नए साल के संकल्प क्यों होते हैं असफल: जानें कैसे बनाएं उन्हें सफल

नए साल के संकल्प क्यों होते हैं असफल: जानें कैसे बनाएं उन्हें सफल

क्या होती हैं नए साल के संकल्प की असफलताएँ?

हर साल लाखों लोग नए साल की शुरुआत आत्मनिरीक्षण और परिवर्तन के इरादे से करते हैं। उनके दिमाग में कई बार एक साफ विज़न होता है कि वह क्या हासिल करना चाहते हैं। फिर भी, कुछ महीनों के भीतर ही, बहुत से लोग अपने लक्ष्यों से भटक जाते हैं। इसका मुख्य कारण है अत्यधिक सामान्य, अव्यवस्थित और नापा-तौला हुआ लक्ष्य रखना। विशेषज्ञ बताते हैं कि नए साल के संकल्प अक्सर विशाल और अस्पष्ट होते हैं। जैसे 'वजन घटाना'। यह लक्ष्य रखने के लिए सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इसका कोई विशेष मार्गदर्शन नहीं होता। यही स्थिति 'अधिक पढ़ाई करना' या 'बेहतर संबंध बनाना' जैसे लक्ष्यों के साथ होती है। लक्ष्यों की अस्पष्टता और विशालता प्रगति का स्पष्ट मार्ग नहीं देती हैं।

विशिष्टता का महत्व

डॉ. स्टीफेन ग्रैफ, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर के एक खेल मनोवैज्ञानिक, इस पुनः समस्या का समाधान बताते हैं। उनका कहना है कि बहुत ही बड़े और व्यापक लक्ष्यों को टूटे हुए भागों में बांटकर छोटे और प्रबंधनीय लक्ष्य बनाना जरूरी है। वजन घटाने के बजाय, हर हफ्ते आधा किलो वजन कम करने का लक्ष्य रखें। सड़क पर स्थिति को कठिन बनाना आसान हो सकता है। आप दौड़ की एक लंबी रेस में उतरी के बजाय पहले छोटे राउंड में दौड़ना शुरू करें। इसी तरह, यदि आप एक महीने में एक किताब पढ़ना चाहते हैं, तो इसे कुछ पेज प्रतिदिन पढ़ने का लक्ष्य बना सकते हैं।

संरचना और प्राथमिकता बनाएं

यह सलाह दी जाती है कि एक समय पर एक ही लक्ष्य पर ध्यान दिया जाए। यह नृतत्वकता और संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जब लोग एक ही समय पर बहुत सारे लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश करते हैं, तो यह उन पर भारी पड़ सकता है। एक के बाद एक, एक समय पर एक लक्ष्य को प्राप्त करने की मानसिकता केवल उन्हें पूरा करने में मदद करती है, बल्कि सफलता की दिशा में प्रेरित भी करती है। मानव मस्तिष्क स्वाभाविक रूप से बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए डिज़ाइन नहीं होता, बल्कि यह एक के बाद एक के प्राथमिकताओं पर ध्यान देता है।

अंतरात्मा की सुनें

अंतरात्मा की सुनें

कॉलेज ऑफ मिनेसोटा के सेंटर फॉर स्पिरिचुअलिटी एंड हीलिंग की इंटीग्रेटिव हेल्थ कोचिंग प्रोग्राम की निदेशक डॉ. करेन लॉसन के अनुसार, व्यक्ति जब दूसरों की अपेक्षाओं के अनुसार लक्ष्य बनाते हैं, तो वह इसमें कामयाब नहीं हो पाते। बाहरी प्रेरणाओं के बजाय, हमें अपने अंदर के आंतरिक इच्छाओं और जरूरतों को समझना चाहिए। जीवन में वही चीज़ें ऊर्जा देती हैं जो हमारे दिल से जुड़ी होती हैं। जो संकल्प दूसरों की अपेक्षाओं पर आधारित होते हैं, वे लंबे समय तक टिक नहीं सकते।

स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें

स्वास्थ्य और संबंध दोनों ही प्रकार के लक्ष्यों को साधना काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर बहुत प्रभाव डालता है। स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने से मानसिक और भावनात्मक स्थिति भी सुदृढ़ हो सकती है। यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ है, और वह लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर सकते हैं। उसी प्रकार, सामाजिक स्तर पर अच्छे संबंधों के लक्ष्य को ध्यान में रखना भी आवश्यक है, क्योंकि इससे व्यक्ति के नेटवर्क और समर्थन तंत्र का निर्माण होता है।

अक्सर सफल होते देखने के तरीके

शोध और विशेषज्ञ सलाह के अनुसार, किसी भी नए साल के संकल्प को सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें छोटे, स्पष्ट और प्रबंधनीय भागों में विभाजित किया जाए। इसके अलावा, अंतर्निहित रुचियों और इच्छाओं से जुड़े संकल्प ज्यादा सफल होते हैं। ये संकल्प व्यक्ति के मस्तिष्क और शरीर को एक बेहतर दिशा में चलते रहने में मदद करते हैं। छोटे लक्ष्यों को रोपते हुए यह समझना आवश्यक है कि निरंतर प्रगति के लिए अनुशासन और मानसिक शक्ति को बनाए रखना होता है।

संकल्प को वास्तविक बनाएं

सही लक्ष्यों को बनाना और उन्हें समय के साथ अनुभवी बनाना, सफलता की कुंजी है। एक लक्ष्य को प्राप्त करने का संतोष और आत्मविश्वास आपको भविष्य के लक्ष्यों के लिए मजबूत बनाता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने लक्ष्यों को चरणबद्ध तरीके से बनाए रखें। यह सिर्फ शारीरिक लक्ष्य नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी शामिल करता है, जिन्हें हम स्वास्थ्य सम्बंधित संकल्पों में छोड़ देते हैं।

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