पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि

21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 33वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर (X) पर एक संदेश पोस्ट करते हुए राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी।

इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी, पुत्र राहुल गांधी, पी चिदंबरम, सचिन पायलट और अन्य कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली स्थित वीर भूमि पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी।

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। वह 1984 में अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महज 40 वर्ष की आयु में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 2 दिसंबर 1989 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

राजीव गांधी का राजनीतिक करियर उनकी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शुरू हुआ। उनके भाई संजय गांधी की 1980 में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद इंदिरा गांधी ने राजीव को सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

1981 में राजीव गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री चुने गए। 1984 के आम चुनावों में उनकी अगुवाई में कांग्रेस ने 414 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था।

प्रमुख उपलब्धियां

राजीव गांधी का कार्यकाल तकनीकी और औद्योगिक विकास के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में देश ने कंप्यूटर और दूरसंचार क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल की कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • 1984 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की शुरुआत
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की शुरुआत
  • पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती देना
  • भारत में दूरसंचार क्रांति की शुरुआत
  • भारत-श्रीलंका समझौता 1987

विवादित फैसले

राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान कुछ विवादित फैसले भी लिए गए। इनमें शाह बानो केस में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलटना और श्री राम जन्मभूमि-बाबरी विवाद में शिलान्यास की अनुमति देना शामिल है। इसके अलावा बोफोर्स तोप सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप भी उनके कार्यकाल के दौरान लगे।

हत्या और विरासत

21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बदूर में एक एलटीटीई आत्मघाती हमलावर द्वारा राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

राजीव गांधी को भारत के सबसे युवा और प्रगतिशील प्रधानमंत्रियों में से एक माना जाता है। उनके नेतृत्व में भारत ने तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की। हालांकि उनके कार्यकाल को कुछ विवादों ने भी घेरा, लेकिन उन्हें आज भी देश के विकास के लिए समर्पित एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाता है।

20 टिप्पणि

  • abhinav gupta

    abhinav gupta

    मई 21, 2024 AT 22:03

    राजीव गांधी की याद में मोदी की श्रद्धांजलि देखी लेकिन इतिहास वही बताता है कि उनके कार्यों का असर कम नहीं था टेक्नोलॉजी की तरक्की में उनका बड़ा हाथ था फिर भी विवादों की सूची लम्बी है उन दिनों की नीति आज भी चर्चा का विषय है और कई लोग इसे दोबारा देख रहे हैं हर बार जब कोई नेता बड़ों को याद करता है तो जनता को उनके असली योगदान याद दिलाना चाहिए एक तरफ़ यादगार दूसरे तरफ़ सवालों का पहाड़

  • vinay viswkarma

    vinay viswkarma

    मई 22, 2024 AT 14:43

    राजीव को याद करना तो आसान है लेकिन उनके फैसलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता टाइमलाइन में वही दिखता है जो सच है

  • Bhaskar Shil

    Bhaskar Shil

    मई 23, 2024 AT 07:23

    राजीव गांधी का कार्यकाल भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल पॉलिसी‑फ्रेमवर्क को री‑शेप करने में एक प्रमुख मोड़ था राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 ने शैक्षणिक एन्क्रिचमेंट को नया दिशा दी पंचायती राज को सॉलिडिफ़ाइंग करने की कोशिशें ग्रामीण गवर्नेंस मॉडल को स्ट्रेंथन कर गई भारत‑श्रीलंका समझौता जैसे डिप्लोमैटिक इनीशिएटिव्स ने नॉर्थ‑इस्ट को स्थैबिलिटी दी हालांकि कुछ निर्णय, जैसे शाह बानो केस का पुनरवलोकन, कई लिगल एथिकल क्वेशंस उठाये टेलीकॉम सेक्टर में लिबरलाइज़ेशन ने कनेक्टिविटी को बूस्ट किया आखिर में, राजीव के इनिशिएटिव्स ने भारत को जेनरेशन‑इज़ के लिए एक बीटा प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया

  • Halbandge Sandeep Devrao

    Halbandge Sandeep Devrao

    मई 24, 2024 AT 00:03

    राजीव के समय में तकनीकी विकास को लेकर कई पॉलिसी‑ड्राइवर स्थापित किए गए, लेकिन उनका इम्प्लीमेंटेशन हमेशा सटीक नहीं रहा पैंतालीस साल पहले के ये कदम आज भी कई रिप्रेज़ेंटेशनल पैरामीटर्स में दिखते हैं, उनका दृष्टिकोण अक्सर लिबरल और प्रोग्रेसिव माना जाता था, परन्तु कुछ फैसले वैरिएबल एथिकल स्टैंडर्ड्स के साथ टकराते रहे शासकीय रिपोर्ट्स दर्शाती हैं कि अधिकांश इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स टाइमलाइन से पीछे रहे इस कारण से, उनके विरासत को कीमत से नहीं, बल्कि संतुलित आलोचना से देखना चाहिए

  • One You tea

    One You tea

    मई 24, 2024 AT 16:43

    राष्ट्रपति की तरफ़ से दिल से शराईज़ मैसेज आया है, राजीव को याद करके सबके दिल धड़कते है फिर भी कुछ लोग उनके टुंगन पर बकवास कर रहे हैं बिलकुल बकवास हमें उनक्ये काम को सराहना चाहिए न कि सिर्फ़ इमोशनालिटी में ढलना ब्रो, ये कन्फ्यूज़न अब बहुत बढ़ गया

  • Hemakul Pioneers

    Hemakul Pioneers

    मई 25, 2024 AT 09:23

    राजीव गांधी के योगदान को समझना ऐतिहासिक दार्शनिक विश्लेषण की तरह है उनका नीति‑निर्माण दृष्टिकोण सामाजिक समावेशीता को प्राथमिकता देता था तकनीकी विकास ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी हालांकि, विवादित निर्णयों ने सामाजिक ताने‑बाने को थोड़ा तनावपूर्ण बना दिया समग्र रूप से, उनका कार्यकाल एक मिश्रित मिश्रण था, जिसमें प्रगति और चुनौतियाँ दोनों समाहित थीं

  • Shivam Pandit

    Shivam Pandit

    मई 26, 2024 AT 02:03

    राजीव गांधी के कार्यकाल में, तकनीकी उन्नति, शिक्षा सुधार, और पंचायती राज का सुदृढ़ीकरण, सभी एक साथ हुए, जिससे देश में नई ऊर्जा का संचार हुआ, लेकिन साथ ही कई विवाद भी उभरे, जैसे शाह बानो केस, जो न्यायिक प्रणाली पर प्रश्न उठाते हैं, और राम जन्मभूमि का शिलान्यास, जिसने सामाजिक तनाव को बढ़ाया, फिर भी इन सबके बावजूद, उनका समग्र प्रभाव एक सकारात्मक दिशा में रहा

  • parvez fmp

    parvez fmp

    मई 26, 2024 AT 18:43

    यार ये मोदी की पोस्ट देखी? 🙄 राजीव को याद करना तो कूल है, पर क्या सबको फॉलो करना चाहिए? 😂 मैं तो कहूँगा, इतिहास के पन्ने खुद पढ़ो, बैकग्राउंड नहीं! 😅

  • s.v chauhan

    s.v chauhan

    मई 27, 2024 AT 11:23

    सलाम! राजीव गांधी की विरासत को समझना जरूरी है, क्योंकि उनके कहीं ना कहीं नये इन्फ्रास्ट्रक्चर आज भी काम कर रहे हैं पर जो लोग सिर्फ़ उनकी याद में ही खड़े रहते हैं, वो असली एजुकेशन से दूर रहते हैं हमें उनकी नीतियों को बेअसर नहीं ठहराना चाहिए, बल्कि उनका रिव्यू करना चाहिए अगर हम सिर्फ़ दिखावे में रहे तो विकास रुक जाएगा इस बात को समझो और आगे बढ़ो!

