दरजिलिंग में भूस्खलन: 28 मौत, दुडिया आयरन ब्रिज ढह गया, राहत कार्य जारी

दरजिलिंग में भूस्खलन: 28 मौत, दुडिया आयरन ब्रिज ढह गया, राहत कार्य जारी

जब नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधान मंत्री, ने दुड़िया आयरन ब्रिज के ध्वस्त होने पर शोक व्यक्त किया, तो दरजिलिंग भूस्खलन (4-5 अक्टूबर 2025)दरजिलिंग, पश्चिम बंगाल की तस्वीरें हर घर में देखी जा रही थीं। 24 घंटे में 261 मिमी से अधिक बारिश ने पहाड़ियों को बुरी तरह झकझोर दिया, जिससे कम से कम 28 लोग मारें गए और कई लोग गायब हैं।

भूस्खलन की पृष्ठभूमि

दरजिलिंग अल्पाइन क्षेत्र में स्थित है, जहाँ मानसून का जलावन अक्सर तीव्र हो जाता है। इस साल 4 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक, दरजिलिंग में 261 मिमी बरसाव दर्ज किया गया, जिसे भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने "अत्यधिक भारी बारिश" की श्रेणी दी। समान अवधि में कोच बिहार में 192 मिमी, जाल्पा दुरी में 172 मिमी, और जाल्पा दुरी जिले के गाजोलडोबा में 300 मिमी बारिश हुई।

ऐसे भारी जल प्रवाह ने कई पहाड़ी नदियों को अपने किनारे पर स्थित बुनियादी ढाँचे को कुचल दिया। प्रमुख कारणों में अपर्याप्त कटाव नियंत्रण, पुरानी जल निकासी प्रणाली और अनियंत्रित निर्माण कार्य शामिल रहे।

वर्तमान स्थिति और जीवित बचे

सबसे अधिक प्रभावित जगह मिरिक है, जहाँ 13 मृतकों के शरीर बरामद हुए। मिरिक का सुंदर सुमंदु झील और कंचनजंगा का दृश्य इस स्थान को पर्यटकों की पसंदीदा जगह बनाता है, पर अब यह ध्वस्त बंजर घरों की फोटोग्राफी से भर गया है।

कॉलकत्ता से आए पर्यटक हिमाद्री पर्क्येत भी इस आपदा में गुम हैं। उनके परिवार ने अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है, इसलिए खोज अभियान तीव्र गति से चल रहा है।

सिलगुड़ी‑दरजिलिंग राज्य राजमार्ग 12 (SH12) पर स्थित दुडिया आयरन ब्रिज पूरी तरह टूट गया। इस पुल के क्षरण के कारण सैकड़ों लोग फँस गए, और सिलगुड़ी से दरजिलिंग तक की मुख्य आवागमन रुक गई। राष्ट्रीय राजमार्ग 10 (NH10) और राष्ट्रीय राजमार्ग 717 (NH717) भी बाढ़‑भारी क्षेत्रों में अवरुद्ध हैं, जिससे राहत कार्य में देरी हो रही है।

प्रति माह 12 हजार से अधिक लोगों को प्रभावित करते हुए, अभी तक 28 मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया गया है, पर विभिन्न स्थानीय स्रोत अलग‑अलग संख्या बता रहे हैं। इसलिए स्थिति “गतिशील” ही कह सकता हूँ।

सरकारी एवं राहत प्रतिक्रिया

घटना के बाद, ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री, ने आपातकालीन बैठक बुलाई और राज्य‑स्तरीय सहायता के लिए विशेष रूप से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की तीन टीमें (दरजिलिंग, सिलगुड़ी, अलिपुर्दुर्ग) को मिरिक में तैनात किया।

दरजिलिंग कलेक्टर प्रीति गोयल ने भी स्वयं दुर्घटना स्थल का दौरा किया, जहाँ उन्होंने पुल के निरीक्षण के बाद पीडब्ल्यूडी के अभियंता विभाग के साथ मिलकर जल्दी से जल्दी मार्ग पुनर्स्थापित करने का संकल्प व्यक्त किया।

IMD ने 6 अक्टूबर तक लाल चेतावनी जारी रखी है, और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने का निर्देश दिया। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्थायी शरणस्थल, भोजन व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कैंप स्थापित किए हैं।

कुल मिलाकर अब तक 45 बचाव कर्मियों, 12 एंबुलेंस, और दो हेलिकॉप्टरों को आपातकालीन कार्यों में जुटाया गया है।

पर्यटन और आर्थिक प्रभाव

पर्यटन और आर्थिक प्रभाव

मिरिक की ध्वस्त पर्यटन उद्योग इस मौसम में भारी झटका खा रहा है। पोस्ट‑मानसून सीजन आमतौर पर यहाँ की बुकिंग बढ़ाता है, पर अब 150 हजार से ज्यादा पर्यटक अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं। स्थानीय होटल, गाइड और छोटे व्यवसायियों के लिए यह आर्थिक नुकसान कई मिलियन रुपये का हो सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ऐसी प्राकृतिक आपदाएँ दोहराई गईं, तो पर्यटन‑गुज़रने के लिये बेहतर ढाँचे की आवश्यकता होगी, जैसे कि पुलों के लिए हाई‑स्ट्रींग तकनीक, बाढ़‑रोधी सड़कें, और वैकल्पिक एस्केप रूट।

भविष्य की तैयारी

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, सरकारी एजेंसियों को पहाड़ी क्षेत्रों में जल‑विज्ञान के विस्तृत सर्वेक्षण, समय‑समय पर ढलानों की स्थिरता जांच और नाबालिग बाढ़‑रोधी बुनियादी ढाँचा स्थापित करने की सिफ़ारिश की गई है। साथ‑साथ, स्थानीय जनसंख्या को चेतावनी प्रणाली के प्रति जागरूक बनाना, आपातकालीन निकासी योजना बनाना और ड्रोन‑आधारित निगरानी को अपनाना फायदेमंद रहेगा।

  • 261 मिमी वर्षा (दरजिलिंग, 24 घंटे)
  • 28 मृत्यु (जड़ित रिपोर्ट)
  • दुडिया आयरन ब्रिज का पूर्ण गिरावट
  • NH10 और NH717 बंद
  • NDRF की 3 टीमें तैनात

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस भूस्खलन से स्थानीय यात्रियों पर क्या असर पड़ा?

सिलगुड़ी‑दरजिलिंग के मुख्य मार्ग बंद होने के कारण कई यात्रियों को फँसा लेना पड़ा। अस्थायी शरणस्थलों में भोजन व पानी की कमी के कारण राहत कार्य तेज़ी से चल रहा है, पर अभी भी कई लोग सीधी पहुँच से वंचित हैं।

हिमाद्री पर्क्येत के परिवार को क्या जानकारी मिली है?

हिमाद्री पर्क्येत, कोलकाता के एक युवा पर्यटक, को मिरिक के एक बंजर स्थान पर खोया माना जा रहा है। उनके परिवार को अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली, पर स्थानीय पुलिस ने सर्वेक्षण जारी रखा है।

सरकार ने ब्रिज की मरम्मत के लिए क्या योजना बनाई है?

दरजिलिंग कलेक्टर प्रीति गोयल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के अभियंता विभाग ने तत्काल अस्थायी पुल स्थापित करने की योजना बनायी है, साथ ही मूल संरचना के पुनर्निर्माण के लिए विस्तृत ठेकेदार चयन प्रक्रिया शुरू होगी।

भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में सटीक जल‑विज्ञान सर्वेक्षण, नियमित ढलान स्थिरता मूल्यांकन और बाढ़‑रोधी बुनियादी ढाँचा निर्माण आवश्यक है। साथ ही, सामुदायिक चेतावनी प्रणाली और ड्रोन‑आधारित सतर्कता निगरानी को अपनाया जाना चाहिए।

भूस्खलन के आर्थिक असर पर क्या अनुमान हैं?

पर्यटन क्षेत्र पर तत्काल नुकसान लगभग 150 हजार से अधिक संभावित यात्रियों की रद्दीकरण से अनुमानित है, जिससे स्थानीय होटल, गाइड और रेस्टॉरेंट को कुल मिलाकर कई करोड़ रुपये का आर्थिक घाटा हो सकता है।

1 टिप्पणि

  • Poorna Subramanian

    Poorna Subramanian

    अक्तूबर 6, 2025 AT 04:46

    भारी बरसात के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण उपायों को तुरंत पुनरावलोकन करना चाहिए। सरकार को स्थानीय स्तर पर जल निकासी योजना को मजबूत करना होगा

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