रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद में आईटी दिग्गज कॉग्निजेंट के नए कैंपस की आधारशिला रखी
हैदराबाद में आईटी क्षेत्र का एक नया युग शुरू हो गया है। इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, कॉग्निजेंट, ने कोकापेट में अपने नए कैंपस की आधारशिला रखी है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस आयोजन को हरी झंडी दिखाई। इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू, विधायक प्रकाश गोड और अन्य कई अधिकारी भी मौजूद थे।
कॉग्निजेंट के नए कैंपस का विकास 10 लाख वर्ग फुट में किया जाएगा। यह केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डिजिटल इंजीनियरिंग और क्लाउड समाधान जैसे अत्याधुनिक तकनीकों पर न्यूनतम जुड़ाव करेगा। इस कैंपस के निर्माण से 15,000 लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे न केवल हैदराबाद बल्कि पूरे देश के आईटी क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि यह योजना हमारी सरकार की ऊर्जा और दूरदृष्टि का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि हाल ही में अमेरिका के दौरे के दौरान डी. श्रीधर बाबू और उन्होंने कॉग्निजेंट के सीईओ रवि कुमार से मुलाकात की और उन्हें हैदराबाद में पहल करने के लिए प्रेरित किया।
कॉग्निजेंट की स्थापना 1994 में चेन्नई में की गई थी, और 2002 में यह हैदराबाद में भी आई। आज इस कंपनी के आईटी कॉरिडोर में पांच कैंपस हैं और 57,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। यह कंपनी आईटी क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बन गया है। कंपनी ने हाल ही में 7,500 ताजगीयों को नौकरी दी है, जिसमें से कई ने इस मौके पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
डी. श्रीधर बाबू ने कहा कि इस नए कैंपस से हैदराबाद का आईटी हब का स्थान और भी मजबूत होगा। उन्होंने कॉग्निजेंट के प्रतिनिधियों को उनके अद्वितीय दृष्टिकोण और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
कॉग्निजेंट का योगदान
कॉग्निजेंट की बेजोड़ सफलताओं की कहानी कभी भी छोटे कारनामों से नहीं बनी है। अपने संस्थापना से अब तक, कंपनी ने अत्यधिक नवाचार और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार सेवाओं की पेशकश की है। 2002 में हैदराबाद में विस्तार के बाद, कंपनी ने अपनी सभी योजनाओं को साकार किया है।
जनवरी 2023 में, कॉग्निजेंट ने 7,500 नए लोगों को अपनी टीम में जोड़ा, जिससे उसकी कार्य बल में ताज़गी आई। कंपनी ने अपने महत्वपूर्ण विस्तार के हिस्से के रूप में नए प्रतिभाओं को न केवल अवसर दिए बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और विकास के कई पाठ्यक्रम भी प्रदान किए। इस नए केंद्र के शुरू होने से यह संख्या और भी बढ़ेगी।
हरित आईटी हब बनने की ओर
