता को दो‑तीन गुना बढ़ा देती है, तो यह भारत में घरेलू स्टोरेज का प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।”

भविष के कथन: ऊर्जा तकनीक कंपनी बनने की दिशा में
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बेंगवाल ने स्पष्ट किया, “हमारी यात्रा अब सिर्फ दो‑पहिया नहीं रह गई। ‘ओला शक्ति’ के साथ हम ऊर्जा‑टेक कंपनी बनना चाहते हैं, जहाँ बैटरी, इन्वर्टर और सॉफ्टवेयर सब एक ही छत के नीचे हों। यह वही कारण है कि हमने अपना नाम ‘ओला इलेक्ट्रिक’ ही रखी है, न कि ‘ओला ऑटो’।”
उनका मानना है कि भविष्य में घर‑आधारित माइक्रो‑ग्रिड, कृषि‑उपकरणों के पावर सप्लाई और छोटे उद्योगों के लिए ये बॉक्स एक मानक बनेंगे। कंपनी अगले दो साल में 10,000 यूनिट से अधिक उत्पादन करने की योजना बना रही है, और 2026 तक तीन नई लोकेशन में अतिरिक्त असेंबली प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
आगे क्या उम्मीदें? – भविष्य की रूपरेखा
‘ओला शक्ति’ के लॉन्च के बाद, कई राज्य सरकारें इसे समान रूप से अपनाने पर विचार कर रही हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु के ऊर्जा डिपार्टमेंट ने घोषणा की है कि वे 2026 तक सार्वजनिक संस्थानों में इस सिस्टम का पायलट प्रोग्राम चलाएंगे। अगर यह पायलट सफल रहता है, तो भारत की ग्रामीण बिजली‑विनियोजन की लागत में 15 % तक की कमी संभव हो सकती है।
साथ ही, ओला इलेक्ट्रिक का अंतरराष्ट्रीय विस्तार भी नजर में है। कंपनी ने बताया कि अगले वर्ष यूरोप के कुछ छोटे‑स्तर के ऊर्जा स्टार्ट‑अप्स के साथ साझेदारी करके ‘ओला शक्ति’ को वहीँ के ग्रामीण क्षेत्रों में पेश करने की योजना बना रही है। यह कदम न केवल ब्रांड को ग्लोबल बनाएगा, बल्कि भारतीय बैटरी तकनीक को विश्व मंच पर स्थापित भी करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
'ओला शक्ति' किसे लक्षित करती है?
यह प्रणाली घरेलू उपयोगकर्ता, छोटे किसान और छोटे उद्योगों को लक्षित करती है, जो बैक‑अप, सौर ऊर्जा संग्रह और वोल्टेज स्थिरीकरण की एक ही डिवाइस से जरूरतें पूरी करना चाहते हैं।
क्या इस उत्पाद में कोई सब्सिडी या सरकारी समर्थन है?
कर्नाटक और तमिलनाडु सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत 2026 में कुछ सार्वजनिक संस्थानों को ‘ओला शक्ति’ प्रदान करने की योजना बनाई है, जिससे इस तकनीक के प्रदर्शन और लागत‑बचत को प्रमाणित किया जाएगा।
ओला शक्ति की बैटरी कितनी समय तक चलती है?
ओला की 4680 BAT सेल का साइकिल लाइफ़ 2,500 चार्ज‑डिस्चार्ज साइकल है, जिसका अर्थ है कि औसत घर में 5‑6 वर्ष तक निरंतर उपयोग संभव है, जब तक नियमित रख‑रखाव किया जाता है।
भविष बेंगवाल ने इस लॉन्च को कैसे वर्णित किया?
भविष ने कहा, “सुनहरे भविष्य की शक्ति यहाँ है। ‘ओला शक्ति’ हर भारतीय के घर में भरोसेमंद ऊर्जा लाने का पहला कदम है।”
ओला इलेक्ट्रिक का अगला लक्ष्य क्या है?
