प्रसिद्ध मलयालम अभिनेत्री, कावीयूर पुन्नम्मा, का 20 सितंबर 2024 को एर्णाकुलम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थीं और कैंसर का इलाज करा रही थीं। कावीयूर पुन्नम्मा मलयालम सिनेमा में अपनी मातृत्व भूमिकाओं के लिए जानी जाती थीं। उनका जन्म 6 जनवरी 1944 को केरला के पथानमथिट्टा स्थित कावीयूर में हुआ था। उनके पिता टी.पी. दामोदरन और माता गौरी अम्मा थीं।
कावीयूर पुन्नम्मा का परिवार उनकी केवल एक वर्ष की उम्र में पोंकुन्नम, कोट्टायम शिफ्ट हो गया था। उनका शुरुआती जीवन संगीत से प्रभावित था। एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी से प्रेरित होकर वे एक प्रमुख गायिका बनना चाहती थीं। मात्र 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीतकार जी. देवराजन के आमंत्रण पर एक नाटक के लिए गाना गाया।
कावीयूर का अभिनय करियर भी इसमें दिलचस्प मोड़ था। थोप्पिल भासी द्वारा निर्देशित 'मूलधनम' नामक नाटक में उन्होंने अपना अभिनय करियर शुरू किया। जब नाटक की मुख्य अभिनेत्री ने भाग नहीं लिया, तो भासी ने पुन्नम्मा को उस भूमिका में अभिनय करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उनके अभिनय करियर की शुरुआत हुई। वे केरल पीपल्स आर्ट्स क्लब (KPAC) में प्रमुख अभिनेत्री के रूप में शामिल हों गईं और बाद में विभिन्न नाट्यमंडलों जैसे प्रतिभा आर्ट्स क्लब और कालिदासा कलाकेंद्र में भी काम किया।
कावीयूर पुन्नम्मा ने अपना फिल्मी करियर भी बहुत ही सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया और 1000 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। वे मुख्यतः अपनी मातृत्व भूमिकाओं के लिए जानी जाती थीं और कई प्रसिद्ध अभिनेताओं जैसे सत्यान, मदु, प्रेम नजीर, सोमन, सुकुमारन, ममूटी और मोहनलाल के साथ काम किया। उन्होंने नकारात्मक भूमिकाओं में भी अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया और अपनी बहुमुखी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत लिया।
कावीयूर पुन्नम्मा ने चार बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार भी जीते। उन्होंने 'मेघतीर्थम' नामक एक फिल्म का निर्माण भी किया। उनके पति मणिस्वामी फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे। उनकी बेटी बिंदू की शादी वेंकटराम से हुई, जो मि
सीगन विश्वविद्यालय, अमेरिका में प्रोफेसर हैं।
कावीयूर पुन्नम्मा की जीवन यात्रा और करियर वास्तव में प्रेरणादायक है। उनके अभिनय की यथार्थता और सजीवता ने मलयालम सिनेमा को नये आयाम दिए। वे हमेशा अपने किरदारों में खुद को ढालने की अद्वितीय क्षमता रखती थीं। परिवार और समाज के दृढ़ स्तंभ के रूप में वे अपने दर्शकों के दिलों में एक महत्वपूर्ण स्थान बना गईं।
कावीयूर पुन्नम्मा का निधन मलयालम सिनेमा के लिए एक बड़ी हानि है और उनकी कमी को पूरे फिल्म इंडस्ट्री में महसूस किया जाएगा। उनकी फिल्मों और अभिनय ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और वे हमेशा याद की जाएंगी।
उनके निधन की जानकारी मिलने के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। फिल्मी जगत के लोगों ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उनके अद्वितीय योगदान को श्रद्धांजलि दी।
कावीयूर पुन्नम्मा का जीवन और कार्य हमेशा सिनेमा प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उनकी विरासत को हमेशा याद किया जाएगा।
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