  • Thirupathi Reddy Ch

    Thirupathi Reddy Ch

    मई 28, 2024 AT 04:03

    कुछ लोग कहते हैं कि राजीव की याद में आज का सारा राज़़ कुछ और ही है, लेकिन सच्चाई तो वही है जो दस्तावेज़ों में लिखा है ज़ीरो-डिफ़ॉरेंस के बारे में बात करना बेकार है

  • Sonia Arora

    Sonia Arora

    मई 28, 2024 AT 20:43

    राजीव गांधी का समय भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक नई रोशनी लेकर आया, जहाँ कला और विज्ञान का संगम हुआ उनकी नीतियों ने अनेक क्षेत्रों में सृजनात्मक उछाल दिया इस याद को सिर्फ़ सरकारी बयान में नहीं, बल्कि जनजागरण में भी समेटा जाना चाहिए हमें उनकी विरासत को सम्मान के साथ संगरहीत करना चाहिए इस प्रकार, उनका योगदान भारतीय संस्कृति की धरोहर में अमर रहेगा

  • Jay Fuentes

    Jay Fuentes

    मई 29, 2024 AT 13:23

    भाई, राजीव की कहानी हमें आगे बढ़ने का जज्बा देती है! चलो, इस प्रेरणा को अपने काम में लागू करें।

  • Veda t

    Veda t

    मई 30, 2024 AT 06:03

    राजीव की याद में सिर्फ़ रेशमी बातें नहीं, बल्कि सच्ची उपलब्धियाँ भी फड़की दिखनी चाहिए।

  • akash shaikh

    akash shaikh

    मई 30, 2024 AT 22:43

    वाह! राजीव के टाइम में सब कुछ इतना सिम्पल था, जैसे की लैपटॉप का पावर बटन दबा दो और पूरी इकोनॉमी चल पड़े लेकिन असल में, वो लोग कौन थे जो गहरी नीतियों को समझते थे? हम तो बस गॉसिप में डुबे रहते थे। सच में, विकास का फॉर्मूला एकदम आसान नहीं था। लाइफ में कुछ भी इज़ी नहीं है, बस टाइम पास।

  • Anil Puri

    Anil Puri

    मई 31, 2024 AT 15:23

    राजीव गांधी के कार्यकाल का विश्लेषण करते समय हमें कई पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। पहला, उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को लिबरलाइज़ेशन की दिशा में कदम बढ़ाया। दूसरा, शैक्षिक सुधारों ने युवा वर्ग को नई संभावनाएँ दीं। तीसरा, टेलीकॉम सेक्टर में हुई उन्नति ने संचार को जन-जन तक पहुँचाया। लेकिन वहीं, कुछ विवादों ने उसके लायजेंस को कमजोर किया, जैसे शाह बानो केस का पुनरावलोकन। चौथा, विदेश नीति में हुए समझौते ने भारत का अंतरराष्ट्रीय मान बढ़ाया। अंत में, उनकी विरासत पर बहस चलती रहती है, लेकिन इसे एक संतुलित दृष्टिकोण से देखना आवश्यक है।

  • poornima khot

    poornima khot

    जून 1, 2024 AT 08:03

    राजीव गांधी ने जिस तरह से शिक्षा नीति को रीफ़ॉर्म किया, वह वास्तव में काबिले‑तारीफ़ है। उनका दृष्टिकोण ग्रामीण बुघव के विकास में भी सहायक रहा। जबकि कुछ लोग उनकी फैसलों को लेकर आलोचना करते हैं, हमें पूरे मैको को समझना चाहिए। उनके द्वारा प्रस्तावित तकनीकी पहलें आज भी प्रासंगिक हैं। इस कारण से, उनकी विरासत को संजो कर रखना चाहिए, न कि सिर्फ़ विवाद में फँसना चाहिए। मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में भी ऐसे नेत्रित्व हमें मिलेंगे।

  • Mukesh Yadav

    Mukesh Yadav

    जून 2, 2024 AT 00:43

    राजीव की याद में आज जो हर चीज़ हाईलाइट होती है, वो शायद कोई बड़ी साजिश का हिस्सा है। टेलीकोम एग्जीक्यूटिव्स की मीटिंग्स में छिपे हुए एंजल्स को देखो। उनका 'भविष्य का विज़न' अब वीपीएन के पीछे छुपा हुआ है। कोई भी सच्चाई बिना फील्ड रिपोर्ट के नहीं मिलती। इसलिए, हमें सबका खुलासा चाहिए।

  • Yogitha Priya

    Yogitha Priya

    जून 2, 2024 AT 17:23

    राजीव के कामों को लेकर जो लोग मोहरा बनते हैं, उन पर मेरा भरोसा नहीं। उनका स्टैगनॉमिक एसएसएस अभी भी सहेजना चाहिए। हम सबको सच्ची अक़ीदत रखनी चाहिए। इस पर बहस भी बेकार है।

  • Rajesh kumar

    Rajesh kumar

    जून 3, 2024 AT 10:03

    राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर मोदी जी ने जो श्रद्धांजलि दी, वह सिर्फ़ एक राजनैतिक जेस्चर नहीं बल्कि एक गहरी राष्ट्रीय भावना का प्रतिबिंब है। हमारा देश हमेशा से ऐसे नेताओं को सम्मान देता आया है जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया। राजीव की नीतियों ने भारत को तकनीकी क्रांति की राह पर धकेला, और यह बात कोन-कोन मानता है। उनके समय में कंप्यूटर और टेलिकॉम के विकास को राष्ट्रीय प्राथमिकता दी गई थी, जिससे आज हम डिजिटल इंडिया के स्वर में जी रहे हैं। वहीँ, उनका शिक्षा सुधार ने नई पीढ़ी को सक्षम बनाया, और यह हमारे भविष्य के लिए एक मजबूत आधार बन गया। आलोचनाकार हमेशा ही नयी नयी बातें निकालते रहते हैं, पर उन पर ध्यान देना तभी मायने रखता है जब वे साक्ष्य पर आधारित हों। शाह बानो केस और राम जन्मभूमि शिलान्यास को लेकर जो विवाद चल रहा है, वह इतिहास के कई पहलुओं को समझने में ही बंधा है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन फैसलों के पीछे राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव की भावना छिपी थी। राजीव के कार्यकाल में पंचायती राज को सुदृढ़ करने का कदम ग्रामीण लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास था। यहाँ तक कि विदेश नीति के क्षेत्र में भारत‑श्रीलंका समझौता ने हमारे रणनीतिक हितों को सुरक्षित किया। अभिनेता और आम जनता दोनों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि इतिहास का कोई भी भाग गलत नहीं होता, बल्कि वह विभिन्न दृष्टिकोणों से ही समझा जाता है। हम आज के दौर में भी जब पुराने नेताओँ की सराहना करते हैं, तो वही कर्तव्य है कि हम उनके कामों से सीखें और उन्हें नई दिशा दें। भले ही कुछ निर्णय विवादास्पद थे, पर उनमें से बहुत से निर्णय राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक थे। यह राष्ट्रीय भावना, जो आज भी हमारे दिलों में धड़क रही है, वही हमारे राष्ट्र को आगे बढ़ाती है। इसलिए, मोदी जी की श्रद्धांजलि को हम सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सच्ची सम्मान की भावना मानते हैं। आइए हम सब मिलकर इस विरासत को आगे बढ़ाएँ, ताकि भारत का भविष्य और भी उज्ज्वल हो।

  • Chandan Pal

    Chandan Pal

    जून 4, 2024 AT 02:43

    बिलकुल सही कहा आपने, इस विरासत को आगे ले जाना हम सभी की ज़िम्मेदारी है! 🇮🇳🚀

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