टेस्ट क्रिकेट में भरोसेमंद मध्य क्रम की तलाश में भारतीय चयनकर्ता फिर एक बार Narayan Jagadeesan की ओर मुड़े हैं। 29 साल के तमिलनाडु के इस विकेटकीपर‑बैटर को रिषभ पैंट की चोट के चलते वेस्ट इंडीज टूर में दूसरा टेस्ट कॉल‑अप मिला है। यह उनका दूसरा मौका है, पहले भी उन्होंने इंगलैंड के खिलाफ ऑवल टेस्ट में पैंट की जगह ली थी。
डोमेस्टिक रिकॉर्ड और टेस्ट के लिए क्यों उपयुक्त?
जगदेesan ने 2016 में फर्स्ट‑क्लास डेब्यू किया और तब से 54 मैचों में 3,686 रन जमा किए हैं। उनका औसत 50.49 और 11 शतक, 16 अर्धशतक इस बात का सबूत है कि वह लंबी पारी को संभाल सकते हैं। सबसे बड़ी इनिंग 321 रन की ने उन्हें लंबे‑समय के बैट के रूप में सख़्त पहचान दिला दी। ड्यूपल ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में लगातार दायरे में रहने से उनकी फॉर्म में निरंतरता दिखती है, जो टेस्ट चयन में चिंता‑मुक्त बनाती है।
वाले ही नहीं, जगदेesan ने वन‑डेज़ में भी रिकॉर्ड तोड़े हैं: वह एक दिन में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर करने वाले खिलाड़ी भी हैं। इस बहुमुखी प्रतिभा से वह बॉल‑डिलीवरी के साथ-साथ तेज़ी से रन बनाने में सक्षम हैं, जो आज‑कल के टेस्ट में बहुत मायने रखता है।

सेलेक्शन का पृष्ठभूमि और प्रतिस्पर्धा
इशान किशन ने दक्षिण अफ़्रीका टूर के दौरान दो टेस्ट खेले, लेकिन मध्य‑टूर में फिटनेस की कमी के कारण वह चयन में नहीं दिखे। एजी अगारकर ने स्पष्ट किया कि किशन को घरेलू में लगातार रन बनाकर फिर से दिखाना होगा। वहीँ संजु सामसन को केरल में रेड‑बॉल की कमी और दलेप ट्रॉफी में नाम न मिलने से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दो बड़े दावेदारों के पीछे हटने से जगदेesan को एक साफ़ रास्ता मिला।
वेस्ट इंडीज टूर में ध्रुव जुरेल पहले-choice विकेटकीपर रहेंगे, जबकि जगदेesan को बैक‑अप के रूप में रखा गया है। टीम का नेतृत्व शुबमन गिल करेंगे और रविंद्र जडेजा वाइस‑कैप्टन की भूमिका निभाएंगे। इस सेट‑अप में यदि जुरेल किसी कारण से बाहर हो जाएँ, तो जगदेesan को तुरंत मौका मिल सकता है।
उनकी तकनीकी सुदृढ़ता और शांत स्वभाव पैंट की ‘फ्लैशी’ शैली से अलग है, पर selectors ने लंबे स्वरूप में स्थिरता को प्राथमिकता दी है। यही कारण है कि वह अब भारत की टेस्ट बेंच पर दो जगहों पर बैठे हैं – एक संभावित फील्डर और एक भरोसेमंद बॅट्समैन।
Sanjay Kumar
सितंबर 26, 2025 AT 08:48
रिषभ पैंट की जगह नारायण जगेसेन को बुलाना अच्छा है 😊
adarsh pandey
सितंबर 29, 2025 AT 20:08
जगदेesan की लगातार फॉर्म और घरेलू रिकॉर्ड को देखते हुए उनका चयन समझदारी भरा प्रतीत होता है। चयनकर्ता ने सही दिशा में कदम बढ़ाया।
swapnil chamoli
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:28
क्या आपको नहीं लगता कि यह चयन सिर्फ बोर्ड के अंदर के कुछ दोस्तों के लाब के कारण है? कुछ लोग यह भी मानते हैं कि इस निर्णय में विदेशी एजेंटों का हाथ हो सकता है।
manish prajapati
अक्तूबर 6, 2025 AT 18:48
आइये हम इस अवसर को जगदेesan के लिए नया सवेरा मानें। उनकी बैटिंग शैली मौडर्न टेस्ट में नई ऊर्जा ला सकती है और टीम को स्थिरता भी।
Rohit Garg
अक्तूबर 10, 2025 AT 06:08
भाई, उसका 321 का हाईस्कोर देखो, वो तो बस ऐतिहासिक है! अब वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेंगे, कोई संदेह नहीं।
Rohit Kumar
अक्तूबर 13, 2025 AT 17:28
नारायण जगेसेन के चयन को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा सकता है। उनका घरेलू रिकॉर्ड, विशेषकर 321 रन की शतक, यह दर्शाता है कि वे लंबी पारियों को संभालने में सक्षम हैं। इस क्षमते का प्रत्यक्ष प्रमाण उनकी निरंतरता में निहित है, जो कई सीज़न में दिखी है। चयनकर्ता की यह प्रवृत्ति कि वे स्थिरता को प्राथमिकता देते हैं, टीम की भविष्य की योजना के अनुरूप है। टेस्ट क्रिकेट में विंडर परफ़ॉर्मेंस की मांग बढ़ती जा रही है, और जगेसेन की बहु‑आयामी प्रतिभा इस आवश्यकता को पूरा करती है। उनका तकनीकी गुण, जहाँ वह बैटिंग और विकेटकीपिंग दोनों में संतुलन बनाते हैं, दुर्लभ है। इस तरह के खिलाड़ी को बैक‑अप के रूप में रखना बेस्ट स्ट्रैटेजिक विकल्प है। यदि ध्रुव जुरेल किसी कारणवश अनुपलब्ध हो जाते हैं, तो जगेसेन तुरंत अवसर पा सकते हैं। उनके शांत स्वभाव और खेल की समझ उन्हें दबाव में भी स्थिर बनाती है। यह विशेषता विशेषकर कठिन इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज जैसे माहौल में अत्यधिक मूल्यवान होगी। साथ ही, उनका अनुभव घरेलू ट्रॉफियों में जीतने का एक बड़ा कारक रहा है। चयन प्रक्रिया में यदि कोई पक्षपात नहीं है, तो यह निर्णय भारतीय टेस्ट टीम के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। भविष्य में यदि वह नियमित रूप से चयनित होते हैं, तो टीम का बैटिंग क्रम अधिक लचीलापन प्राप्त करेगा। अंततः, यह चयन न केवल उनके व्यक्तिगत विकास बल्कि सम्पूर्ण टीम की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी सुदृढ़ करेगा।