कॉग्निजेंट का यह नया कैंपस ग्रीन बिल्डिंग अवधारणाओं पर आधारित होगा जो पर्यावरणीय स्थिरता को भी बढ़ावा देगा। इस योजना में ऊर्जा बचत करने वाली सुविधाओं का समावेश होगा। पुनर्नवीनीकरण सामग्री, अक्षय ऊर्जा संसाधनों का उपयोग, और जल संरक्षण जैसे उपायों से इस कैंपस को एक पर्यावरण-मित्रता दृष्टिकोण से तैयार किया जाएगा।
नवीनतम तकनीकों का समावेश
इस नए केंद्र में, आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डिजिटल इंजीनियरिंग और क्लाउड समाधानों पर विशाल ध्यान दिया जाएगा। इन तकनीकों का उपयोग करके, कंपनी अपने ग्राहकों के लिए और अधिक प्रभावी और सटीक समाधान प्रदान करने में सक्षम होगी। यह कैंपस एक समाधान केंद्र के रूप में कार्य करेगा जहां नवीनतम नवाचार और तकनीकी प्रयास किए जाएंगे।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि यह पहल निश्चित रूप से हैदराबाद को एक प्रमुख आईटी हब बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के परियोजनाओं से नए निष्कर्ष और विकसित तकनीकों का लाभ सबसे अधिक मिलेगा।
कॉग्निजेंट ने हमेशा से नवाचार को बढ़ावा दिया है और यह नया कैंपस इसे और भी अधिक मजबूती देगा। यह योजना न केवल रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी बल्कि हैदराबाद को विश्व मानचित्र पर एक प्रमुख तकनीकी शहर के रूप में भी स्थापित करेगी।
Kirti Sihag
अगस्त 15, 2024 AT 01:56
इतना बड़ा प्रोजेक्ट, लेकिन क्या सच में शहर को बदल देगा? 😱
Vibhuti Pandya
अगस्त 23, 2024 AT 04:33
भाई, रेवंत साहब का बड़ा काम है, लेकिन हमें देखना होगा कि ये वास्तव में नौकरी के अवसर लाएगा या नहीं। मैं उम्मीद करता हूँ कि स्थानीय युवाओं को असली लाभ मिले।
Aayushi Tewari
अगस्त 31, 2024 AT 07:09
कॉग्निजेंट का नया कैंपस 10 लाख वर्ग फुट में विकसित होगा और इसमें एआई व मशीन लर्निंग जैसी उन्नत तकनीकें शामिल होंगी। यह पहल राज्य के आईटी इकोसिस्टम को मजबूत करेगी। साथ ही 15,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
Rin Maeyashiki
सितंबर 8, 2024 AT 09:46
यार लोग, यह तो मानो सपनों की शुरुआत ही है!
हैदराबाद की धड़कन अब और तेज़ हो जाएगी, क्योंकि कॉग्निजेंट जैसा दिग्गज यहाँ अपना नया कैंपस बना रहा है।
विचार करो, AI, ML, क्लाउड और डिजिटल इंजीनियरिंग के केंद्र में हमारा शहर स्थान पा रहा है।
ऐसे प्रोजेक्ट से न केवल स्थानीय प्रतिभा को मंच मिलता है, बल्कि देश के तकनीकी ध्येय को भी गति मिलती है।
अगर हम सही दिशा में कदम रखें तो 15 हजार नौकरियों का सर्जन आर्थिक परिदृश्य को भी बदल देगा।
हमारी युवा शक्ति को अब ठोस प्रशिक्षण और उन्नत उपकरण मिलेंगे, जिससे उनका कौशल वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा।
कम्पनी की हरित बिल्डिंग नीति पर्यावरण को भी बचाएगी, जो आज के समय में बहुत जरूरी है।
ऊर्जा बचत, पुनर्नवीनीकरण सामग्रियों का उपयोग, और जल संरक्षण की बात तो जैसे दो बत्तखों के साथ फेंगशुई हो!
