पेरिस 2024 पैरालिंपिक्स के चौथे दिन भारतीय एथलीटों ने एक बार फिर अपनी शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया। इस दिन की शुरूआत हुई महिला 10 मीटर एयर राइफल SH1 इवेंट से, जहां भारत की अवनी लेखरा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। यह अवनी का इस प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक था, जिसने उन्हें पैरालिंपिक्स इतिहास के शीर्ष एथलीटों में शामिल कर दिया।
इस दिन के अन्य मुख्य आकर्षणों में प्रीति पाल का नाम प्रमुखता से शामिल था। प्रीति ने पहले महिला 100 मीटर T35 इवेंट में रजत पदक जीता था और अब महिला 200 मीटर T35 के फाइनल में भी उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। उनके इस प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और भारतीय दल के पदक संग्रह में इजाफा किया।
चौथे दिन के मुकाबलों की बात करें तो निशानेबाजी के साथ-साथ पैरा बैडमिंटन में भी भारतीय एथलीटों ने हिस्सा लिया। मंजीत कौर और पलक कोहली ने बैडमिंटन में जोरदार प्रदर्शन किया लेकिन भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और वे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हारकर बाहर हो गईं। मंजीत कौर का मुकाबला कोलंबिया की मैरिएला एनीओला बालाजी से हुआ था, जिसमें मंजीत को कड़े संघर्ष के बावजूद हार का सामना करना पड़ा।
इन सभी मुकाबलों के बीच, पैरा रोइंग इवेंट भी जोरदार रहा, जिसमें अनिता और नरायण कोंगानापल्ली की जोड़ी ने PR3 मिक्स्ड डबल स्कल्स फाइनल में हिस्सा लिया। हालांकि उन्हें पदक नहीं मिला, लेकिन उनके प्रयास की सराहना की गई।
चौथे दिन का एक और बड़ी खबर थी निशाद कुमार का प्रदर्शन, जिन्होंने पुरुषों की हाई जम्प T47 इवेंट में रजत पदक जीता। निशाद का यह पदक भारत की कुल पदक संख्या में महत्वपूर्ण योगदान करता है और उनके इस प्रदर्शन से प्रेरणा लेते हुए और भी एथलीटों ने अपने खेल में और निखार लाने का संकल्प लिया।
इसके अलावा, भारतीय शूटर सिधार्थ बाबू ने मिक्स्ड 10 मीटर एयर राइफल प्रॉन SH1 इवेंट में भी अपनी चुनौती पेश की। सिधार्थ का प्रदर्शन संधारित नहीं हो पाया और वह फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके, लेकिन उनके इस शानदार प्रयास को सबने सराहा।
भारतीय एथलीटों की इस रोमांचक भागीदारी के साथ पेरिस 2024 पैरालिंपिक्स में भारत ने अपने टोक्यो 2020 के पदक संख्या को पार करने की ओर मजबूत कदम बढ़ा लिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में भारतीय एथलीट अपनी उत्साहजनक प्रदर्शन से और कितने पदक देश के नाम कर पाते हैं। पेरिस 2024 पैरालिंपिक्स के हर दिन नए रिकॉर्ड और नई कहानियों के साथ जुड़ता जा रहा है, जिसमें भारतीय एथलीटों का योगदान महत्वपूर्ण है।
विश्व भर के खेल प्रेमियों के लिए यह एक विशेष अवसर है जब वे भारतीय एथलीटों के असाधारण प्रयासों और उनके साहसिक कहानियों को देख रहे हैं। क्योंकि यह न केवल खेल का मुकाबला है, बल्कि यह उन जीवंत उदाहरणों का भी एक प्रदर्शन है, जो दर्शाते हैं कि कैसे मजबूत इच्छाशक्ति और अटूट संकल्प के बल पर कोई भी व्यक्ति दिक्कतों को मात देकर ऊंचाइयों को छू सकता है। भारतीय पैरालंपिक दल की यह यात्रा आगे भी ऐसी ही उम्मीदें और उत्साह के साथ आग बढ़ती रहेगी।
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