WTC फाइनल 2025: ऑस्ट्रेलिया बड़ी दावेदार, साउथ अफ्रीका के पास इतिहास बदलने का मौका

WTC फाइनल 2025: ऑस्ट्रेलिया बड़ी दावेदार, साउथ अफ्रीका के पास इतिहास बदलने का मौका

WTC फाइनल 2025: क्या साउथ अफ्रीका तोड़ेगा 'चोकर्स' का ठप्पा?

क्रिकेट का गढ़ कहे जाने वाले लॉर्ड्स में इस बार WTC फाइनल 2025 का शोर है। एक तरफ पिछले फाइनल की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की टीम है, जो बड़ी प्रतियोगिताओं में चैंपियन कहलाती है, तो दूसरी ओर साउथ अफ्रीका, जिसे आज भी क्रिकेट में 'चोकर्स' के नाम से जाना जाता है।

मैच का पहला ही दिन हाई वोल्टेज रहा। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 212 रन बनाए, लेकिन उनका असली जादू गेंदबाजी में दिखा। पैट कमिन्स, मिचेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड की तिकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 43/4 तक गिरा दिया। साउथ अफ्रीका की पारी डगमगाती दिखी, मगर कगिसो रबाडा ने 5 विकेट निकालकर उन्हें वापसी की छोटी सी उम्मीद जरूर दिलाई। लेकिन इस सब के बावजूद साउथ अफ्रीका अभी भी 169 रनों से पीछे है।

साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा को ये भी पता है कि लॉर्ड्स की पिच पर हालात ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका दोनों के घर जैसे नहीं हैं। यहां की स्विंग और नमी से मैच की तस्वीर बदल सकती है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दोनों टीमों के लिए हर ओवर में खतरा बना रहेगा। ऐसा पहली बार है जब इस ऐतिहासिक मैदान पर दोनों इतने बड़े मुकाबले में भिड़ रहे हैं और पहले ही दिन 14 विकेट गिर गए। यानी बॉलर्स का जलवा मैदान पर साफ नजर आया।

इतिहास बनाम वर्तमान: कौन जीतेगा दिमागी मुकाबला?

ऑस्ट्रेलिया की ताकत उसकी मानसिक मजबूती भी है। टीम के पास हर मोर्चे पर अनुभव है — पैट कमिन्स की अगुवाई वाली गेंदबाजी, स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन जैसे खिलाड़ी, और बड़े मौका आते ही जज्बा दिखाने की आदत। ICC टूर्नामेंट्स में उनकी जीत की लिस्ट लंबी है। इससे उलट, साउथ अफ्रीका की कहानी अलग है — हर बड़े मंच पर उन्होंने या तो करीब पहुंचकर मुकाबला गंवाया है, या किसी एक बड़ी गलती से ट्रॉफी दूर रह गई। 1998 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से उनकी झोली खाली है।

अब सवाल है, क्या इस बार बावुमा और उनकी टीम खुद को इतिहास से बचा पाएंगे? या फिर ऑस्ट्रेलिया की स्किल और दबाव में निखरने की क्षमता एक बार फिर उसे विजेता बना देगी? लॉर्ड्स की खासियत ये है कि यहां मौसम और पिच दोनों गेम का रुख कभी भी पलट सकते हैं। इसलिए अभी कुछ तय करना जल्दबाजी होगी।

मैच के पहले दिन विशेषज्ञों ने भी मान लिया है कि मुकाबला बराबरी का है, जहां एक बड़ी साझेदारी या एक तूफानी स्पेल सबकुछ बदल सकता है। अगले कुछ दिन दोनों टीमों के लिए किसी भी एंगल से आसान नहीं होंगे, क्योंकि लॉर्ड्स की उथल-पुथल भरी पिच पर गलती की कोई गुंजाइश नहीं बची है।