ऐसे पहल से शहर की इमेज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊँची होगी।
पर साथ ही, हमें यह देखना है कि इस विकास में स्थानीय छोटे उद्योग और स्टार्ट‑अप को भी समर्थन मिले।
बड़े प्रोजेक्ट का छोटा असर भी हम नहीं भूल सकते।
एक और बात, इस कैंपस का बनना हमारे सार्वजनिक परिवहन को भी बेहतर बनाएगा, क्योंकि कर्मचारियों को रोज़ाना पहुंचना होगा।
यदि सरकार इस दिशा में और निवेश करे तो हैदराबाद सच्चा टेक हब बन सकता है।
आशा करता हूँ कि इस तरह की पहल से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी और देश का समग्र तकनीकी माहौल सुधरेगा।
चलो, हम सभी मिलकर इस परिवर्तन को सफल बनाते हैं, क्योंकि भविष्य का भारत ही हमारा लक्ष्य है।
Paras Printpack
सितंबर 16, 2024 AT 12:23
ओह वाह, इतना बड़ा कैंपस और फिर भी लोगों को रोज़गार की ‘ग्लैम’ चाहिए, है ना? 🙄
yaswanth rajana
सितंबर 24, 2024 AT 14:59
आपकी व्यंग्यात्मक टिप्पणी सही में प्रेरणादायक नहीं है; अगर आप सच में इस प्रोजेक्ट को समर्थन देना चाहते हैं, तो ठोस सुझाव दें-जैसे स्थानीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना या छोटे व्यवसायों के लिए सप्लाई चैन विकसित करना।
Roma Bajaj Kohli
अक्तूबर 2, 2024 AT 17:36
इस तरह के हाई‑टेक इन्फ्रास्ट्रक्चर बिना राष्ट्रीय आत्मविश्वास के नहीं बन सकता, हमें भारतीय टेक सॉल्यूशन्स को प्राथमिकता देनी चाहिए, वरना विदेशी डोमिनेशन फिर से बढ़ेगा।
Nitin Thakur
अक्तूबर 10, 2024 AT 20:13
इधर‑उधर की बातें मत करो इसको सच्ची नौकरी नहीं मिलती सेफ्टी तभी होगी जब असल में काम हो
Arya Prayoga
अक्तूबर 18, 2024 AT 22:49
परियोजना की खाली बातें नहीं, असली असर देखना है।
Vishal Lohar
अक्तूबर 27, 2024 AT 01:26
आह, कॉग्निजेंट का दीवाना! ये तो जरा भी परिपूर्ण नहीं, लेकिन फिर भी इस पैमाने की बातें सुनकर दिल कूदता है-मानो गुप्त शक्ति का आह्वान!
क्या हमें ऐसे बड़े दिग्गजों के पीछे फॉलो करना चाहिए, या अपनी स्वयं की राह बनानी चाहिए? यह प्रश्न हमेशा रहा है, लेकिन इस बार शायद उत्तर थोड़ा अलग हो।
Vinay Chaurasiya
नवंबर 4, 2024 AT 04:03
बिलकुल, इस दिग्गज की कॉलोनी को देखना-वास्तविक प्रगति?; नहीं, सिर्फ़ एक शोर।
Selva Rajesh
नवंबर 12, 2024 AT 06:39
इतनी बड़ी खबर में भावनाओं का समुंदर है-बिलकुल रोमांचक!
क्या सच्चाई में यह पहल हमारे शहर को बदल देगी? शायद, शायद नहीं, पर मैं इस कहानी के हर मोड़ को देखना चाहता हूँ।
Ajay Kumar
नवंबर 20, 2024 AT 09:16
यदि हम इन तकनीकी निवेशों को चेतनता के साथ देखते हैं, तो यह न केवल रोजगार बल्कि रचनात्मक सोच को भी पोषित करेगा।
Ravi Atif
नवंबर 28, 2024 AT 11:53
वा भई, नया कैंपस मतलब नया मौका! 🎉
आशा है कि यहाँ के लोग अच्छे vibes के साथ काम करेंगे और हम सब मिलके इसको मज़ेदार बनायेंगे।
Krish Solanki
दिसंबर 6, 2024 AT 14:29
वास्तव में, इस परियोजना की कार्यान्वयन पद्धति में कई संभावित जोखिम छिपे हैं, जिनमें बुनियादी ढाँचा, समयबद्धता और स्थानीय संसाधनों का समायोजन शामिल है। इन पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण आवश्यक है।
SHAKTI SINGH SHEKHAWAT
दिसंबर 14, 2024 AT 17:06
क्या आप जानते हैं कि इस कैंपस के पीछे अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के छिपे हुए लक्ष्य हो सकते हैं? यह सिर्फ़ एक सरकारी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक बड़े जासूसी जाल का हिस्सा हो सकता है, जिसका उद्देश्य डेटा को नियंत्रित करना है। कृपया सतर्क रहें।
sona saoirse
दिसंबर 22, 2024 AT 01:56
इन्हो ने तो सिरफ धुनिया कुच किया है, असली इम्पैक्ट तो नौकरी नहीं रहेगी पिलादे!!