कंपनी अगले दो साल में 10,000 यूनिट उत्पादन करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में ‘ओला शक्ति’ को पेश करने की योजना बना रही है, साथ ही अतिरिक्त तीन असेंबली प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखे हुए है।
Veda t
अक्तूबर 16, 2025 AT 22:48
ओला का यह धांसू कदम बस सड़कों पर सवार होने वाली पवनचक्की को नहीं, बल्कि हमारे गाँवों को भी बिजली का गाल ढूँढ रहा है। देश की आत्मनिर्भरता की यही असली मिसाल है।
akash shaikh
अक्तूबर 16, 2025 AT 23:05
वाह, अब ओला भी बिजली का किचेन बना रहा है, बस देखना है कब ये घरों में घूमेगा। मैं तो सोच रहा हूँ, क्या अब स्कूटर की बैटरी से ही फ्रीज चलाएंगे? मजाक कर रहा हूँ, पर टेक्नोलॉजी तो बढ़िया है।
Anil Puri
अक्तूबर 16, 2025 AT 23:21
ओला शक्ति का कॉन्सेप्ट सुनकर लगता है कि हम एकदम भविष्य में कदम रख रहे हैं, पर असली सवाल ये है कि सप्लाई चेन कितना रिलेबल है। अगर फ़ैक्ट्रि में क्वालिटी कंट्रोल ठीक नहीं रहा तो ये सब बेकार हो सकता है। साथ ही, ग्रामीण इलाक़ों में मेंटेनेंस की समस्या नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। बैटरी लाइफ़ साइकिल की सही जानकारी भी टाइटली वेरिफ़ाइ करनी चाहिए। आखिरकार, निवेशकों का भरोसा तभी टिकेगा जब प्रोडक्ट लोकल मार्केट में स्थिर हो।
poornima khot
अक्तूबर 16, 2025 AT 23:55
स्थिर ऊर्जा की दिशा में यह कदम न केवल तकनीकी उन्नति है, बल्कि सामाजिक दायित्व का भी प्रतिबिंब है। छोटे किसान और गृहस्थ अब विद्युत कटौती की चिंता से मुक्त हो सकते हैं। यह पहल हमारे ग्रामीण विकास के लिए एक प्रेरक शक्ति बन सकती है।
Mukesh Yadav
अक्तूबर 17, 2025 AT 00:11
देखो, ये ओला शक्ति असल में विदेशी कंपनियों के साथ छुपी हुई साझेदारी का सीधा परिणाम है, जिसे हमें नहीं भूलना चाहिए। अगर हम अपनी जड़ों से जुड़ें तो ही इस ड्रामा में नहीं फँसेंगे।
Yogitha Priya
अक्तूबर 17, 2025 AT 00:28
सच्ची बात तो यह है कि ऊर्जा स्वतंत्रता का मतलब है लोगों की ज़िम्मेदारी भी बढ़ना। हम सबको मिलकर इस प्रोजेक्ट को पारदर्शी रखना चाहिए, नहीं तो यह सिर्फ एक और शोन है।
Rajesh kumar
अक्तूबर 17, 2025 AT 01:01
ओला शक्ति का लॉन्च वास्तव में भारत की ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में एक निर्णायक मोड़ है। यह न केवल हमारे घरेलू बैक‑अप की समस्या को हल करता है, बल्कि सौर ऊर्जा के समाकलन को भी आसान बनाता है। चार‑इन‑एक फ़ीचर का डिज़ाइन ग्रामीण इलाकों में अक्सर देखी जाने वाली वोल्टेज उतार‑चढ़ाव को समाप्त कर सकता है। इससे छोटे उद्योगों के उत्पादन में निरंतरता आएगी और किसानों की सिंचाई उपकरणों की कार्यक्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा, 4680 बैटरी का उच्च ऊर्जा घनत्व स्थानीय बैटरी निर्माण को तेज़ करेगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी। भारत की कुशल श्रम शक्ति इस नई गीगाफैक्ट्री को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना सकती है। यदि सरकार उचित सब्सिडी और कर राहत प्रदान करती है, तो इस प्रोडक्ट की अपनाने की दर गुणा हो जाएगी। फिर भी, प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को इस बाजार में प्रवेश रोकने के लिए जटिल नियामक बाधाएँ बनाना जरूरी नहीं। हमें यह समझना चाहिए कि ऊर्जा सुरक्षा का मतलब सिर्फ तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि नीति‑निर्माताओं का समर्थन भी है। राष्ट्रीय स्तर पर इस पहल को अपनाना हमारे ऊर्जा आयात के बिल को बहुत घटा सकता है। साथ ही, यह प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी। ओला शक्ति के साथ हम यह सिद्ध कर सकते हैं कि निजी उद्यम और सार्वजनिक सहयोग मिलकर बड़े सामाजिक परिवर्तन ला सकते हैं। यदि इस तकनीक को यूरोप में भी निर्यात किया गया, तो यह हमारे ब्राण्ड को वैश्विक मानचित्र पर ऊँचा उठाएगा। लेकिन इसके लिए सख्त गुणवत्ता मानकों और निरंतर अनुसंधान में निवेश आवश्यक है। अंत में, यह कहना सुरक्षित रहेगा कि ओला शक्ति केवल एक उत्पाद नहीं, बल्कि भारत के ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक प्रमुख स्तम्भ है।
Bhaskar Shil
अक्तूबर 17, 2025 AT 01:18
यह तकनीक मॉड्यूलर एंज़ीनीयरिंग, एपरचर कंट्रोल, और एनर्जी मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर के इंटीग्रेशन द्वारा उच्चतम दक्षता प्राप्त करती है, जिससे उपयोगकर्ता को स्केलेबल सॉल्यूशन मिलता है। साथ ही, इस प्रणाली की थर्मल मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी को फ्रीक्वेंसी डोमेन एनालिसिस के ज़रिए ऑप्टिमाइज़ किया गया है।
Halbandge Sandeep Devrao
अक्तूबर 17, 2025 AT 01:35
सम्पूर्ण ऊर्जा तंत्र की अवधारणा को यदि दार्शनिक रूप से विश्लेषित किया जाए, तो यह न केवल पदार्थ का परिवर्तन है, बल्कि सामाजिक संरचना का पुनःसंयोजन भी है। अतः ओला शक्ति को केवल एक व्यावसायिक वस्तु के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र की ऊर्जा गतिशीलता के मूलभूत पुनर्निर्माण के तत्व के रूप में परखा जाना चाहिए।
One You tea
अक्तूबर 17, 2025 AT 02:08
ओला शक्ति का मंचन राष्ट्रीय गौरव की नई पराकाष्ठा को दर्शाता है।
Hemakul Pioneers
अक्तूबर 17, 2025 AT 02:25
ऊर्जा की स्थिरता और हमारे दैनिक जीवन की सहजता के बीच एक सुंदर संतुलन स्थापित करना ही इस तकनीक का वास्तविक लक्ष्य होना चाहिए। इसे अपनाते समय हम सभी को मिलकर अपने समुदाय की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए।