भारतीय और रूसी आर्थिक संबंधों में एक नया मील का पत्थर स्थापित हो चुका है। रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने अपने भारत दौरे के दौरान कहा कि भारत अब रूस का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक सहयोगी बन गया है। यह संकेत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ट्रेड सेशन में दोनों देशों के अधिकारियों ने पारस्परिक व्यापार को $100 बिलियन तक पहुंचाने की इच्छा जताई।
फेडरल रिजर्व की जुलाई बैठक के लिए सबकी नजरें तैयार हैं, जहां अर्थशास्त्री और निवेशक भविष्य की मौद्रिक नीति पर संकेतों का इंतजार कर रहे हैं। ताजे आर्थिक डेटा से संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति फेड के लक्ष्य की ओर वापस लौट रही है, जो ब्याज दरों के फैसले को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में हम आर्थिक पूर्वानुमानों और वैश्विक व्यापार मुद्दों की चर्चा करेंगे।